मित्रों हर रोज जब भी कोई पोस्ट करता हूँ
तो कुछ ऐसे मित्र होते है की वो कहते है की मेरा अमुक ग्रह इस भाव में है इसके
क्या उपाय करूं | लेकिन किसी एक ग्रह
के आधार पर कभी भी उपाय लाभदायक सिद्ध नही होते | उपाय करते समय हमे लग्न कुंडली में ग्रहों की सिथ्ती
के साथ वर्षफल और दशा कर्म का ध्यान रखना पड़ता है | इसिलिय आज उपाय के
उपर ये मेरी एक पुरानी पोस्ट में कुछ नया जोड़ते हुवे दोबारा कर रहा हूँ ताकि आप
समझ सके की उपाय ऐसे ही नही होते उनके पीछे छुपे हुवे रहस्य को जानकार किये जाने
पर ही लाभ मिल पाता है |
लाल किताब के कुछ
उपाय जितने लाभदायक होते है उतने ही वो नुकसानदायक भी सिद्ध हो सकते है यदि उनको
सही न किया जाए तो और इसमें वर्षफल में ग्रहों की सिथ्ति काफी अहम भूमिका निभाती
है | कोई भी उपाय करने
से पहले आपको ये पता होना चाहिए की आप ये उपाय किसलिय कर रहे है और इसके क्या लाभ
और नुक्सान हो सकते है |
आप जब भी कोई उपाय करते है तो उस उपाय के
पीछे कोई न कोई लोजिक अवस्य अवस्य होता है हालाँकि बहुत से लोग से ही कंही से भी
पढकर उपाय करना सुरु कर देते है और फिर बोलते है की मै इतने उपाय कर चूका हूँ मुझे
कोई फायदा नही हुआ |
उपाय के
रूप में जो मुख्य रूप से किये जाते है उनमे किसी भी ग्रह से सम्बन्धित वस्तु को जल
में बहाना , या उसे जमीन में दबाना या उसका दान करना
, सम्बन्धित
ग्रह के मन्त्र जप करना , सम्बन्धित ग्रह के रत्न धारण करना , उस ग्रह
से सम्बन्धित जानवर को उस ग्रह से सम्बन्धित वस्तु खिलाना , उस से
सम्बन्धित रिश्तेदार जानवर, पेड़
पोधों की सेवा करना और उस से सम्बन्धित वस्तु को घर में कायम करना |
यदि आप कोई भी उपाय करते है तो उसके पीछे
छिपे हुवे रहस्य को आपको अवस्य समझना चाहिए इसिलिय आज उन रहस्यों को खोल रहा हूँ |
जब भी आप किसी ग्रह की वस्तु को जल प्रवाह करते है या जमीन में दबाते है
तो उस साल के लिय आप उस ग्रह के प्रभाव को खत्म कर रहे होते है ऐसे में आपको ये
विशेष ध्यान रखना होता है की ऐसे उपाय से उस ग्रह के कारक रिश्तेदार को नुक्सान
होने की पूरी सम्भवना बन जाती है जैसे की एक उपाय है की मंगल अस्ठ्म में हो तो शहद
का बर्तन जमीन में दबाना होता है ऐसे में जैसे की मंगल भाई का कारक ग्रह होता है
और तीसरा भाव भाई को दर्शाता है ऐसे में यदि तीसरा भाव पाप प्रभाव में हो तो ऐसे
उपाय से ये सम्भव है की आपके भाई को उस साल कोई मुसीबत का सामना करना पड़ जाए | इसी तरह से शनी जो
की मजदूर वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है और आप के निचे मजदूर कार्य करते है और
वर्षफल में और लग्न कुंडली में शनी अच्छे भाव में आया हुआ है और आप शनी से
सम्बन्धित वस्तु जल प्रवाह कर देते है तो आपको अपने व्यवसाय में नुक्सान होना
सम्भव हो जाता है | साथ ही इस बात का ध्यान रखे की यदि चन्द्र के दुश्मन ग्रह की वस्तु आप जल
प्रवाह कर रहे है तो आप अपने चन्द्र को कमजोर कर रहे है ऐसे में आपको कुंडली में
चन्द्र की सिथ्ती का विशेष ध्यान रखना आवश्यक हो जाता है |![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjeWrTAsGxTDKv7Mt_11HKlOdccxemOX7Ge9GW2KWR1KcDQAngNFfOd0RijbjyVCLxTQ1lhe1rPBTrKC5fOE0-QdL0N_PDRRa-YFaGcNpcdIyicQPq0BQbtgge7pkQ1uwPrke28kdDipKo/s320/re88.jpg)
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjeWrTAsGxTDKv7Mt_11HKlOdccxemOX7Ge9GW2KWR1KcDQAngNFfOd0RijbjyVCLxTQ1lhe1rPBTrKC5fOE0-QdL0N_PDRRa-YFaGcNpcdIyicQPq0BQbtgge7pkQ1uwPrke28kdDipKo/s320/re88.jpg)
किसी भी ग्रह के मन्त्र जप आप उस सिथ्ती में करे जब कुंडली में
वो ग्रह कारक होकर कमजोर हो रहा हो तो उस ग्रह के मन्त्र जप करने से उसका रत्न
धारण कर उसे मजबूत करके उसके शुभ फलों में बढ़ोतरी की जा सकती है \ लेकिन
यदि आप किसी बिज मन्त्र का जप करते है और उस मन्त्र का पहला अक्सर आपकी कुंडली में
त्रिक भाव में पड़ने वाली राशि में आता है तो फिर आपको लाभ की जगह नुक्सान होने की
पूरी सम्भावना रहती है |
यदि कोई ग्रह कुंडली में अशुभफल देने
वाला सिद्ध हो रहा है तो आप उसके दान कर सकते है | लेकिन यदि आप
किसी अच्छे फल देने वाले ग्रह का दान करते है तो उसमे आपको हानि होने की पूरी सम्भवना
रहती है |
एक उपाय है की ग्रह से सम्बन्धित वस्तु
उसी के जानवर को खिलाना जैसे की हम किसी ग्रह को नस्ट नही सकते तो ऐसे में उस ग्रह
को काबू करने के लिय हम उसी ग्रह की वस्तु को उसी से सम्बन्धित जानवर को खिला देते
है जैसे
की यदि शुक्र अशुभ फल देने वाला सिद्ध हो रहा है तो हम शुक्र की गाय को
शुक्र की ज्वार को खिला देते है और शुक्र खुद उसे खाकर नस्ट करके गोबर में तब्दील
कर देता है और हमे शुक्र से सम्बन्धित अशुभ फलों में कमी हो जाती है | ऐसे ही यदि सूर्य
अशुभ फल दे रहा है तो तो हम भूरी चीटियों को गुड डालकर उसके अशुभ प्रभाव में कमी
करते है |
इसी तरह किसी ग्रह से सम्बन्धित वस्तु को
घर में कायम किया जा सकता है जैसे की दुसरे भाव में चन्द्र उंच होता है कालपुरुष
की कुंडली में ऐसे में इस भाव के चन्द्र के शुभ फलों में बढ़ोतरी के लिय चन्द्र
माता से चावल चन्द्र लेकर अपने कमरे में कायम करे तो ऐसे में ये चावल जैसे जैसे
पुराने होते जाते है चन्द्र के शुभ फल में बडोतरी होती जाती है |
एक ख़ास बात की लाल किताब में हर भाव के
हिसाब से ग्रह के उपाय बदलते है और यदि किसी अन्य ग्रह के साथ युति हो तो उसका
उपाय अलग होता है इसिलिय इस बात का विशेष ध्यान आपको रखना होता है |
यदि किसी ग्रह से सम्बन्धित रिश्तेदार या जानवर की हम सेवा
करते है तो उसका १००% हमे फल मिलता है जैसे चन्द्र के लिय माँ बुद्ध के लिय बहन
बुआ बेटी आदि और यदि उस से सम्बन्धित पेड़ आदि की सेवा करते है तो पचास प्रतिसत फल
मिल जाता है जैसे शनी के लिए किक्र गुरु के लिय पीपल आदि | यदि किसी
पथर रत्न को धारण करते है तो 25% तक उस
ग्रह के हमे फले मिलते है हालाँकि रत्न के बारे में अलग अलग विद्वानों के अलग अलग
मत है लेकिन मेरी नजर में जितने भी श्रेष्ठ ज्योत्षी है उनका ये ही मत है की रत्न
का ज्यादा प्रभाव न होकर यदि आप उस ग्रह के मन्त्र जप करते है उस से सम्बन्धित
रिश्तेदारों ककी सेवा करते है तो उसका पूर्ण प्रभाव आपको मिलता है| रत्न को
यदि प्राण प्र्तिस्ठित करवा करे धारण करते है तो फिर इसमें कोई स हक नही की उसका
प्रभाव बहुत ज्यादा बढ़ जाता है |![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhPHbe3Oz8-VfIHBhPVk5uNuHmW2K7egKQczstKMORlMskRPmic42Hhv1BR6ONMBCxYKAVrtgYhh4sWpueVyi7gzydeBatpT8BozLBZLLKOhPMZhoxc8UMLfIohWCVC5RV3wdI_gafL4Pg/s320/7888888888888866.jpg)
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhPHbe3Oz8-VfIHBhPVk5uNuHmW2K7egKQczstKMORlMskRPmic42Hhv1BR6ONMBCxYKAVrtgYhh4sWpueVyi7gzydeBatpT8BozLBZLLKOhPMZhoxc8UMLfIohWCVC5RV3wdI_gafL4Pg/s320/7888888888888866.jpg)
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जय
श्री राम///
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