अपने आदरणीय गुरुवर के श्री चरणों मे समर्पित
अति तीव्र दुर्गा साधना---(आपकी हर मनोकामना को पूर्ण करने के लिए और शक्ति प्राप्ति हेतु)
अति तीव्र दुर्गा साधना---(आपकी हर मनोकामना को पूर्ण करने के लिए और शक्ति प्राप्ति हेतु)
दुर्गा माँ एक ऐसी देवी हैं जो साधक को बहुत
जल्दी अपनी कृपा प्रदान कर देती है!जो उनकी साधना करता है उसके लिए तो संसार में
कुछ भी असंभव नहीं रहता!माँ की पूजा से हमे धर्मं,अर्थ ,काम
और मोक्ष सबकी प्राप्ति हो जाती है!माँ हमेशा अपने साधक पर अपनी कृपा दृष्टि बनाएं
रखती है और हमेशा अपने साधक का कल्याण करती रहती है! उनके साधक और उपासक का कोई
कुछ नहीं बिगाड़ सकता !माँ के बारे में लिखने में आऊँगा तो लिखता ही रहूँगा
रूखूंगा नहीं,,,इसलिए
देवी माँ की कृपा प्राप्ति हेतु एक साधना दे रहा हूँ और यह मेरे द्वारा परीक्षित
है !
दुर्गा माँ की तीव्र साधना:---दुर्गा
माँ का जप मंत्र :
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ,ॐ ग्लौं हूं क्लीं जूं सः,ज्वालय-ज्वालय,
ज्वल-ज्वल,प्रज्वल-प्रज्वल, ऐं
ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ,ज्वल
हं सं लं क्षं फट स्वाहा !!!
कुंजिका स्तोत्रं :---नमस्ते रुद्ररूपिण्यै
नमस्ते मधुमर्दिनि।नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिन ॥
नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिन
॥जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे।
ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी
प्रतिपालिका॥क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।
चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी॥ विच्चे
चाभयदा नित्यं नमस्ते मंत्ररूपिण ॥
धां धीं धू धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं
वागधीश्वरी।क्रां क्रीं क्रूं कालिका देविशां शीं शूं मे शुभं कुरु॥
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं
जम्भनादिनी।भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः॥
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं
क्षं धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी
तथा॥ सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिंकुरुष्व मे॥
साधना विधि:---सबसे पहले दुर्गा माँ की कोई भी
तस्वीर सामने रखकर पूजा करें!
देवी के सामने अगरबत्ती जलाएं ,दिया जलाएं ,लाल पुष्प चढ़ाएं,कोई भी मिठाई की भोग लगायें और लाल
चन्दन का टीका देवी को करें और खुद को भी टीका करें!
फिर ऊपर दिए दुर्गा मान के जप मंत्र को १०८ बार
जपें !
जप १०८ बार यह मंत्र जप ले फिर ऊपर दिए कुंजिका
स्तोत्र को मात्र १ बार जपें!इसके बाद अपने मंत्र जप को देवी माँ के बाएँ हाथ में
समर्पित कर दें!
इसके बाद नीचे दिए अम्बिका देवी के स्वयं सिद्ध
शाबर मंत्र की एक माला फेरे!-अम्बिका माँ का स्वयं सिद्ध शाबर मंत्र :
ॐ आठ-भुजी अम्बिका,एक नाम ओंकार , खट्-दर्शन त्रिभुवन में,
पाँच पण्डवा सात दीप , चार खूँट नौ खण्ड में,
चन्दा सूरज दो प्रमाण , हाथ जोड़ विनती करूँ , मम करो कल्याण !!!
जब आप यह स्वयं सिद्ध अम्बीका देवी के शाबर
मंत्र की १ माला फेर ले तो इसे भी देवी माँ के बाएँ हाथ में समर्पित कर दें! बस
आपकी पूजा समाप्त हुई!ऐसा कम से कम ४१ दिन करें!
साधना लाभ:---इस साधना के अनेकों लाभ हे जो
आपको साधना करके पता चलेंगे!तब भी इस पूजा से आपको दुर्गा माँ की विशेष कृपा
प्राप्त होती है!आपकी हर मनोकामना पूरी होती है! सुरात्मक शक्तियां प्राप्त होती
है!
समस्त परिस्थितियाँ अनुकूल हो जाती है! अगर कोई
स्त्री करे तो उसके सुहाग की रक्षा भी होती है! दुर्गा साधना के अनेको लाभ है
जिन्हें साधना करके ही आपको पता चलेगा!
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