संकलन --------------------
आज रात 12 बजे बन रहा है जन्माष्टमी पर खास मुहूर्त, इन उपायों से होगा लाभ
इस साल जन्माष्टमी व्रत को लेकर
जहां पेच फंसा हुआ है और लोग इस उलझन में हैं कि किस दिन व्रत और पूजन करें। आपको
बता दें कि इस साल जान्माष्टमी का सबसे शुभ संयोग और मुहूर्त 14 अगस्त
की रात 12 बजे का बन रहा है। इस समय एक ऐसा खास संयोग भी बना हुआ है जिसका लाभ
शत्रु बाधा और जीवन के दुखों को दूर करने के लिए कोई भी कर सकता है।
शास्त्रों के अनुसार 14 अगस्त
को ही दशमहाविद्याओं में प्रमुख महाकाली का प्रकट्योत्सव भी है यानी देवी काली का
भी आज जन्मदिन है। विष्णु पुराण के अनुसार विंध्यवासिनी देवी भी भाद्रकृष्ण अष्टमी
की मध्यरात में यशोदा के यहां प्रगट हुईं थीं। ऐसे में 14 अगस्त
की रात 12 बजे वह खास संयोग बनेगा जब एक साथ श्रीकृष्ण, काली और
विंध्यवासिनी देवी के जन्म काल का संयोग बनेगा। इस संयोग में शत्रु बाधा दूर करने
से लेकर, जीवन में कामयाबी,
आर्थिक परेशानी दूर करने के लिए इन 5 उपायों
को आजमा सकते हैं।
संतान सुख में बाधा दूर करें
भगवान श्रीकृष्ण को माखन मिसरी
का भोग लगाकर संतान गोपाल मंत्र 'देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं
शरणं गतः।' का जप करें। इस मंत्र से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और संतान सुख की
प्राप्ति होती है। जिन दंपति को संतान सुख में बाधा आ रही हो उनके लिए यह बहुत
लाभकारी मंत्र माना गया है।
कामयाबी का मार्ग सरल होता है
मां काली का बीज मंत्र 'ओम ह्रीं
क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः'
मंत्र का जितना अधिक हो सके इस रात जप
करें। कम से कम 108 जप किया जा सकता है। इससे काली और विंध्यवासिनी देवी प्रसन्न
होती हैं। इनकी प्रसन्नता से शत्रुओं का भय दूर होता है और जीवन में कामयाबी का
मार्ग सरल होता है।
जन्माष्टमी पर, जानें
सही तिथि और मुहूर्त
धन संबंधी परेशानी दूर करें
मां विध्यवासिनी भगवान श्रीकृष्ण
की बहन मानी जाती हैं क्योंकि इनका जन्म श्रीकृष्ण की मैय्या यशोदा के गर्भ से उसी
समय हुआ था जिस समय कृष्ण देवकी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। जन्माष्टमी की रात मां
विध्यवासिनी स्तोत्र का पाठ बड़ा ही काल्याणकारी माना गया है। इससे धन संबंधी
परेशानी दूर होती है और भक्तों की दूसरी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। स्तोत्र के
कुछ अंश इस प्रकार हैं- नंद गोप गृहे जाता यशोदा गर्भसम्भवा। ततस्तो नाश यष्यामि
विंध्याचल निवासिनी।। निशुम्भशुम्भमर्दिनी,
प्रचंडमुंडखंडनीम। वने रणे प्रकाशिनीं, भजामि
विंध्यवासिनीम।। त्रिशुलमुंडधारिणीं,
धराविघातहारणीम। गृहे गृहे निवासिनीं, भजामि
विंध्यवासिनीम।। दरिद्रदु:खहारिणीं,
संता विभूतिकारिणीम। वियोगशोकहारणीं, भजामि
विंध्यवासिनीम।।
सुख की प्राप्ति होती है
जन्माष्टमी की रात 12 बजे
भगवान श्रीकृष्ण को गाय के दूध,
दही, शहद, घी और
गंगाजल से स्नान करवाकर नए वस्त्र पहनाएं और जनेऊ भेंट करें। इससे अन्न, धन और
सुख की प्राप्ति होती है।
मुक्ति का मार्ग सरल करें
जन्माष्टमी की रात में विष्णु
पुराण का पाठ बहुत ही शुभ फलदयी माना गया है। इनमें श्रीकृष्ण की लीला और जन्म का
प्रसंग पाठ करने से मुक्ति का मार्ग सरल होता है।
जन्माष्टमी विशेषः घर में है कृष्ण की मूर्ति तो ना करें ये गलत 1/6जन्माष्टमी की पूजा में रखें इन बातों का ध्यान
जन्माष्टमी
के मौके पर अगर आप अपने घर में श्रीकृष्ण की मूर्ति बैठा रहे हैं या आपके
घर में पहले से कृष्ण की मूर्ति है तो जन्माष्टमी के दिन पूजा करते हुए इन
पांच बातों की अनदेखी न करें। अगर इन 5 बातों का ध्यान रखते हुए पूजन
करेंगे तो श्रीकृष्ण प्रसन्न होंगे और पूरी होगी मनोकामना।
5/6तो खुश होंगे श्रीकृष्ण और राधारानी
मुरली
भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को प्यारी है। जन्माष्टमी की पूजा में
श्रीकृष्ण को मुरली भेंट करने से गृहक्लेश और घर का वास्तुदोष दूर होता है।
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