शनिवार, 6 जनवरी 2018

ग्रह और हम===



ग्रह और हम===========

ग्रहों के आपस के सम्बन्धों के प्रति बहुत ही मजेदार बात भारतीय ज्योतिष ने प्रदान की है,हर ग्रह जिन्दा है हर ग्रह देवता है और हर ग्रह हमेशा हमारे पास है,हर ग्रह आपस में हर काम कर रहा है,जैसे गुरु पिता है,चन्द्र माता है,मंगल भाई है,बुध बहिन बुआ बेटी है,शुक्र पत्नी है,शनि चाचा है,राहु स्वसुर और केतु नाना है,यही ग्रह शरीर के अन्दर भी हैं जो हमेशा साथ रहते है,सूर्य शरीर और नाम,पहिचान आदि है,चन्द्र शरीर मे पानी की मात्रा है,मंगल शरीर में खून है,बुध शरीर में नसें और स्नायु तन्त्र है,गुरु दिमाग है,शुक्र जनन इन्द्रिय और शरीर की मोहक अदा है,शनि बाल,खाल और हर अंग की रक्षा करने वाला हिस्सा है,राहु विद्या कल्पना है और केतु हाथ पैर कान,और शरीर को सहायता देने वाले हिस्से हैं,यही ग्रह हिन्दू मतानुसार पूजा में भी साथ रहते है,सूर्य विष्णु है,चन्द्र भगवान शिव हैं,मंगल हनुमानजी है,बुध दुर्गा जी है,गुरु भगवान इन्द्र है,ब्रह्माजी है,शुक्र लक्ष्मी है,शनि भैरों है,राहु सरस्वती है,और केतु गणेशजी है|

घर में प्रयोग होने वाली वस्तुओं में हल्दी गुरु है घी शुक्र है मीठा मंगल है गुड सूर्य है दुश चन्द्र है मूंग बुद्ध है काले तिल शनी है तो काले सफेद मिक्स तिल केतु है तो कोयले राहू है |
रंग में सूर्य क सुनहरा तो चन्द्र शुक्र का सफेद मंगल का लाल बुद्ध का हरा गुरु का पिला तो शनी का नीला तो राहू का स्लेटी है केतु दोरंगा है |
गाडी में मालवाहक गाडी शनी की है तो घुमने फिरने के लिय गाडी शुक्र है तो गाडी के पहिये केतु है तो सडक शनी है | तो सडक के ब्रेकर राहू है तो पुलिस चैक पोस्ट राहू मंगल का संयुक्त रूप है , तो सडक पर इशारा करने वाले निशाँन केतु है |
मन्दिर गुरु का है तो उस पर फहराने वाली ध्वजा केतु की है तो उसमे बजने वाला संख बुद्ध का है |
रत्नों में माणिक्य सूर्य मोती चन्द्र का मूंगा मंगल का पन्ना बुद्ध का पुखराज गुरु का तो ओपल और हीरा शुक्र का नीलम शनी का तो गोमेद राहू और लहसुनिया केतु का होता है |
धतुवों में सोना गुरु का ताम्बा सूर्य मंगल का , चांदी शुक्र चन्द्र की तो स्टील लोहा शनी का तो अलुमुनिय्म राहू का तो कलई बुद्ध की होती है |
इस तरह हमारे जीवन में काम आने वाली हर चीज किसी न किसी ग्रह को दर्शाती है | कुछ व्स्तुवें संयुक्त गरहों को दर्शाती है | आप इनमे से आपकी कुंडली में जो शुभ फल देने वाले ग्रह है उनका ज्यादा प्रयोग करके उसे मजबूत कर सकते है तो जो अशुभ फल देने वाले ग्रह है उनकी वस्तु को दान करके अशुभ फल में कमी कर सकते है | जय श्री राम

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें