शनिवार, 15 जून 2013

जाने स्वयं को ?[भाग -2 ]

तुला-आप अपनी राशि चिन्ह के अनुसार प्रत्येक बात में तोलमोल करते है इस कारण असफलताएं आप से दूर रहती है आप स्वयं सुन्दर है और स्वच्छता , सौन्दर्य एवं कला प्रिय है!आप कैरियर में सरलता से लक्ष्य प्राप्त करलेते हैं किन्तु भौतिक सुखों के प्रति आप ज्यादा ध्यान देते हैं आप अपनी गरिमा बनाये रखने और संतुलित जीवन जीने केलिए शनि देव की पूजा करें !
वृश्चिक -आप ऊपर से शांत किन्तु अंदर ही अंदर आपके दिमाग में एक साथ कई बातें चलती रहती हैं !यूँ तो आप सांसारिक और भौतिकवादी हैं किन्तु आप में भावनाओं का भी उचित समावेश है आप दृढ़ निश्चयी होने के साथ-साथ अवसरवादी भी हैं आपको जोचाहिए होता है ,उसे आप  प्राप्त कर के ही रहते है! इसराशि का स्वामी मंगल होने के कारण कुछ अवगुण भी आप में आ जाते हैं जैसे :-क्रोध ,जलन ,शंका ,कटाक्ष करना ,बदला लेना ,बात बदलना चोरी से कार्य करना जोखिम उठाकर कार्य करना आदि खुद को ग्रहों की मार से बचाने केलिए बृहस्पति भगबान की पूजा करें !
धनु -इस राशि का स्वमी बृहस्पति है जो यह बताता है कि आप में एक अच्छे राजा के सभी गुण विद्यमान है आप दार्शनिकता ,मानवता ,सहजता से परिपूर्ण है !आप नये क्षेत्रों की खोज और विकास के प्रति लालायित रहते है आप बुद्धि चातुर्य के प्रयोग से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर बिभिन्न उच्च पदों पर आसीन हो जाते है !आप सकारात्मक सोच के कारण असफलताओं से निराश नही होते है !आप ईश्वर भक्त है किन्तु आप में कुछ अवगुण भी है जैसे -आप दूसरों की गलतियाँ गिनाते है ,बहस करते है ,लोगो को भले -बुरे का उपदेश देते है जिससे दूसरों की नजरों में गिर जाते है !आप इन अवगुणों को दूर करने के लिए भगवान विष्णु की पूजा करें !
मकर -आप व्यवहारिक ,व्यस्थित ,संगठित और धरातलवादी हैं दृढ निश्चय,कठोर परिश्रम ,और उच्च प्रबन्धन कौशल के कारण आप सहजता से लक्ष्य हासिल कर लेते हैं !आप नेतृत्व प्रधान ,स्थायी सम्बन्धों में विश्वास रखने वाले है किन्तु आप संकोची प्रवृत्ति के होने के कारण दूसरों से विचारों को शेयर नहीं करते जिससे विकास वाधित होता है ,आप विरोधियों को परास्त करने में निपुण है !आत्मविश्वास में वृद्धि के लिए सूर्य देव को जल अर्पित करें !
कुम्भ -आप स्वतंत्र विचारक,परोपकारी ,वाकपटु ,मित्रों और जीवनसाथी के प्रति आत्मीय सम्बन्धों को रखने वाले है !आप स्वछता और सौन्दर्य प्रिय है किन्तु आप क्रोधी, द्वेष भावना पूर्ण होने के कारण बदला लेने में उतावले और झुझलाहट भरे होजाते है जिससे लोग आप से दुरी बना लेते है !अपनी समस्याओं को दूर करने केलिए गुरुवार का व्रत करें ,महालक्ष्मी या दुर्गा की आराधना करें !
मीन -आप का व्यक्तित्व आप के राशि चिन्ह दो मछलियों की विपरीत दिशा के अनुरूप है !आप एक ओर तो भौतिकवादी और दूसरी ओर ईश्वरीय भक्ति में लीन रहते हैं आप का अंतिम लक्ष्य अध्यात्म होता है आप अपनी दूर द्रष्टि और ज्ञान के सहारे स्रजनात्मक कार्य करते है आप विपरीत परिस्थितियों से जूझना जानते है इसलिए जोखिम उठा कर काम करते है किन्तु कभी -कभी आप के अंधविश्वास के कारण आपका लोग फायदा उठालेते हैं अपनी इस कमी को दूर करने के लिए आप समाज सेवा का कार्य करें !
                                                                                                                          !! शुभम् अस्तु !!
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सोमवार, 3 जून 2013

