मुस्लिम
साधनाओं के मुख्य नियम
साधकजनों!! कल मैंने मुस्लिम वशीकरण साधना
पोस्ट की थी जिसे काफी लोगों ने पसंद किया और साथ ही साथ विरोध भी किया क्योंकि जब
कोई इन्सान अच्छे कार्य के लिए निकलता है तब उसका विरोध होना स्वभाविक ही है ।
परन्तु मित्रों!! मुझे विरोध की चिंता नहीं है अगर मेरे हितैशी आप मेरे साथ हैं ।
मैंने कल अपनी पोस्ट में चमेली के तेल का दीपक इस्तेमाल करने के लिए कहा था जिसे
बाद में मैंने सरसों का तेल कर दिया क्योंकि कुछ साधक कह रहे थे कि उनके इलाके में
चमेली का तेल नहीं मिलता । यह बात सच है कि कुछ मुस्लिम साधनाओं में चमेली का तेल
इस्तेमाल होता है और कुछ में सरसों का पर कल की साधना में आप दोनों ही इस्तेमाल कर
सकते हैं । सरसों का तेल सर्वत्र उपलब्ध होता है इसलिए मैंने आप लोगों की सुविधा
का ध्यान रखते हुए एसा किया । मुझे आपको शुद्ध साधनात्मक ज्ञान देना है सो देता रहुँगा, इसके
लिए हर मुश्किल का सामना करने के लिए तैयार हूँ ॥
आजकी यह पोस्ट आपको मुस्लिम साधनाओं के कुछ
महत्वपूर्ण नियमों की जानकारी देने के लिए है । क्योंकि बिना नियमों के कोई भी
साधना सफल ही नहीं हो सकती । मुस्लिम साधनाओं के नियम निम्नलिखित हैं :-
1.मुस्लिम साधनाओं में वज्रासन का प्रयोग किया
जाता है ।
2. वस्त्र स्वच्छ एवं धुले हुए इस्तेमाल करने
चाहिए ।
3. असत्य भाषण से बचना चाहिए और यथासंभव कम
बोलना चाहिए क्योंकि हम जितना ज्यादा बोलेंगे मुख से असत्य तो निकलेगा ही साथ ही
साथ हमारी उर्जा भी ज्यादा नष्ट होगी ।
4. इस्लामिक साधनाओं में माला को उल्टा फेरा
जाता है यानि माला को घड़ी की दिशा के विपरीत(Anticlockwise) फेरते
हैं । माला फेरते समय सुमेरू का उलंघन नहीं किया जाता और सुमेरू आने पर माला को
पलट कर फिर जपा जाता है। इन साधनाओं में "तस्बी" का उपयोग होता है ।
तस्बी को हिंदी में "विद्युत माला" कहा जाता है जो कि हरे रंग की होती
है और अँधेरे में चमकती है ।
5.साधना स्थल साफ़ एवं शांत होना चाहिए । साधना
स्थल पर गंदगी नहीं फैलानी चाहिए । हर रोज़ पोचा लगाना चाहिए । एक बात का विशेष
ध्यान रखें कि शौचालय के पास कभी साधना नहीं करनी चाहिए और कमरे में भी शौचालय
नहीं होना चाहिए ।
6. साधक को मन, वचन
एवं कर्म से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए ।
7. साधक को शौच के बाद स्नान और लघु शंका के बाद
हाथ पैर धोने चाहिए ।
8. मुस्लिम साधनाओं और अमलों में चमड़े से बनी
हुई वस्तुओं से परहेज़ रखना चाहिए क्योंकि इन साधनाओं में मुस्लिम पाक जिन्नातों की शक्ति मुख्यतः कार्य
करती है ।
9. इन साधनाओं को करने के दिनों में और साधनाएँ
और पूजा पाठ जैसे गायत्री मंत्र जप , शाबर
साधनाएँ नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे
साधना में जो शक्ति संचार होता है उसका क्रम अवरोधित हो जाता है और साधना में
सफलता के अवसर कम हो जाते हैं ।
10. माला को जमीन के स्पर्श से बचाना चाहिए ।
11. सभी प्रकार की इस्लामिक साधनाओं में इत्र का
प्रयोग तो होता ही है ज्यादातर इत्र को कानों पे रूई द्वारा लगाया जाता है और कपड़ों पे छिड़का जाता है ।
इनमें 2
तरह के इत्र सबसे ज्यादा उपयोग किए जाते हैं 1. हीना का 2. गुलाब का । साधना में जिस इत्र का प्रयोग करने के लिए कहा गया
हो उसी का प्रयोग करें और अगर कोई भी इत्र ना दिया हो तो हीना के इत्र का प्रयोग
करें ।
11. अगर साधना में पुष्पों का प्रयोग करने के लिए
कहा गया हो तो हमेशा तीव्र सुगन्धित पुष्पों का ही उपयोग करना चाहिए । गुलाब और
चमेली के पुष्प इस दृष्टि से उत्तम हैं ।
12. साधना करने के बाद कुछ मिष्ठान का वितरण
