शनि का वाहन भी
तय करता है आपका भविष्य जानें
कैसे--शनि के
वाहन का साढ़ेसाती पर प्रभाव
==============================
======================
ज्योतिष एवं
धार्मिक शास्त्रों में शनिदेव के रूप,
कार्यप्रणाली तथा
कथाओं का वर्णन आता है।
शास्त्रों में
ऐसा वर्णित है कि सूर्यपुत्र शनि का
कार्य प्रकृति
में संतुलन पैदा करना तथा हर जीव का
उसके कर्मो के
अनुसार न्याय करना है। शनि मात्र
पापियों और
दुराचारियों को ही पीड़ित करते हैं।
ज्योतिष तथा
दार्शनिक शास्त्र के कई नवीन
शोधकर्ताओं ने
शनि कि गोचर अनुसार राशि
परिवर्तन कि तिथि,
नक्षत्र में गोचर तथा नक्षत्र
परिवर्तन अनुसार
शनिदेव के नौ वाहनों का उल्लेख
किया है। शनिदेव
के हर वाहन का अलग अर्थ है तथा
हर वाहन का
शुभाशुभ फलादेश है। शास्त्रानुसार
शनि जिस जातक कि
कुंडली में जिस वाहन पर सवार
होते हैं वह जातक
उसी अनुसार फल पाता है।
शनि के वाहन का
साढ़ेसाती पर प्रभाव
==============================
==============
शास्त्रो मे शनि
के नौ वाहन कहे गये है. शनि की
साढेसाती के
दौरान शनि जिस वाहन पर सवार
होकर (Sadesati
gives results according to
Saturn’s ride) व्यक्ति की
कुण्डली मे प्रवेश करते है.
उसी के अनुरुप
शनि व्यक्ति को इस अवधि मे फल देते
है. वाहन जानने
के लिए निम्न विधि से शनि
साढ़ेसाती के
वाहन का निर्धारण करते हैं
व्यक्ति को अपने
जन्म नक्षत्र की संख्या (Number
of the birth Nakshatra) और शनि के राशि बदलने की
तिथि की नक्षत्र
संख्या दोनो को जोड कर
योगफल को नौ से
भाग करना चाहिए. शेष संख्या के
आधार पर शनि का
वाहन निर्धारित होता है.]
शनि का वाहन
जानने की एक अन्य विधि भी
प्रचलन मे है. इस
विधि मे निम्न विधि अपनाते हैं
शनि के वाहन
निर्धारण का तरीका - 2
शनि के राशि
प्रवेश करने कि तिथि संख्या+ ऩक्षत्र
संख्या +वार
संख्या +नाम का प्रथम अक्षर संख्या
सभी को जोडकर
योगफल को 9 से भाग किया
जाता है. शेष
संख्या शनि का वाहन बताती है.
दोनो विधियो मे
शेष 0 बचने पर संख्या नौ समझनी
चाहिए.
अगर शेष संख्या 1 होने पर शनि गधे पर सवार होते है.
इस स्थिति मे
मेहनत के अनुसार फल मिलते है.
शेष सँख्या 2 होने पर शनि घोडे पर सवार होते है. और
व्यक्ति को
शत्रुओ पर विजय दिलाते है.
शेष सँख्या 3 होने पर शनि को हाथी पर सवार कहा
गया है- इस अवधि
मे आशा के विपरित फल मिलते है.
शेष सँख्या 4 होने पर शनि को भैसे पर सवार बताया
गया है- ऎसा होने
पर व्यक्ति को मिले जुले फल
मिलते है.
शेष सँख्या 5 होने पर शनि सिंह पर सवार होते है.
व्यक्ति अपने
शत्रुओ को हराता है.
शेष सँख्या 6 होने पर शनि सियार पर सवार माने गये
है. इस दौरान शनि
अप्रिय समाचार देते है.
शेष सँख्या 7 होने पर शनि का वाहन कौआ कहा गया
है. साढेसाती की
अवधि मे कलह बढती है.
शेष सँख्या 8 होने पर शनि को मोर पर सवार बताया
गया है. व्यक्ति
को शुभ फल मिलते है.
शेष सँख्या 9 होने पर शनि का वाहन हँस कहा गया है.
व शनि व्यक्ति को
सुख देते है.
विशेष शेष संख्या
0 आने पर सँख्या 9 समझनी चाहिए-
और शनि का वाहन
हँस समझना चाहिए-
शनि साढेसाती फल
या वाहन के फल
जिस व्यक्ति को
शनि की साढेसाती के चरण (If
both the Sadesati Phase and Vehicle are unlucky,
take care) के फल अशुभ मिल
रहे है- तथा शनि का
वाहन भी शुभ नही
है- तो इस स्थिति मे साढेसाती
के दौरान व्यक्ति
को विशेष रुप से सावधान रहना
चाहिए- इस स्थिति
मे व्यक्ति के सामने अनेक
चुनोतियाँ आती
है- जिनका व्यक्ति को हिम्मत के
साथ सामना करना
चाहिए
अगर किसी व्यक्ति
को साढेसाती के अशुभ फल
(Sadesati is malefic) मिल रहे हो तथा
शनि का
वाहन शुभ हो तो
इस स्थिति मे साढेसाती के कष्टो
मे कमी आती है और
व्यक्ति को मिला जुला फल
मिलता है-
जिस व्यक्ति के
लिए शनि का वाहन शुभ हो तथा
साढेसाती के चरण
के फल भी शुभ हो तो इस स्थिति
मे शुभता बढ जाती
है- पर साढेसाती का चरण शुभ
तो और वाहन का फल
अशुभ आ रहा हो तो व्यक्ति
को मिल&जुले फल मिलते है
शनि का वाहन कुछ
व्यक्तियो के लिए शुभ फलकारी
है- तथा कुछ के
लिए अशुभ फल देने वाला होता है-
प्रत्येक व्यक्ति
के लिए शनि के फल अलग अलग हो
सकते है-
शनि वाहन : गधा (Saturn’s
Vehicle – Donkey)
व्यक्ति के लिए
शनि का वाहन गधा होने पर शनि
की साढेसाती मे
मिलने वाले शुभ फलो मे कमी
होती है. शनि के
इस वाहन को शुभ नही कहा गया है.
शनि की साढेसाती
की अवधि मे व्यक्ति को
कार्यो मे सफलता
प्राप्त करने के लिए काफी प्रयास
करना होता है.
व्यक्ति को मेहनत के अनुरुप ही फल
मिलते है. इसलिए
व्यक्ति का अपने कर्तव्य का पालन
करना हितकर होता
है.
शनि वाहन : घोडा
(Saturn’s Vehicle – Horse)
शनि का वाहन घोडा
होने पर व्यक्ति को शनि की
साढेसाती मे शुभ
फल मिलते है. इस दौरान व्यक्ति
समझदारी व
अक्लमंदी से काम लेते हुए अपने शत्रुओ पर
विजय हासिल करता
है. व व्यक्ति अपने बुद्धिबल से
अपने विरोधियों
को परास्त करने मे सफल रहता है.
घोडे को शक्ति का
प्रतिक माना गया है इसलिए
इस अवधि मे
व्यक्ति के उर्जा व जोश मे बढोतरी
होती है.
शनि वाहन : हाथी
(Saturn’s Vehicle – Elephant)
जिस व्यक्ति के
लिए शनि का वाहन हाथी होता
है. उस व्यक्ति
के लिए शनि के वाहन को शुभ नही
कहा गया है. इस
दौरान व्यक्ति को अपनी उम्मीद से
हटकर फल मिलते
है. इस स्थिति मे व्यक्ति को साहस
व हिम्मत से काम
लेना चाहिए. तथा विपरित
परिस्थितियों मे
भी घबराना नहीं चाहिए.
शनि वाहन : भैसा
(Saturn’s Vehicle – Buffalo)
शनि का वाहन
भैंसा आने पर व्यक्ति को मिले-जुले
फल मिलते है. शनि
की साढेसाती की अवधि मे
व्यक्ति को संयम
व होशियारी से काम करना
चाहिए. इस सममे
मे बातो को लेकर अधिर व व्याकुल
होना व्यक्ति के
हित मे नही होता है. व्यक्ति को
इस समय मे
सावधानी से काम करना चाहिए. अन्यथा
कटु फलो मे
वृ्द्धि होने की संभावना होती है.
शनि वाहन : सिंह
(Saturn’s Vehicle – Lion)
शनि का वाहन सिँह
व्यक्ति को शुभ फल देता है-
सिँह वाहन होने
पर व्यक्ति क समझदारी व चतुराई से
काम लेना चाहिए-
ऎसा करने से व्यक्ति अपने शत्रुओ
पर विजय प्राप्त
करने मे सफल होता है- अत इस अवधि
मे व्यक्ति को
अपने विरोधियोँ से घबराने की जरुरत
नही होती है-
शनि वाहन : सियार
(Saturn’s Vehicle – Jackal)
शनि की साढेसाती
के आरम्भ होने पर शनि का
वाहन सियार होने
पर व्यक्ति को मिलने वाले फल
शुभ नही होते है-
इस स्थिति मे व्यक्ति को साहस व
हिम्मत से काम
लेना चाहिए- क्योकि इस दौरान
व्यक्ति को अशुभ
सूचनाएं अधिक मिलने की
संभावनाएं बनती
है
शनि वाहन : कौआ (Saturn’s
Vehicle – Crow)
व्यक्ति के लिए
शनि का वाहन कौआ होने पर उसे
शान्ति व सँयम से
काम लेना चाहिए- परिवार मे
किसी मुद्दे को
लेकर विवाद व कलह की स्थिति को
टालने का प्रयास
करना चाहिए- ज्यादा से ज्यादा
बातचित कर बात को
बढने से रोकने की कोशिश
करनी चाहिए- इससे
कष्टो मे कमी होती है
शनि वाहन : मोर (Saturn’s
Vehicle – Peacock)
शनि का वाहन मोर
व्यक्ति को शुभ फल देता है- इस
समय मे व्यक्ति
को अपनी मेहनत के साथ&साथ भाग्य
का साथ भी मिलता
है- शनि की साढेसाती की
अवधि मे व्यक्ति
अपनी होशियारी व समझदारी से
परेशानियों को कम
करने मे सफल होता है- इस दौरान
व्यक्ति मेहनत से
अपनी आर्थिक स्थिति को भी
सुधार पाता है-
शनि वाहन : हंस (Saturn’s
Vehicle – Swan)
जिस व्यक्ति के
लिए शनि का वाहन हँस होता है
उनके लिए शनि की
साढेसाती की अवधि बहुत शुभ
होती है- इस मे
व्यक्ति बुद्धिमानी व मेहनत से काम
करके भाग्य का
सहयोग पाने मे सफल होता है- यह
वाहन व्यक्ति के
आर्थिक लाभ व सुखो को बढाता
है- शनि के सभी
वाहनो मे इस वाहन को सबसे अधिक
अच्छा कहा गया
है-
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें