वैदिक
ज्योतिष पंचांग के महूर्त प्रणाली अनुसार जुलाई 2015 में आकाश मण्डल में विद्धमन नवग्रह में से चार
प्रमुख अपनी राशि परिवर्तन करके अपनी चाल बदलने जा रहे हैं । ये चार ग्रह न ही
सिर्फ अपनी राशि परिवर्तन कर रहे हैं इसके साथ साथ इन ग्रहों से बनने वाले योगों
में भी परिवर्तन आ रहा है ।भारतीय ज्योतिष के पंचांग खंड अनुसार जुलाई 2015 में ग्रहराज सूर्य, ग्रहराजकुमार बुध, दैत्यगुरू शुक्र और देवगुरु बृहस्पति, ये चार प्रमुख ग्रहों का राशि परिवर्तन
होने जा रहा है ।
इन चारों प्रमुख ग्रहों के राशि परिवर्तन से आम जनमानस पर शुभाशुभ प्रभाव पड़ेंगे । चारों ग्रहों का राशि परिवर्तन किसी जातक के लिए से लाभ, प्रमोशन, सुख और खुशियां लेकर आ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर इन चारों ग्रहों का राशि परिवर्तन किसी के लिए दुख, दुर्भाग्य, असफलता, पीड़ा और तनाव भी लेकर आ रहा है । ज्योतिष पर आधारित इस विशेष लेख के माध्यम से हम अपने पाठकों को बताने जा रहे हैं की द्वादश राशियों पर किस्मत के इस क्नेकशन का क्या ईफैक्ट पड़ने जा रहा है ।
भारतीय पंचांग अनुसार जुलाई 2015 में सर्वप्रथम दैत्यगुरू शुक्र अपनी
राशि परिवर्तन करेंगे । रविवार दिनांक 05.07.15 प्रातः 09 बजकर 45
मिनट पर शुक्रदेव अपने मित्र चंद्रमा की राशि कर्क और बुध के नक्षत्र अश्लेषा को
त्यागकर अपने परम शत्रु सूर्य की राशि सिंह में प्रवेश करेंगे व छायाग्रह केतु के
नक्षत्र मघा को भोगेंगे ।इसके साथ ही रविवार दिनांक 05.07.15 को दोपहर 02 बजकर 03 मिनट पर बुध अपने मित्र शुक्र की राशि वृष को त्यागकर स्वयं
की राशि मिथुन में प्रवेश करेंगे तथा मंगल के नक्षत्र मृगशिरा के तीसरे चरण में
गोचर करेंगे ।
बुध सूर्य के साथ युति करके बुधादित्य योग को
जन्म देगा साथ ही अपने परम शत्रु मंगल के साथ भी युति करेगा । इसके बाद इस महीने
मंगलवार दिनांक 14.07.15 को
प्रातः 08 बजकर 46 मिनट पर देवगुरु बृहस्पति अपनी उच्च
राशि कर्क व अपने अपने पुत्र बुध के नक्षत्र अश्लेषा को त्यागता हुआ अपने शिष्य
सूर्य की राशि सिंह में केतू के नक्षत्र मघा में सिंघास्थ बनकर दैत्यगुरू शुक्र के
साथ युति करेगा ।इसी क्रम में शुक्रवार दिनांक 17.07.15 को ब्रह्म महूर्त में प्रातः 03 बजकर 25 मिनट पर सूर्यदेव बुध की राशि मिथुन तो त्यागकर चंद्रमा की राशि
कर्क में प्रवेश करेगा व बृहस्पति के नक्षत्र पुनर्वसु के चौथे चरण में गोचर करेगा
।
चारों ग्रहों के इस परिवर्तन से ग्रह योगों में
भी परिवर्तन आएगा । इस परिवर्तन से शनिदेव पर चल रही देवगुरु बृहस्पति की पंचम
दृष्टि का समाप्त होगी । वहीं दूरी ओर शनिदेव अपनी 10 कुदृष्टि से देवगुरु बृहस्पति को पीड़ित करेंगे । इसके साथ ही सूर्य
की राशि में आकार देवगुरु सिंघास्थ होने के कारण विवाह उत्सव भी प्रभावित होंगे ।
दैत्यगुरू और देवगुरु का सिंह राशि में मिलन आम
जनमानस का आर्थिक उत्थान के साथ साथ बाजार भाव में मंदी लाएगा परंतु प्रशासन पर
मुश्किलों के पहाड़ भी टूटेंगे साथ साथ दुर्घटनाओं व प्रकृतिक आपदाओं में कुछ दिनों
के लिए वृद्धि भी होगी । कुल मिलकर चारों ग्रहों का राशि परिवर्तन आने वाले समय
में उलटफेर और उथलपुथल के संकेत दे रहा है । आइए जानते हैं द्वादश राशियों पर कैसा
पड़ेगा प्रभाव ।
मेष: गोचर मिश्रित रहेगा । परेशानियां बढ़ेंगी ।
कार्यक्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे । पार्टनर के सहयोग से लाभ होगा । सेहत संबंधी
उतार-चढ़ाव रहेगा ।
वृष: गोचर शुभ रहेगा । अचानक लिए गए निर्णय
फायदेमंद होंगे । फालतू खर्चा व भोगों में वृद्धि रहेगी । बचत कम रहेगी । सावधानी
से निर्णय लें ।
मिथुन: गोचर अच्छा है । रुका पैसा मिलेगा ।
कार्यक्षेत्र में लाभ होगा । भाईबंधु से सहयोग होगा । कर्जा व रिस्क लेने से बचें
। गुस्से पर कंट्रोल रखें ।
कर्क: गोचर मध्यम है । बीमारी फालतू खर्च व
विवाद के योग हैं । मानसिक तनाव व भाग-दौड़ रहेगी । झूठ बोलने से बचें । नए कार्य
करने से बचें ।
सिंह: गोचर अशुभ है । अनचाही यात्राएं, फालतू खर्च व विवाद के योग हैं ।
कामकाज प्रभावित होगा । दांपत्य में मतभेद होंगे । स्वास्थ्य बिगड़ेगा ।
कन्या: गोचर सामान्य है । विवाद व रोग परेशान
करेंगे । मानसिक तनाव से घिरेंगे । दांपत्य में उतार-चढ़ाव रहेगा । स्थान परिवर्तन
के योग हैं ।
तुला: गोचर शुभ रहेगा । खर्च बढ़ेंगे । योजनाओं
फलित होंगी । अचानक धन मिलेगा । प्रमोशन व आय वृद्धि के योग हैं । परीक्षा में
सफलता मिलेगी ।
वृश्चिक: गोचर मध्यम है । किस्मत साथ देगी ।
भाईबंधु के सहयोग से रुके कार्य पूरे होंगे । खर्च बढ़ेंगे । खुशखबरी मिलेगी ।
प्रयास सफल होंगे ।
धनु: गोचर सुखद है । स्थितियां अनुकूल रहेंगी ।
दांपत्य सुख मिलेगा । धन लाभ के योग हैं । कार्यक्षेत्र में कानूनी बाधा के कारण
टेंशन के योग हैं ।
मकर: गोचर मिश्रित है । कामों में रुकावट आएगी
। उधार वसूली व सौदे अटकेंगे । सुख-सुविधा पर खर्चा होगा । जीवनसाथी की सेहत
चिंतित करेगी ।
कुंभ: गोचर सामान्य है । फालतू खर्च से राहत
मिलेगी । योजनाएं पूरी होंगी । संतान सुख मिलेगा । विवादों में उलझेंगे । आर्थिक
स्थिति चरमराएगी ।
मीन: गोचर अच्छा है ।
फालतू खर्चा बढ़ेगा । तनाव रहेगा । सेहत परेशान करेगी । पुराने विवाद सक्रिय होंगे
। संतान सहयोग करेगी । आय वृद्धि होगी
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