भाग्य या किस्मत ऐसे शब्द हैं, जिनका हमारे जीवन पर काफी अधिक प्रभाव
माना जाता है। किसी भी प्रकार के सुख-दुख, सफलता-असफलता, अमीरी-गरीबी
को भाग्य से जोड़कर ही देखा जाता है। सभी लोग जानना चाहते हैं कि हमारा अच्छा समय
कब आएगा? कब हमारे पास
बहुत सारा पैसा होगा? इन
प्रश्नों के उत्तर भृगु संहिता में बताए गए हैं। ये एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें ज्योतिष संबंधी समस्त
जानकारियां दी गई हैं। इस संहिता में कुंडली के लग्न के अनुसार भी बताया गया है कि
व्यक्ति का भाग्योदय कब होगा?
कुंडली में बारह भाव होते हैं और ये 12 राशियों (मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन) का प्रतिनिधित्व करते
हैं। कुंडली का प्रथम भाव यानी कुंडली के केंद्र स्थान में पहला घर जिस राशि का
होता है, उसी राशि के
अनुसार कुंडली का लग्न निर्धारित होता है। लग्न के आधार पर कुंडलियां बारह प्रकार
की होती हैं।
अपनी कुंडली का पहला भाव यानी लग्न देखिए और
यहां जानिए किस-किस उम्र में आपका भाग्योदय हो सकता है...
मेष लग्न की कुंडली--जिन लोगों की कुंडली मेष
लग्न की है, सामान्यत:
उनका भाग्योदय 16
वर्ष की आयु में या 22
वर्ष की आयु, 28
वर्ष की आयु, 32
वर्ष की आयु या 36
वर्ष की आयु में हो सकता है।
वृष लग्न की कुंडली--जिन लोगों की कुंडली वृष
लग्न की है, उनका
भाग्योदय 25
वर्ष की आयु, 28
वर्ष की आयु, 36
वर्ष की आयु या 42
वर्ष की आयु में भाग्योदय हो सकता है।
मिथुन लग्न की कुंडली--मिथुन लग्न की कुंडली
वाले लोगों का भाग्योदय करने वाली आयु है 22 वर्ष, 32
वर्ष, 35 वर्ष, 36 वर्ष या 42 वर्ष। इन वर्षों में मिथुन राशि के
लोगों का भाग्योदय हो सकता है।
कर्क लग्न की कुंडली--जिन लोगों की कुंडली कर्क
लग्न की है, उनका
भाग्योदय 16
वर्ष की आयु, 22
वर्ष की आयु, 24
वर्ष की आयु, 25
वर्ष की आयु, 28
वर्ष की आयु या 32
वर्ष की आयु में हो सकता है।
सिंह लग्न की कुंडली--जिन लोगों की कुंडली सिंह
लग्न की है, उनका
भाग्योदय 16
वर्ष की आयु में, 22
वर्ष की आयु में, 24
वर्ष की आयु में, 26
वर्ष की आयु में, 28
वर्ष की आयु में या 32
वर्ष की आयु में हो सकता है।
कन्या लग्न की कुंडली--कन्या लग्न की कुंडली
वाले लोगों का भाग्योदय इन आयु वर्ष में हो सकता है- 16 वर्ष, 22 वर्ष, 25 वर्ष, 32 वर्ष, 33 वर्ष, 35 वर्ष या 36 वर्ष।
तुला लग्न की कुंडली--जिन लोगों की कुंडली तुला
लग्न की है, उनके
भाग्य का उदय 24
वर्ष की आयु में हो सकता है। यदि 24
वर्ष की आयु में भाग्योदय न हो तो इसके बाद 25 वर्ष की आयु में,
32 वर्ष की आयु में,
33 वर्ष की आयु में या 35
वर्ष की आयु में भाग्योदय हो सकता है।
वृश्चिक लग्न की कुंडली--वृश्चिक लग्न की
कुंडली वाले लोगों का भाग्योदय 22
वर्ष की आयु में, 24
वर्ष की आयु में, 28
वर्ष की आयु में या 32
वर्ष की आयु में हो सकता है।
धनु लग्न की कुंडली--जिन लोगों की कुंडली धनु
लग्न की है, उनका
भाग्योदय 16
वर्ष की आयु में, 22
वर्ष की आयु में या 32
वर्ष की आयु में हो सकता है।
मकर लग्न की कुंडली--मकर लग्न की कुंडली वाले
लोगों का भाग्योदय 25
वर्ष की आयु में या 33
वर्ष की आयु में या 35
वर्ष की आयु में या 36
वर्ष की आयु में हो सकता है।
कुंभ लग्न की कुंडली--जिन लोगों की कुंडली कुंभ
लग्न की है, उनका
भाग्योदय 25
वर्ष की आयु में, 28
वर्ष की आयु में, 36
वर्ष की आयु में या 42
वर्ष की आयु में हो सकता है।
मीन लग्न की कुंडली--मीन लग्न की कुंडली वाले
लोगों का भाग्योदय 16
वर्ष की आयु में, 22 वर्ष
की आयु में, 28
वर्ष की आयु में या 33
वर्ष की आयु में हो सकता है।
ध्यान रखें यहां सिर्फ कुंडली लग्न के आधार पर
भाग्यदोय की संभावित उम्र बताई गई है। कुंडली के सभी नौ ग्रहों की स्थितियों और
योगों के आधार पर ये फलादेश बदल भी सकता है।
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