ॐ नमः शिवाय
गजकेसरी योग
पहले यह बता दिया जाएं कि गजकेसरी
योग का निर्माण कैसे होता है और इसके योग से क्या फायदा होता है
. गजकेसरी योग प्रसिद्ध धन योगों में
से एक योग है. गजकेसरी योग जिस व्यक्ति की कुण्डली में होता है. उस व्यक्ति के धन, सुख, यश व
योग्यता में वृ्द्धि होती है.
इसकी शुभता से व्यक्ति की आर्थिक
स्थिति को बल प्राप्त होता है. तथा ऎसा व्यक्ति अपने शत्रुओं पर अपना प्रभाव बनाये
रखने में सफल होता है. विद्वता, शक्ति, अधिकार व बुद्धि इन सभी गुणों की
प्राप्ति की संभावनाएं भी यह योग बनाता है.
यह योग बड़े बड़े राजनेता ,मंत्री, विधायक ,बड़े बड़े व्यापारी अभिनेता , उच्च
पद पर आसीन जातक की कुन्डली मे ज्यादा देखा जाता है
गुरु की चंद्रमा पर पांचवी या नोवी
दृस्टि भी इस योग का निर्माण करती है
ऐसा मैंने उच्च पद पर आसीन जातक की
कुन्डली को देख कर अनुभव लिया है
सबसे अच्छा गजकेसरी योग गुरु +
चन्द्रमा की युति एक ही भाव मे हो यह योग शुभा - शुभ माना जाता है
गुरु कर्क राशि मे उच्च का होता है
पर चन्द्रमा कर्क राशि का स्वामी जब एक दोनों की युति कर्क राशि पर
हो तो बहुत अच्छा और शुभ माना जाता
है
शुभ भाव केंद्र मे प्रथम , चतुर्थ
. सप्तम दशम। या फिर त्रिकोण मे पंचम या नवम भाव मे बने तो गजकेसरी
योग अत्यंत
शुभा - शुभ हो जाता है यह योग मीन राशि धनु राशि।वृष राशि
पर भी बहुत लाभ प्रद रहता है
मगर यह योग 6 8 12 भाव मे ना हो अगर यह 6 8 12 भाव मे हुये तो जातक
को इतना लाभ नहीं दे पाते
दूसरी बात यह की अगर गुरु वक्री हुआ
तो भी उत्तम फल नहीं मिलेगा
यह योग चन्द्रमा की नीच राशि पर या
गुरु की नीच राशि पर हुआ तो भी निष्फल हो जायेगा
अगर ग्रह का नीच दोष भंग ना हो रहा
हो तो
लगन कमजोर हुआ तो भी योग मे कमी आ
जायेगी यह जानकारी देना इस लिये जरुरी समझ
रहा हूँ की
मित्र गण पूछ लेते है हमारी कुन्डली
मे यह योग हैमगर हम तो एक नार्मल जीवन जी रहे है
मगर इस योग के आलावा भी ग्रह की
दृस्टि और कुन्डली के किस भाव मे योग बन रहा है देख लेना चाहिए
पहले भाव मे - यह योग बने तो जातक
कोई नेता या अभिनेता होता है ऐसे जातक को देखने के लिये जनता उतावली हो जाती है
उसका रहन सहन राजाओ जेसा होता है यह योग जातक को गलत रास्ते पर भी
जाने से रोकता है जातक ईस्वर को मानने वाला होता है
दूसरे भाव मे बने तो उच्च घराने मे
जन्म लेता है वाणी का धनी होता है धन सम्पदा की कमी नहीं रहती ऐसे जातक की बात को गौर से सुना जाता
है
ऐसे जातक कथा वाचक और बड़े बड़े साधू
संत भी देखे गए है
तीसरे भाव मे यह योग बने तो भाई बहन
को भी उच्च पद पर ले जाता है
जातक बहुत पराक्रमी और मान-सममान
वाला होता है
चौथे भाव मे यह योग बने तो माँ से
अत्यंत प्यार और लाभ मिलता है
भूमि और वाहन क उच्च सुख प्रदान होता
है
रहने के लिये अच्छा निवास स्थान होता
है
पंचम भाव मे यह योग बने तो बुद्धि के
बल पर धन कमाने का संकेत होता है जातक बुद्धिशाली ऐसा जातक अच्छा स्कूल टीचर , वैज्ञानिक
,
नए नए अविष्कार करने वाला होता है ! उच्च कोटि का लेखक ऐसे जातक को पूर्ण संतान का सुख
मिलता है संतान के उच्च पद पर आसीन होने के
योग भी बनते है
छटे भाव मे यह योग कुछ कमजोर पड जाता
है
छटे भाव मे गुरु शत्रुहंता होता है
शत्रु दब कर रहते है
साथ मे चंद्रमा मन और माँ के लिये
ठीक नहीं होता
सप्तम भाव जीवन साथी का होता है जीवन
साथी उच्च पद पर आसिन होता है
उच्च घराने मे शादी करवाता है जीवन साथी उच्च विचारो वाला होता है
अष्टम का गजकेसरी योग भी कमजोर पड़
जाता है
यह योग जातक को गुप्त विद्या मे ले
जाता है
इस योग मे बड़े बड़े तांत्रिक और साधू
सन्त देखे जाते है
यह योग कई बार अचानक धन भी दिलवा
देता है
यह योग गुप्त धन की प्राप्ति जरूर
देता है
जातक कल्पना भी नहीं कर सकता वहाँ से
धन की प्राप्ति हो जाती है
नवम भाव मे गजकेसरी योग - जातक को
कर्म से जायदा भाग्य के दुआरा मिल जाता है
नवम भाव धर्म और भाग्य का माना गया
है
जातक बहुत भाग्य शाली होता है
और भगवान् के प्रति सच्ची श्रद्धा
रखता है
दसमं भाव मे गजकेसरी योग - पिता को
उच्च पद पर ले जाता है जातक को भी उच्च पद प्राप्त होता है
जातक भाग्य से ज्यादा कर्म को महत्व
देता है
समाज मे मान - सम्मान दिलवाता है
ग्यारवाँ भाव मे गजकेसरी योग - जातक
की इनकम के एक से ज्यादा स्रोत होते है
जातक को कई प्रकार से इनकम आती है
कम मेहनत मे जायदा पैसा का संकेत
होता है
ऐसा जातक घर बेठे पैसा कमाता है
बारवे भाव मे गजकेसरी योग - यहाँ भी
यह योग कुछ कमजोर पड़ जाता है
जातक धर्म कर्म पर पैसा ख़र्च करने
वाला
घर से दूर सफलता का सूचक होता है
( अब राशियो के अनुसार लिखने की
कोशिश कर रहा हूँ )
गजकेसरी योग से मिलने वाले फल भी
राशियों के गुणतत्वों से प्रभावित होते है. अलग-अलग राशियों के व्यक्तियों के लिये
गजकेसरी योग अलग अलग फल होता है. विभिन्न राशियों में गजकेसरी योग से किस प्रकार
के फल प्राप्त हो सकते है.
1. “गजकेसरी’ योग
मेष राशि में
मेष राशि में गजकेसरी योग बनने पर
व्यक्ति को तर्क करने में कुशलता प्राप्त होती है. वह वाद-विवाद में निपुण होता
है. ऎसे व्यक्ति का ध्यान सदैव अपने लक्ष्य पर होता है. इसलिये जीवन में उच्च
सफलता प्राप्ति की संभावनाएं बनती है. इस योग वाला व्यक्ति अपने शत्रुओं पर अपना
प्रभाव बनाये रखता है.
गजकेसरी योग धन योग है. इसलिये
व्यक्ति के धन में स्वभाविक रुप से वृ्द्धि होती है. योग की शुभता व्यक्ति को
संतान संपन्न बनाने में सहयोग करती है. उसे यश व नाम की प्राप्ति होती है.
इस योग में गजकेसरी योग क्योकि मेष
राशि में बन रहा है. इसलिये व्यक्ति के स्वभाव में क्रोध के गुण व्याप्त होने की
भी संभावनाएं बनती है. इस योग का व्यक्ति न्याय करने में कठोर निर्णय लेने से भी
नहीं चूकता है.
2. “गजकेसरी’ योग
वृ्षभ राशि में
जब किसी व्यक्ति की कुण्डली में
गजकेसरी योग बनने पर व्यक्ति स्वभाव से दयालु, समाजसेवी व दुसरों की सहायता के लिये
तत्पर रहने वाला होता है. उसकी धार्मिक कार्यो में विशेष रुचि होने की संभावनाएं
बनती है. योग की शुभता व्यक्ति को समृ्द्धिशाली बनाने में सहयोग करती है. तथा ऎसा
व्यक्ति सोच-विचार के बोलने की प्रवृ्ति रखता है.
3. “गजकेसरी’ योग
मिथुन राशि में
अगर गजकेसरी योग मिथुन राशि में बनने
पर व्यक्ति के धन में वृ्द्धि होती है. यह योग व्यक्ति को वैज्ञानिक बुद्धि का
बनाता है. तथा व्यक्ति दूसरों के विषय में अच्छे विचार रखता है.
4. “गजकेसरी’ योग
कर्क राशि में
गजकेसरी योग का निर्माण जब कर्क राशि
में हो रहा हों तो व्यक्ति विद्वान हो सकता है. ऎसा व्यक्ति जिस भी क्षेत्र में
जाता है, अपना प्रभाव बनाये रखता है. वह धार्मिक आस्थावान होता है. तथा
संस्कारों से युक्त भी होता है. उसे सत्य बोलने में रुचि होती है. तथा स्वभाव में
दूसरों के प्रति किसी प्रकार की कोई कुटिलता नहीं होती है. इस योग के व्यक्ति को
यश व प्रसिद्धि की प्राप्ति होती है.
5. “गजकेसरी’ योग
सिंह राशि में
गजकेसरी योग क्योकि गज व सिंह के योग
से बनता है. इसलिये सिंह राशि में सिंह की सभी विशेषताएं व्यक्ति के स्वभाव में
आने की संभावनाएं बनती है. सिंह राशि में गजकेसरी योग व्यक्ति को शत्रुओं का सामना
बहादुरी से करने की योग्यता देता है. ऎसा व्यक्ति अपने मित्रों कि सहायता के लिये
तैयार रहता है. वह राजसिक वस्त्र पहनना पसन्द करता है. तथा उसे प्राकृ्तिक
प्रदेशों में घूमने का शौक हो सकता है.
6. “गजकेसरी’ योग
कन्या राशि में
कन्या राशि में गजकेसरी योग व्यक्ति
को बुद्धिमान, धार्मिक, चतुर और यशस्वी बनाता है.
उपरोक्त सभी राशियों में गजकेसरी योग
के पूर्ण फल पाने के लिये यह आवश्यक है कि चन्द्र व गुरु दोनों ही मित्रक्षेत्री, शुभ
भावेशों से युक्त – द्र्ष्ट व शुभ भावस्थ हों, तभी योग के सभी फल प्राप्त होने की
सम्भावनाएं बनती है.
7. ” गजकेसरी योग” तुला
राशि में
गजकेसरी योग तुला राशि में बने तो
व्यक्ति विद्वान होता है. वह धनी होता है. इस योग के व्यक्ति को विदेश में निवास
करना पड सकता है. उसे कला विषयों से स्नेह होने की संभावना बनती है.
8. ” गजकेसरी योग” वृ्श्चिक
राशि में
वृ्श्चिक राशि में गजकेसरी योग बने
तो व्यक्ति ज्ञानी व अपने विषय क्षेत्र में कार्य कुशल होता है. यह योग व्यक्ति को
दृढ आस्था वाला बनाता है. अपनी धार्मिक आस्था के रहते वह धर्म के क्षेत्र में
विशेष कार्य करता है. उसके स्वभाव में कुछ जिद्द का भाव हो सकता है. यह योग मंगल
की राशि में बन रहा है, इसलिये व्यक्ति में कुछ लालच का भाव
हो सकता है.
9. ” गजकेसरी योग” धनु
राशि में
जब किसी व्यक्ति की कुण्ड्ली में
गजकेसरी योग में होने पर योग के फलस्वरुप व्यक्ति कि धार्मिक आस्था में वृ्द्धि
होती है. यह योग व्यक्ति को आध्यात्मिक प्रवृ्ति का बना सकता है. यह योग क्योकि
गुरु के संयोग से बन रहा है इसलिये योग कि शुभता से व्यक्ति विद्वान बनता है.
10. “गजकेसरी योग” मकर
राशि में
शनि की मकर राशि में इस योग के बनने
पर गजकेसरी योग उतम श्रेणी के फल नहीं देता है. फिर भी इस योग से व्यक्ति में
चिन्तन प्रवृ्ति आती है. व गंभीर विषयों पर कार्य करना पसन्द करता है.
11. “गजकेसरी योग” कुम्भ
राशि में
इस राशि में भी व्यक्ति की सेवा के
कार्यो में कम रुचि लेता है. मित्रों पर कुछ अपव्यय कर सकता है. शनि व गुरु के
संबन्ध मित्रवत न होने के कारण शनि की राशियों में गजकेसरी योग की शुभता में कमी
होती है. इस स्थिति में गजकेसरी योग से मिलने वाले उपरोक्त फल कम शुभ होकर प्राप्त
होते है.
12. “गजकेसरी योग” मीन
राशि में
मीन राशि क्योकि गुरु की अपनी राशि
है. मीन राशि में गजकेसरी योग बनने पर व्यक्ति को धार्मिक पुस्तकों के अध्ययन में
रुचि होने कि संभावनाएं बनती है. उसे धन व सम्मान की प्राप्ति होती है. ऎसा
व्यक्ति द्र्ढ निश्चय वाला होता है. तथा उसमें संयम का भाव पाया जाता
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