काली बिल्ली रास्ता काट जाए तो कुछ बुरा होगा, शनिवार के दिन कोई शुभ काम ना करें, बुधवार व शनिवार को नाखून ना काटें नहीं तो
दुर्भाग्य पीछा नहीं छोड़ेगा, और भी कितना कुछ.
अब आप सोच रहे होंगे कि यह सब बातें तो आप पहले से ही जानते हैं, और जानें भी क्यों ना क्योंकि अंधविश्वास तो
भारत की जड़ों में बसा हुआ है. अंधविश्वास का साक्षी रह चुका है हमारा देश. जहां भी
नजर डाल लें आप, हर धर्म, हर संस्कृति के लोगों में आप अंधविश्वास को
पाएंगे. आज के समय में तो लोग इन अंधविश्वासों को वैज्ञानिक कारणों से भी जोड़ने
लगे हैं ताकि लोगों का इनपर विश्वास और भी गहरा हो जाए.
कुछ इन्हीं
अंधविश्वासों का शिकार हुआ है ‘चांद’. जी हां, रात के अंधेरे
में भी हमें रोशनी देने वाले चांद को लोगों ने अंधविश्वास के घेरे में दबोच कर
रखा है। कहते हैं कि पूर्णमासी यानि कि जिस दिन चांद अपने पूरे आकार में प्रस्तुत
होता है, उसदिन धरती पर अजीबो-गरीब हरकतें होती हैं. कई
लोगों का मानना है कि यह महज अंधविश्वास है लेकिन कुछ लोग इन बातों पर पूर्ण
विश्वास भी करते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं वैज्ञानिकों ने शोध कर पूर्णमासी से
संबंधित कई बातों को साबित भी किया है, लेकिन आखिर क्या
है पूर्णमासी आईये जानें:
तो यह है
पूर्णमासी का दिन
जिस दिन चांद
अपने पूरे आकार में हो उसे पूर्णमासी कहा जाता है. पूर्णमासी के चांद को आप हर
महीने आसमान में जरूर पाएंगे. वैज्ञानिकों के मुताबिक यह दिन हर 29.5 दिन के
अंतराल में घूम कर आता है. आपको बता दें कि पूरे वर्ष में फरवरी ही एक ऐसा महीना
है जिसमें पूर्णमासी नहीं होती.
भारत में इस दिन
को बेहद महत्ता दी जाती है. यदि आप इस रात चांद को देखें तो वो आपको गोल आकार का
दिखेगा लेकिन असल में पूर्णमासी पर चांद एक ‘अंडे’ के आकार में होता है जिसका तिकोना मुख धरती की
ओर ही होता है. इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि यदि पूर्णमासी शनिवार को आए तो
इसे अपशगुन माना जाता है और यदि सोमवार को आए तो इसे सबसे अच्छा दिन माना जाता है.
बहरहाल यह तो थीं पूर्णमासी को लेकर मूल रूप की बातें, लेकिन जो बातें चारों ओर फैली हुई हैं उन्हें
जानना बहुत आवश्यक है. तो आईये जानते हैं ऐसे ही कुछ तथ्यों के बारे में जो आपसे
एक ही बात कहते हैं कि ‘पूर्णमासी की रात
जरा संभल कर रहें’.
पूर्णमासी पर
कुत्तों से रहें सावधान
कहते हैं कि
पूर्णमासी पर कुत्तों में एक अलग तरह की हरकत देखने को मिलती है. इंगलैंड में हुए
एक शोध के मुताबिक इस दिन कुत्तों द्वारा काटे जाने जैसी घटनाएं ज्यादा होती हैं
लेकिन दूसरी ओर आस्ट्रेलिया में सिडनी विश्वविद्यालय का मानना है कि पूर्णमासी व
कुत्तों के बीच में किसी भी तरह का संबंध महज इत्तेफ़ाक है और कुछ नहीं.
पति रहते थे
पत्नियों से दूर
महिलाओं को होने
वाले मासिक धर्म को पूर्णमासी से जोड़ा गया है. प्राचीन समय में जो पत्नी पूर्णमासी
पर मासिक धर्म काट रही होती थी उनके पति चांद की तेज रोशनी का फायदा उठा कर जंगल
में शिकार पर निकल जाते थे और फिर पत्नी के मासिक धर्म खत्म होने पर वापिस आ जाते
थे.
क्या ब्लू मून है
खतरनाक?
लोगों ने ‘ब्लू मून’ को लेकर विभिन्न
कहानियां बनाई हैं लेकिन हम आपको बता दें कि यह कोई ऐसा दिन बिलकुल नहीं है जिस
दिन चांद नीले रंग का दिखता हो बल्कि एक ही महीने में यदि दो बार पूर्णमासी हो तो
उसे ब्लू मून कहा जाता है और यह अन्य पूर्णमासी की तरह ही होता है.
क्या कहते हैं ‘पूर्ण चांद’ के धब्बे
वैज्ञानिकों की
मानें तो पूर्णमासी पर जो गढ्ढे या धब्बे हमें चांद पर दिखते हैं वे और कुछ नहीं
बल्कि एक जमा हुआ ‘लावा’ है लेकिन कुछ लोग उन गढ्ढों में भी एक शक्ल
ढूंढ लेते हैं और उन्हें भगवान के मुख से मिलाने लगते हैं जैसे कि स्वयं भगवान
उन्हें चंद्रमा के जरिए दर्शन दे रहे हों.
पौधों में भी
होता है एक अजीब बदलाव
वैज्ञानिक दृष्टि
से यह साबित किया गया है कि पूर्णमासी की रात पौधों में एक अलग किस्म का रस
उत्पन्न होता है. इसीलिए किसान इस दिन खेती नहीं करते क्योंकि ज्यादा रस कीड़ों को
अपनी ओर खींचता है.
यह समय है हनीमून
का
यह भी कहा जाता
है कि पूर्णमासी पर शादी करना भाग्याशाली है. पारंपरिक तौर पर भारत में इस समय पर
शादी के बंधन में बंधना शुभ होता है इसीलिए कहते हैं कि यह समय हनीमून का है.
सावधान! आप अपना
होश भी खो सकते हैं
एक शोध के
मुताबिक यह साबित हुआ है कि जिन लोगों का मानसिक संतुलन कुछ बिगड़ा हुआ है उनके लिए
यह रात और भी खतरनाक हो सकती है क्योंकि इस रात प्राकृतिक रूप से ही उनका मानसिक
संतुलन और भी बिगड़ जाता है.
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पूरी दुनिया में केवल नौ लोग हैं, सावधान हो जाएं
इससे पहले यह आपको शिकार बनाए
बच्चों के जन्म
से भी संबंध है पूर्णमासी का
कहा जाता है कि
पूर्णमासी की रात बच्चों के जन्म व महिलाओं की जनन क्षमता पर भी असर पड़ता है लेकिन
एक शोध ने इस तथ्य को सिरे से नकारा है और साबित किया है कि इस दिन का किसी बच्चे
के जन्म या महिला की जनन क्षमता से कोई भी संबंध नही है.
आप हो सकते हैं
हिंसा का शिकार
पूर्णमासी के
संदर्भ में यह भी साबित हुआ है कि इस दिन लोग आम दिनों से ज्यादा हिंसक होते हैं.
यूके में किए गए एक शोध के मुताबिक इस दिन जेल में बंद कैदियों के बीच काफी झड़प
होती है.
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