एकादशी व्रत, शुक्रवार 5 सितंबर -
ॐ शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्र्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गं ,
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् !!
भाद्रपद मास की
शुक्ल पक्ष की एकादशी को पद्मा एकादशी या जलझूलनी एकादशी कहते हैं। इस दिन आषाढ़
मास से शेष शैय्या पर निद्रामग्न भगवान विष्णु शयन करते हुए करवट बदलते हैं। इसलिए
इसको परिवर्तिनी एकादशी भी कहते हैं। इस एकादशी को भगवान के वामन अवतार का व्रत व
पूजन किया जाता है। इस एकादशी को जो कमलनयन भगवान का कमल द्वारा पूजन करता है, मानो ब्रह्मा, विष्णु सहित तीनों लोकों को उसने पूज लिया। इस
दिन लक्ष्मी जी का पूजन करना भी फलदायी होता है।
Teacher’s Day 5 September 2014-विशेष दिन .....
वो कौन सा है पद ,जिसे देता ये जहाँ सम्मान ।
वो कौन सा है पद ,जो करता है देशों का निर्माण ।
वो कौन सा है पद ,जो बनाता है इंसान को इंसान ।
वो कौन सा है पद ,जिसे करते है सभी प्रणाम ।
वो कौन सा है पद ,जिकसी छाया में मिलता ज्ञान ।
वो कौन सा है पद ,जो कराये सही दिशा की पहचान ।
गुरू है इस पद का नाम ।मेरा सभी गुरूजनो को शत-शत
प्रणाम ।
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