जाने स्वयं को ?[भाग -1 ]

क्या आप स्वयं के संदर्भ में जानते है ? यदि नही तो आइये जानने का प्रयास करें -------

मेष-आप में राजसी गुण होते है !आप जो करना चाहते है ,उसे करके ही रहते है !विपत्ति के समय भी आप अपनी विचार शक्ति नही खोते है !आप स्वतंत्र एवं सकारात्मक विचार युक्त व्यक्ति है!मेष राशि का अधिपति मंगल होने के कारण  जातक को अचानक क्रोध आजाता है और ये  अपने शत्रु से चिरकाल तक शत्रुता निभाने वाले होते है !गुरु, माता-पिता और ईश्वर भक्ति से ये अवगुण समाप्त किया जा सकता  है !

वृषभ -सांसारिक रूप से वृषभ एक पूर्ण राशि है !यह राशि शुक्र ग्रह से सम्बंधित है जिससे जातक में कला और संगीत के पक्ष में विशेष अभिरुचि होती है किन्तु आत्मविश्वास में कमजोरी होती है !कार्य में असफल होने पर आप जल्द ही कानून तोड़ देते है !आप आरामपसंद और आलसी और जिद्दी प्रवृत्ति के होने के कारण पूर्ण विकास को प्राप्त नही कर पाते है !ये अवगुण दूर करने के लिए मोती धारण करें और शनि देव की पूजा करें !

 मिथुन -इस राशि का स्वमी ग्रह बुध है इस कारण आप में चुलबुलापन और तर्क दोनों का समावेश होता हैआप अपने विचारों को तर्क पूर्ण ढंग से सिद्ध करते है !समाज और परिवार में आपका विशेष प्रभावशाली व्यक्तित्व होता है किन्तु आपके अस्थिर विचार और चंचल बुद्धि आपकी योजनाओं को असफल कर देती है !इन कमियों को दूर करने केलिए भैरों बाबा की पूजा करें और पक्षियों व कुत्ते को भोजन दें !
 कर्क  -इस राशि का स्वामी चन्द्र होने के कारण इस का सीधा सम्बन्ध मन और भावना से है आप सम्बन्धों के प्रति अत्यधिक सम्वेदनशील है !जल की भांति आप स्वयं को हर परिस्थिति में ढाल लेते है !आप दूसरों पर आसानी से विश्वास कर लेते है जो आप केलिए घातक सिद्ध होता है !आप अपने स्वभाव को बदलने की कोशिश करें भावनात्मक कमजोरी को दूर कर नकारात्मक विचारों का त्याग करें इसके लिए आप जल में दूध डाल कर ब्रहस्पतिवार को पीपल पर चढ़ाएं !
सिंह - सिंह राशि का जातक श्रेष्ठ गुणों से परिपुर्ण होता है क्योंकि इस राशि का स्वामी सूर्य होता है आप में एक प्रभावशाली राजा की भांति नेतृत्व क्षमता होती है किन्तु आप थोड़ी भी असामान्य परिस्थिति में झुंझलाहट और क्रोध का शिकार हो जाते है जिससे आप अपना अहित कर लेते है !आप इस अवगुण को दूर करने केलिए नित्य सूर्य को जल चढ़ाएं और पुखराज रत्न धारण करें !
कन्या -इस राशि का तत्व पृथ्वी होने के कारण जातक ज्ञानी ,व्यवहारिक और बुद्धिमान होता है !आप योजनाबद्ध ढंग से कार्य करते है !कम बोलते है किन्तु सारगर्भित बोलते है आप लक्ष्य को प्राप्त करने को तत्पर रहते है !आप की महिला मित्रों की संख्या अधिक होती है किन्तु विपरीत परिस्थितियों में आप का आत्मविश्वास कमजोर होजाता है और आप दूसरों की कमियाँ गिनबाना शुरू कर देती है इस अवगुण को दूर करने हेतु आप सूर्य देव की उपासना करें !
                                                                                                                               क्रमशः ......