पांच
दिनी पर्व पर इस बार किसी तरह का संशय और मतभेद नहीं है। पर्व की शुरूआत 21
अक्टूबर धनतेरस के साथ होगी। इस दिन की गई खरीदी चल-अचल संपति स्थायी फल प्रदान
करेगी।
दिनांक 22 को नरक चतुर्दशी के दिन
सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा।
इस बार
पांच दिनों में किसी भी दिन तिथियों की किसी तरह की घट बड़ नहीं है ना ही समावेश
है। इसलिए पांच दिन सभी पर्व निर्धारित समयनुसार मनाए जाएंगे।
शुभ
खरीदी का दिन धनतेरस
21 अक्टूबर मंगलवार को धनतेरस होगी। त्रयोदशी 20 को
रात 11.21 पर लगेगी जो 21 को रात 1 बजकर 12 मिनट
तक रहेगा। इस दिन धनवंतरी पूजन के साथ स्वर्ण, चांदी, गहने, बर्तन
आदि की खरीदी शुभ मानी जाती है। यह स्थायी फल प्रदान करती है।
रूप
चौदस के दिन सर्वार्थसिद्धि योग
22 अक्टूबर बुधवार को रूप चौदस होगी। चतुर्दशी तिथि
21
अक्टूबर की रात 1.13 से 22 अक्टूबर को रात 2.34 बजे
तक रहेगी। इस दिन सुर्योदय से सिद्धि दायक सर्वार्थसिद्धि योग शाम 5.50 तक
रहेगा। इस दिन रूप निखारने के लिए उबटन लगाकर सुर्योदय से पहले स्नान के साथ ही
यम के पूजन से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।
लक्ष्मी-कुबेर
के पूजन का दिन दीपावली
दीपावली
23
अक्टूबर गुरुवार को होगी। इस दिन कार्तिक अमावस्या 22 अक्टूबर की
रात 2.35 से 23 को रात 3.26 तक
रहेगी। इस दिन सुख-समृद्धि के लिए घर-घर में लक्ष्मी पूजन किया जाएगा। मान्यता है
कि इस दिन लक्ष्मी जी समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थी।
प्रकृति
की उपासना का दिन गोवर्धन पूजा
दीपावली
के अगले दिन प्रकृति की उपासना का दिन गोवर्धन पूजा होगी। इस कार्तिक शुक्ल पक्ष
की प्रतिपदा तिथि 23 अक्टूबर की रात 3.27 से 24 अक्टूबर को रात 3.47 तक
रहेगी। इस दिन मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन होगा। साथ ही गाय की पुजा भी
की जाएगी।
भाई-बहन
के स्नेह का पर्व भाईदूज
कार्तिक
मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन 25 अक्टूबर को भाई-बहन के स्नेह का
पर्व भाई-दूज होगा। दूज 24 अक्टूबर की रात 3.48 से 25 अक्टूबर की रात 3.49 तक
रहेगी। इस दिन बहन भाईयों के माथे पर तिलक कर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है।
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