शुक्रवार, 8 अप्रैल 2016

8 अप्रैल को "सौम्य " सम्वत् 2073 की अति अग्रिम शुभ कामना । नित्य पूजा पाठ के नियम




नव कुंजो से नव किसलय तक,
अंधियारे से अरुणोदय तक ।
जय हो जय का आलंबन हो ,
हे सत्य शक्ति अभिनन्दन हो ।
शुभ चैत्र मास् शुभ प्रतिपदा ,
शुभ सम्वत् "सौम्य "शुभंकर हो ,
हो नव संवत्सर मंगलमय ,
उत्सव आनंद निरंतर हो ।

इसी शुभ कामना के साथ आने वाले 8 अप्रैल को "सौम्य " सम्वत् 2073 की अति अग्रिम शुभ कामना ।

नित्य पूजा पाठ के नियम


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कई बार लोग प्रश्न करते हैं कि घर में नियमित पूजा-पाठ किस तरह की जाये और किस भगवान की पूजा की जाये शुद्ध आसन पर बैठकर प्रातः और संध्या को पूजा अर्चना करने को नित्य नियम कहते हैं पाठ का क्रम इस तरह से होना चाहिए :-

1. सर्वप्रथम गणेश जी की उपासना:- विघ्नों को दूर करने के लिए

2 . सूर्य भगवान की उपासना:- स्वास्थ्य के लिए

3 . माँ भगवती की उपासना :- शक्ति के लिए

4 . भगवान शंकर की उपासना:- भक्ति के लिए और सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्ट और विपदाओं से निवारण के लिये


5 . उसके बाद अपने कुल देवता, इष्ट देवता और पितृ देवताओं की उपासना करनी चाहिए

कुछ अनुभूत नित्य नियम

1. नारायण कवच या हनुमान चालीसा एक सर्वविदित और लोकप्रिय उपाय है इसके नित्य कम से कम तीन बार पाठ करने से हर तरह की बाधाओं का निवारण हो जाता है और अटके हुए काम बन जाते हैं

२. दरिद्रता के नाश के लिए माँ लक्ष्मी के श्रीसूक्त या लिंगाष्टक का पाठ करना चाहिए

३. रोग से मुक्ति पाने के लिए और ऋण से पाने के लिए गजेन्द्र मोक्ष और नवग्रह स्तुति नित्य नियम से करना चाहिए.

४. यदि कोई व्यक्ति प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार कराता है तो उसे अनंत कोटि फल प्राप्त होते हैं

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