गुरुवार, 18 सितंबर 2014

दिशा शुभ =वास्तु =संध्या काल में न करें ये काम, वरना छिन जाएंगे सुख-चैन

                                              वास्तु में जहां दिशाओं को अहमियत दी गई है, वहीं वस्तुओं के रख-रखाव, स्वच्छता और साफ-सफाई को भी काफी महत्व दिया गया है। आज हम आपको बता रहे हैं घर में सामान सलीके से रखना क्यों है जरूरी और कैसी मुसीबतें आती हैं यदि घर का सामान हमेशा बिखरा पड़ा रहे..

- जानिए, घर में फैली वस्तुएं आपके लिए कैसी मुसीबतें लाती हैं
कहते हैं घर में सामान यदि आप सहेज कर रखने के आदी नहीं और हर तरफ आपका सामान बिखरा पड़ा रहता है तो समझ लें कि इससे आपको मानसिक तनाव, पारिवारिक झमेलों के साथ-साथ आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ेगा।. घर में फैलीं वस्तुएं घर में मौजूद पॉजिटिव एनर्जी को नष्ट करने लगती हैं और यह अपना अलग नेगेटिव प्रभाव छोड़ती हैं। इससे परिवार के सदस्यों के आपसे रिश्ते भी खराब होने शुरू हो जाते हैं। मानसिक तनाव के साथ-साथ मनमुटाव काफी बढ़ जाता है। बेवजह के कलह-क्लेश घर में होनी शुरू हो जाती है।घर में बिखरे सामान दरिद्रता को अपनी ओर खींचती है। धन संबंधी परेशानियां अपना जगह बनाना शुरू कर देती है और लक्ष्मी इस घर से रूठ कर चली जाती है। वास्तु के नियम कहते हैं कि घर में रखी गई चीजें यदि अच्छी तरह से और सलीके से हों, जिससे घर की खूबसूरती खिली सी लगे, इस घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। वैसे घर में धन से संबंधित मुसीबतें नहीं आती और परिवार के लोगों में आपसी प्रेम भाव हमेशा बरकरार रहता है। 

        घर बनाते या खरीदते वक्त हो सकता है आपने यह सेचा न हो कि आपके मुख्य दरवाजे की दिशा आपकी तिजोरी के हाल से भी जुड़ी है। जी हां, वास्तु के अनुसार घर का मुख्य दरवाजा यदि सही दिशा में न हो तो आपके धन-सम्पत्ति का विनाश तक हो सकता है। 
आइए जानें, दरवाजे के लिए कौन सी दिशा शुभ है और कौन सी अशुभ। यदि अशुभ दिशा में हो दरवाजा तो उसे शुभ बनाने के लिए क्या हैं उपाय... कहते हैं दरवाजे की दिशा सही न हो तो आपके घर का पैसा किस कदर हाथ से बह जाएगा, आपको पता भी नही चलेगा। ऐसे में घर की बरकत रुक जाती है।
             घर की दरवाजा यदि पूर्व में हो तो कहते हैं कि वह परिवार ऋण के बोझ तले ऐसा दब जाता है, जिससे उबरना उनके लिए एक बेहद मुश्किल काम होता है। इससे होनेवाले अपशकुन को दूर करने के लिए किसी सोमवार को घर के दरवाजे के बीच रुद्राक्ष लटका दें और पहले सोमवार को भगवान शिव का स्मरण कर श्रद्धापूर्वक हवन कार्य करें। यह पूर्व दिशा में मौजूद दरवाजे के अपशकुन को दूर कर सुख-समृद्धि को घर में प्रवेश करने के लिए रास्ता देता है।
          
यदि दरवाजा पश्चिम दिशा में हो तो यह दिशा भी शुभ नहीं है। कहते हैं इस दिशा में दरवाजे की मौजूदगी आपके सुख-समृद्धि को दरवाजे से बाहर छोड़ आती है। इसके दोष को खत्म करने के लिए किसी रविवार को दरवाजे के सामने नारियल और कुछ सिक्के रखें और फिर इसे लाल कपड़े में बांधकर दरवाजे के बाहर लटका दें। इसके बाद सूर्य के मंत्र से हवन करना श्रेष्ठ कहा गया है। ऐसा करने से इस दिशा के दो, दूर हो जाएंगे और आपके घर धन-सम्पत्ति की वृद्धि शुरू हो जाएगी।
                  
यदि मुख्य दरवाजा उत्तर दिशा में हो तो यह आपकी सुखृ-समृद्धि और धन-सम्पत्ति की दृष्टि से श्रेष्ठ है। लेकिन, दिशा दोष का एहसास हो रहा हो तो एक काम कर सकते हैं। गुरुवार को पीले फूलों की माला अपने गेट पर लगाएं और भगवान विष्णु की आराधना करें। आपकी समस्याओं का समाधान होगा।
                   
दक्षिण दिशा में दरवाजे का होना वास्तु में सबसे गलत माना गया है। कहते हैं कि यदि दरवाजा दक्षिण में हो तो घर वाले को हमेशा आर्थिक संकटों से जूझना ही पड़ता है। इसके लिए बुधवार या गुरुवार के दिन नींबू धागे में बांधकर दरवाजे पर लटका दें। इसके अलावा सात कौड़ी भी धागे में पिरोकर आप अपने दरवाजे पर लटका सकते हैं। इससे घर में बरकत आ जाती है।      
                             संध्या काल में न करें ये काम, वरना छिन जाएंगे सुख-चैन        
     
  कहते हैं संध्‍या काल यानी शाम के समय कुछ ऐसे काम हैं जो वर्जित हैं और इन्हें करने से देवता रूठ जाते हैं।
यहां चार काम ऐसे बताए जा रहे हैं, जिन्हें शाम के समय करने पर व्यक्ति को शारीरिक परेशानियों के साथ-साथ आर्थिक दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है।
            संध्या काल में प्रेम-प्रसंग की भी पाबंदी बताई गई है। यदि कोई ऐसा करते हैं तो उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का खतरा बना रहता है। कहा जाता है कि संध्या काल में मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं। ऐसे में आप यदि इस नियम का पालन नहीं करते हैं तो मां लक्ष्मी आपसे नाराज हो सकती हैं और उनकी कुदृष्टि की आप शिकार हो सकते हैं।
           शास्त्रों के अनुसार हमें संध्या काल में भोजन नहीं करना चाहिए। कहते हैं, जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें अक्सर ही पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि बहुत ज्यादा भूख लगी भी हो तो इस वक्त आप हल्का-फुल्का नाश्ता या फल आदि ले सकते हैं। हां, यदि कोई बुजुर्ग या बीमार है तो यह नियम उनपर लागू नहीं होता।
तीसरा अपवाद है शाम के समय सोना। यदि आपको संध्या काल में सोना पसंद है तो सतर्क हो जाइए, क्योंकि यह आपके लिए कमजोरी, अनिद्रा और कई बीमारियों को लेकर आता है। इससे मोटापा की भी समस्या बढ़ जाती है।
 संध्या काल में ये 4 काम करेंगे तो होगी शारीरिक और आर्थिक परेशानियां
शाम के समय वेद पाठ भी न हो तो बेहतर है। इस समय देवी-देवताओं की का स्मरण और उनका ध्यान करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। वेद पाठ एक खास कर्म हैं, जिन्हें कभी भी और कैसे भी करना उचित नहीं माना गया है। इसे ब्रह्म मुहूर्त में करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
शास्त्रों में लिखा भी गया है कि-
वारि खलु कार्याणि सन्ध्याकाले विवर्जयेत्।
आहारं मैथुनं निद्रां स्वाध्यायञ्च चतुर्थकम् ॥
इस श्लोक में इन्हीं चार कामों का विवरण है, जिन्हें शाम के समय नहीं करना चाहिए।

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