हमेशा करना चाहिए । इस बात को लोग हमेशा नज़रअंदाज़ कर देते हैं ,वो लोग यह नहीं जानते कि एसा करने से उनकी सफलता का प्रतिशत
बढ़ जाता है ।
13. अगर साधना में भोग लगाने के लिए बोला गया हो
तो दूध से बनी सफेद मिठाई का प्रयोग किया जा सकता हैं इसके लिए सफेद बर्फी उपयुक्त
है ।
14. अगर धुप का उपयोग करने के लिए बोला हो तो
लोहबान का ही प्रयोग करें । लोहबान को हर मुस्लिम साधना में इस्तेमाल करने से
साधना अपना पूर्ण प्रभाव देती है ।
15.अगर संभव हो तो साधना के दौरान मुस्लिम टोपी और तहमत(मुस्लिम लूँगी) धारण करनी
चाहिए ।
16. साधना में सूती आसन का ही उपयोग करना चाहिए ।
17. अगर यंत्र बनाने के लिए बोला गया हो तो जिस
वृक्ष की कलम का उपयोग करने के लिए कहा गया हो और जिस स्याही का प्रयोग करने को
कहा हो उसका ही इस्तेमाल करना चाहिए । अगर यंत्र बनाते समय कलम टूट जाए तो उस
साधना को बंद कर देना चाहिए और किसी अन्य मुहूर्त पे उस साधना को पुनः करना चाहिए
। टूटी कलम और यंत्र को किसी मजार के पास रख आएँ ।
18. इस्लामिक दिनों के नाम :-
1. इतवार - रविवार
2. पीर - सोमवार
3. मंगल - मंगलवार
4. बुध - बुधवार
5. जुमेरात - गुरुवार
6. जुमा - शुक्रवार
7. शनिचर - शनिवार
इन नियमों का पालन अवश्य करें क्योंकि मैं आपको
सफल होते हुए ही देखना चाहता
परी साधना !!!!!! सौभाग्य और सौंदर्य का अद्भुत
मिश्रण होती है । आपके जीवन पथ को पूर्णतः निष्कंटक बनाने का काम करती है एक परी ।
आपके जीवन में चाहे कितनी ही बड़ी मुश्किल कयूँ ना हो बस अपनी छोटी सी मदभरी
मुस्कान से उस मुश्किल को आपके जीवन से एसे निकाल फेंकती है जैसे वो पहले थी ही
नहीं । आपका कोई भी काम हो चाहे कितना ही बड़ा हो परी के लिए तो वो एक मामूली सी
बात है । वो जीवन भर एक सच्ची प्रेमिका / सहेली की भांति आपकी हर एक आज्ञा का पालन
करती है । मुझे यह साधना एक अति पवित्र आत्मा के आवाहन से प्राप्त हुई थी । यह
बहुत ही तीक्ष्ण साधना है । इस साधना को वो ही कर सकता है जिसका हृदय पत्थर का हो
यानि जो जीवन की किसी भी परिस्थिति से विचलित ना होता हो ।
मैं एसी साधना किसी को नहीं देता , परन्तु
मेरे एक शिष्य की स्थिति अति गम्भीर है , इसलिए यह साधना दे रहा हूँ ताकि उसके
साथ-साथ अन्य साधक भी इसका लाभ उठा सकें । मुझे आप सब की चिंता है और आप लोगों की
कामनाओं तथा दुखों का आभास है । मैं तो बस यही चाहता हूँ कि आपका जीवन व्यर्थ ना
जाए बल्कि आप अपने जीवन के समस्त सुखों को भोगकर अंततः मोक्ष प्राप्त कर सकें । एक
बात और कहना चाहता हूँ कि यह साधना आपको पूरी Facebook या अन्य किसी
तंत्र की Website पे नहीं मिलेगी । यह इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि
बहुत से पाखंडी जो भोले -भाले साधकों को लूटते हैं इसे Copy paste करके
अपने नाम से Post ना कर सकें ।
॥ साधना विधि ॥
इस साधना को आपको श्मशान में करना है । यह
मात्र 1 दिन की साधना है । आपको पूर्णिमा पर इस साधना को करना होगा ,
क्योंकि
इस दिन यह पवित्र योनिआँ अति शक्तिशाली हो
जाती हैं और अपने पूर्ण प्रभाव के साथ सिद्ध होती हैं । आपको करना क्या है कि
स्नान करके श्मशान में रात के पूरे 10 बजे प्रवेश करना है । उत्तर दिशा की
ओर मुख कर इस साधना को करना होता है । सबसे पहले आसन जाप पढ़ना है और फिर शरीर कीलन
मंत्र पढ़कर अपने चारों ओर लोहे की छुरी से एक गोल चक्र बनाना है । इसके पश्चात
लोहबान की अगरबत्ती जलाकर गुरु एवं गणपति जी का मानस पूजन करना है और उनसे साधना
हेतु आज्ञा माँगनी है । अब आपको मंत्र जप प्रारम्भ करना होगा , जिसमें
आप रूद्राक्ष की माला का प्रयोग करेंगे जोकि प्राण-प्रतिष्ठित होगी । इस साधना में
आसन एवं वस्त्र श्वेत होंगे । आपको लगातार मंत्र जप करते जाना है जब तक कि परी
हाज़िर ना हो जाए । जैसे - जैसे आप मंत्र जप करते जाएँगे वैसे - वैसे सारा श्मशान
जागृत होता चला जाएगा । कभी आपके सामने अति क्रूर इतर योनिआँ आएगीं और आपके उपर
झपटेगीं , तो कभी जंगली जानवर और अन्य जीव आपकी साधना खंडित करने की कोशिश
करेंगे । आपको बस किसी भी हालत में उस सुरक्षा चक्र से बाहर नहीं आना है नहीं तो
वो इतर योनिआँ आपको नुकसान पहुँचा सकतीं हैं और आप पागल भी हो सकते हैं। अगर आप
अपनी साधना से विचलित ना हुए तो कुछ देर के बाद सारा श्मशान शांत हो जाएगा और आपको
आसमान से नीचे की ओर आती हुई एक परी नज़र आएगी जो बहुत ही सुंदर होगी । जब वो आपके
पास आए तो पहले से लाकर रखे हुए गुलाब के पुष्पों की वर्षा उसके उपर कर दें और
उससे वचन माँगे कि " आप मुझे
वचन दें कि मैं जब भी इस मंत्र का
एक बार उच्चारण करूंगा आपको आना होगा और जो मैं
कहूँगा वो करना होगा
तथा आपको आजीवन मेरे साथ मेरी प्रेमिका के रूप
में रहना पड़ेगा "। इस तरह वो परी आपके वश में हो जाएगी और आप उससे कुछ भी
करवा सकते हैं ।
॥
मन्त्र ॥---बा हिसार हनसद हिसार जिन्न देवी परी ज़ेर
वह एक खाई दूसरी अगन पसारी गर्व दीगर जां मिलाईके असवार धनात ॥
॥ नोट ॥
साधकों !!! वो परी आपकी हर बात मानेगी पर आपको
एक बात का ख्याल रखना है कि उस परी के साथ सम्भोग बिल्कुल नहीं करना है नहीं तो वो
आपको छोड़कर चली जाएगी और फिर कभी सिद्ध नहीं होगी । वो आपको इस दुष्कर्म के बदले
श्राप भी दे सकती है । इसलिए वो साधक ही इस साधना को करें जो खुद पर नियंत्रण रख
सकें ।
॥ मेरा अनुभव ॥
जब मैंने यह साधना की थी तो लगभग 3
घंटे के बाद मेरे आगे और पीछे दो Cobra आकर बैठ गए थे । थोड़ी देर के पश्चात
वो चले गये और फिर 2 सांड लड़ते हुए तेजी से मेरी तरफ आ रहे थे ।
उस समय एसा लगा कि अगर मैं अपनी जगह से ना उठा तो वो मुझे कुचल देंगे । पर मैंने
दिल पर पत्थर रखा और मंत्र जप करता रहा । उसके पश्चात् बहुत ही भयानक सूरत वाले
प्रेत हाज़िर हुए जो लगातार मुझ तक पहुँचने की कोशिश कर रहे थे । मैं थोड़ा सा तो
डरा फिर सोचा कि जब तक इस सुरक्षा चक्र में हूँ ये मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते । बस
फिर क्या था मेरे होंसले के आगे परी को हार माननी पड़ी और वो मुझे सिद्ध हो गई ।
जय हो महराज, आप एकदम डपोर-चरखा हो
जवाब देंहटाएंआपका मोबाइल नंबर दीजिये
जवाब देंहटाएंaaap mere bare mai pari se puch ker sab bataiye...............bata sakte hai aap?aya apki pari mere bare mai jankari de sakti hai?
जवाब देंहटाएंguru ji ki awashyakta hai mujhe shjabri vidhya ke liye
जवाब देंहटाएंकुरान मजीद मे अल्लाहा तबारक तालाहा ने फरमाया
जवाब देंहटाएंके हमने जिन और इन्सान को पैदा किया
और ये किसी धर्म मे नही बताया गया है ।
आप अल्लाहा ने पैगंबर सुलेमान अलैससलाम के ताबे मे
जिन हैवान को ताबे मे दिया था ।
तो फिर उनसे वो काम लिया करते थे
कूच जिन इमारत बनाते थे कूछ समंदर से हिरे निकालते थे prophet सुलेमान के लिए ज्यादा जानकारी चाहिए तो कूरान पडे और बहुत से मुस्लिम के पास जिन है ताबे मे
Bhai kuran Urdu m h kese padhe dusri bat agar Kisi chachajan se is bare m bat karo to saf mana kar dete h aap kuchh help kar do to meharbani hogi
हटाएंअगर आप को साधना सम्बन्धी रूचि रखते है आप हमारी website पर साधना पर जाऐं
हटाएंWWW.Gurumantrasadhna.com
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इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंक्या रमज़ान माह में पीर साधना कर सकते हैं
जवाब देंहटाएंक्या रमज़ान माह में पीर साधना कर सकते हैं
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