शनिवार, 25 जुलाई 2015

यात्रा पर जाते समय अशुभ शकुन:-



यात्रा पर जाते समय अशुभ शकुन:-
दोस्तों अगर रोजमर्रा के कार्यो से कही आना जाना हो तो अपशकुन का बहुत ज्यादा विचार नहीं करना चाहिए।हाँ यदि किसी विशेष कार्यवश यात्रा करनी पड़े जैसे शादी ब्याह के रिश्ते के लिए जाना हो इंटरविव्यू के लिए जाना।तीर्थ यात्रा पर जाना इत्यादि हो तो अपशकुन आदि पर अवश्य विचार करना चाहिए।अब किस प्रकार के अपशकुन हो सकते है।ये नीचे बताया जा रहा है।
 1. यदि किसी कार्य पर जाते समय रास्ते में कोई दुष्ट प्रकृति वाला, व्यभिचारी व्यक्ति सामने आ जाए तो कार्य में अवश्य ही विघ्न होने की सम्भावना होती है।

2.यात्रा पर जाते समय यदि पावँ से जूता निकल कर गिर जाये तो यह अशुभ शकुन है।
3. यात्रा पर जाते समय यदि घर से निकलते ही आपको कहीं पर ठोकर लग जाये तो यात्रा कुछ समय के लिए टालना ही उचित है।
4. यदि घर से निकलते ही आपका वस्त्र किसी कोने में फँस जाये अथवा अटक जाये तो यह भी शुभ नहीं है।
5. यदि घर से निकलते ही कोई छींक दे तो यह आपके लिए एक संकेत है कि कुछ पल ठहर जाएँ।
6. यात्रा पर जाते समय यदि काली बिल्ली रास्ता काट दे तो समझ जाईये कि यात्रा में सफलता की सम्भावना क्षीण ही है।
7.यात्रा पर जाते समय यदि कोई आपको टोक दें,आवाज लगा दें,कहाँ और किस लिए जा रहे है यह सवाल पूछ लें तो यह अशुभ शकुन है।
8. घर से निकलते ही आपसे या परिवार के सदस्यों में आपस में झगड़ा हो जाए तो ऐसे माहोल में उस समय यात्रा करना उचित नहीं है।
9. याद रखिये सूर्य अस्त होते समय, संध्या के समय यात्रा करना अशुभ माना गया है, अत: अपनी यात्रा का समय अवश्य ही संशोधित कर लें।
10. यदि घर से निकलते समय वर्षा या आंधी आ जाये, बिजली चली जाये, जानवर के रोने की आवाज आये तो कुछ पल ठहर कर ही अपनी यात्रा प्रारंभ करें।
11.यदि घर से निकलते ही कोई फल हाथ से गिर जाये, कोई सामान गिर जाये, टूट जाये तो यात्रा के लिए जल्दीबाजी कतई न करें।
12.यदि घर से निकलते समय किसी को भी चोट लग जाये, खून टपक जाये तो थोड़ा आगे विश्राम करके ही जाएँ।
13.यदि यात्रा पर जाते समय बहुत से पशु एक साथ एक जगह पर इकट्ठे नज़र आयें, या जानवर लड़ रहे हो तो यह भी अशुभ शकुन है।
हमेशा याद रहिये यात्रा पर जाते समय, घर से काम के लिए निकलते समय बहुत जल्दीबाजी, हड़बड़ी नहीं होनीचाहिए। जीवन भर शुभ अशुभ शकुन तो आते ही रहेंगे इनसे कतई भी विचलित न हो। घर से दही चीनी अथवा कुछ मीठा खा कर ही माता पिता के चरण छू कर पत्नी बच्चोऔर परिवार के सदस्यों से मिल कर ही जाएँ । हमेशा समय का ख्याल रखें, समय से पूर्व ही जाने के लिए तैयार हो जाएँ और यदि इनमें से किसी भी तरह का अपशकुन आता भी है तो कुछ पल ठहर कर अपनी माता या पत्नी या बहन के हाथों से फिर से कुछ मीठा खा लें, प्रभु का स्मरण कर लें और अगर कुछ पल का समय हो तो अपना जूता पावँ से निकाल कर बैठ जाएँ उसके पश्चात ही पुनः जूता पहन कर यात्रा पर जाएँ ……..आपकी यात्रा अवश्य ही शुभ होगी।
अंत में सबसे जरुरी बात दिशाशूल का भी विचार अवश्य कर के ही यात्रा का प्रोग्राम बनाये।यदि दिशाशूल में जाना अति आवश्यक हो तो अपने साथ में ले जाने वाले सामान एक दिन पूर्व ही निकाल कर अन्यत्र कही रख दे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें