जय गणपति देवा = हमारे प्यारे " गणेश जी
" का जन्मोत्सव आने वाला हो . . तो बाते सिर्फ " गणेश जी " की ही .
. .
= " गणेश जी " की दो पत्नियां . . . " रिद्धि और सिद्धि " .
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= " गणेश जी " का प्यारा वाहन . . .
" मूषक " . . .
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= " गणेश जी " का प्यारा भोग . . .
मोदक और लड्डू . . .
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= " गणेश जी ' का सिर . . " हाथी का " . .
अर्थात . . गणेश जी का मस्तिष्क किसी भी बात को धीरज रखकर व्यापक ढंग से समझने की
ओर इंगित करता है . .
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= " गणेश जी " की छोटी आँखें . .
.अर्थात " सूक्ष्म दृष्टी "
.
= " गणेश जी " के लम्बे सुपाकार कान
. . . अर्थात . . दुसरे की बात सुनने के लिए हमेशा कान खुले रखे . . लेकिन झूठ -
सच को जानकार केवल सच को ग्रहण करे . .
.
= " गणेश जी " का एक दांत . . अर्थात
. . एक ही बार में काम पूरा करे . . अधूरा न छोड़े . . . .
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= " गणेश जी " की लम्बी सूंड . . .
अर्थात . . दूरदर्शिता . .
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= " गणेश जी " की वरमुद्रा . .
अर्थात . .. हर काम को आत्मविश्वास से करे . . .
.
= तो तैयार है ना आप .गणेश जी का जन्मोत्सव
मनाने तथा . " गणेश पूजन " के लिए . . " मोदक . . लड्डू . . दुर्वा
" तो आपने अपने साथ ले ही ली होगी . . .और हाँ . . साबुत हरा मुंग . . गुडहल
का फूल . . तो ले लिया न . .
# गणेश जी के विभिन्न रूपों की आराधना का
महत्त्व...
सफेद आंकड़े के गणेश---तंत्र क्रियाओं में सफेद आंकड़ा (एक
प्रकार का पौधा) की जड़ से निर्मित श्रीगणेश का विशेष महत्व है। इसे
श्वेतार्क गणपति भी कहते हैं। कई टोने-टोटकों
में श्रीगणेश के इस स्वरूप का उपयोग किया जाता है।
श्वेतार्क गणपति को घर में स्थापित कर
विधि-विधान से पूजा करने पर घर में किसी ऊपरी बाधा का असर नहीं होता।
।। मूंगा गणेश।। मूंगा सिंदूरी रंग का एक रत्न होता है।
इससे निर्मित श्रीगणेश की प्रतिमा को पूजा स्थान पर स्थापित करने व नित्य
पूजा करने से शत्रुओं का भय समाप्त हो जाता है
साथ ही इससे बने श्रीगणेश अपने भक्तों की हर मनोकामना पुरी करते है ।
।। पन्ने के गणेश।। पन्ना भी हरे रंग का एक रत्न होता है।
इससे निर्मित श्रीगणेश की प्रतिमा की पूजा स्थान पर स्थापित कर
विधि-विधान से पूजा करने पर बुद्धि व यश
प्राप्त होता है। विद्यार्थियों के लिए पन्ने के गणेशजी की पूजा करना
श्रेष्ठ होता है।
।। चांदी के गणेश ।।---जो लोग धन की इच्छा रखते हैं, उन्हें चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा
की पूजा करना चाहिए। इन्हें पूजा घर में
स्थापित कर दूर्वा चढ़ाने से धन-संपत्ति में
वृद्धि होती है और धन की आगमन भी तेजी से होने लगता है। इनकी
पूजा करने से जीवन का सुख प्राप्त होता है।
।।चंदन के गणेश ।। चंदन की लकड़ी के गणेश----चंदन की लकड़ी से निर्मित श्रीगणेश की
प्रतिमा घर में कहीं भी स्थापित कर सकते हैं। इससे घर में किसी प्रकार विपदा नही
आती ।
साथ ही परिवार के सदस्यों में सामंजस्य बना
रहता है व पारिवारिक माहौल खुशहाल रहता है।
।।पारद गणेश।। धन-संपत्ति प्राप्ति के लिए पारद यानी
पारे से निर्मित गणेश प्रतिमा की पूजा भी की जाती है। यदि किसी ने आपके घर पर या घर के
किसी सदस्य पर तंत्र प्रयोग किया हो तो पारद गणेश की पूजा से उसका कोई भी प्रभाव
नहीं पड़ता।
बांसुरी बजाते गणेश-यदि आपके घर में रोज क्लेश
या विवाद होता है तो आपको बांसुरी बजाते हुए श्रीगणेश की तस्वीर या मूर्ति घर में
स्थापित करना चाहिए । बांसुरी
बजाते हुए श्रीगणेश की पूजा करने से घर में सुख-शांति का वातावरण रहता है।
हरे रंग के गणेश---हरे रंग के श्रीगणेश की पूजा करने से ज्ञान व
बुद्धि की वृद्धि होती है। विद्यार्थियों को विशेष तौर पर हरे रंग की श्रीगणेश की
मूर्ति या तस्वीर का पूजन करना चाहिए।
हाथी पर बैठे गणेश--यदि आप धन की इच्छा रखते हैं तो आपको
हाथी पर बैठे श्रीगणेश की पूजा करना चाहिए। हाथी पर विराजित
श्रीगणेश की पूजा करने से पैसा, इज्जत व शौहरत मिलती है।
नाचते हुए गणेश ---नाचते हुए गणेश की पूजा करने से मन को शांति का
अनुभव होता है। यदि आप किसी तनाव में हैं तो आपको प्रतिदिन नाचते हुए श्रीगणेश की पूजा करना
चाहिए।
पंचमुखी गणेश---तंत्र क्रिया की सिद्धि के लिए पंचमुखी
श्रीगणेश का पूजन किया जाता है,
इससे कोई भी तंत्र क्रिया किसी भी बाधा के संपन्न हो जाती है। ।।जय गणेश ।।
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