मकर
: (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
उत्तराषाढ़ा
नक्षत्र के 3
चरण, श्रवण
एवं धनिष्ठा नक्षत्र के 2 नक्षत्र चरण (तृतीय व चतुर्थ) के संयोग से मकर राशि का निर्माण हुआ
है। मकर राशि का मान 5 घटी 15 पल है। सूर्य इस राशि पर 29 दिन 24 घटी रहते हैं। जब सूर्य इस राशि पर
आते हैं तो दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर चलना प्रारंभ करते हैं। इस राशि के
राशि-स्वामी शनिदेव हैं।
मकर
राशि वालों के लिए यह वर्ष सुख, संपदा, सम्मान व प्रतिष्ठा वाला रहेगा। इस वर्ष प्रॉपर्टी में वृद्धि होगी व
आर्थिक सुख-सुविधा, आभूषण के सुख मिलेंगे। पत्नी व परिवार से सुख प्राप्त होगा। नए कार्य
की जल्दबाजी से कार्य न करें। परिणाम लाभ वाला रहेगा।
इष्ट
मित्रों से सहयोग प्राप्त होगा व अधिक समय से चल रहे विवाद खत्म होंगे। राजनीतिक
वर्ग के लिए यह वर्ष सुखद रहेगा। कृषक वर्ग को अच्छा लाभ मिलेगा।
अविवाहित
के विवाह योग प्रबल हैं और विद्यार्थी वर्ग को सफलता के कई रास्ते खुलेंगे। नौकरी
वालों के लिए अधिकारी को खुश करके कार्य करना पड़ेगा, साथ ही किसी से सहयोग की आवश्यकता
पड़ेगी। स्वास्थ्य की नजर से यह वर्ष ठीक रहेगा।
पूरे
वर्ष में राहु की आराधना के साथ शिव आराधना करने से लाभ मिलेगा।
कुंभ-
(गु, गे, गो, सा, सी, सु, सु, से, सो, दा)
धनिष्ठा
के 2
चरण (तृतीय-चतुर्थ), शतभिषा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के 3 चरण के संयोग से कुंभ राशि का निर्माण
हुआ है। कुंभ राशि का मान 4 घटी 45 पल है। सूर्य इस पर 29 दिन 49 घटी 43 पल रहता है। कुंभ राशि के राशि-स्वामी
शनिदेव हैं।
कुंभ
राशि वालों के लिए यह वर्ष मान-प्रतिष्ठा का रहेगा। पराक्रम-शौर्य एवं उमंगता पूरे
वर्ष बनी रहेगी। स्वयं आर्थिक रूप से कमजोर महसूस करेंगे, परंतु संतान से आर्थिक सुख प्राप्त
होगा।
स्वास्थ्य
में थोड़ी परेशानी रहेगी। गैस, अपचन, दर्द इत्यादि नित्य भोजन में खान-पान का ध्यान रखें। देश-विदेश की
यात्रा होगी, परंतु
व्यर्थ खर्च हो सकता है। परिवार व मित्रों से सहयोग प्राप्त नहीं होगा। आर्थिक
उतार-चढ़ाव रहेगा। किसी पर भी अतिविश्वास न करें। आर्थिक व पर्सनल कार्य स्वयं
करें।
व्यापारी
वर्ग के लिए यह वर्ष सामान्य रहेगा। कृषक वर्ग को हानि हो सकती है। नौकरी वालों को
उन्नति मिलेगी। राजनीति वालों के लिए यह वर्ष अच्छा रहेगा।
पूरे
वर्ष राहु के साथ रामरक्षा-स्तोत्र का पाठ करना लाभप्रद रहेगा।
पूर्वाभाद्रपदा
नक्षत्र के चतुर्थ चरण, उत्तराभाद्रपदा एवं रेवती नक्षत्र के संयोग से मीन राशि का निर्माण
हुआ है। मीन राशि का मान 4 घटी 15 पल है। सूर्य इस राशि पर 39 दिन 33 घटी 31 पल रहता है। मीन राशि के राशि-स्वामी
बृहस्पति देव हैं।
मीन
राशि वालों के लिए यह वर्ष सुख-शांति व संतान सुख वाला रहेगा। क्रय-विक्रय से
अच्छा लाभ मिलेगा। स्थिर संपत्ति के योग बन रहे हैं। मान-सम्मान व प्रतिष्ठा में
वृद्धि होगी। घर में मांगलिक कार्य होंगे। घर में पत्नी से वाद-विवाद छोटी-छोटी
बातों से रहेगा। बंधुओं से परेशानी रहेगी। आपके पवित्र विचारों से सफलता मिलती
रहेगी। पारिवारिक सहयोग की आवश्यकता नहीं होगी। स्वयं के भाग्य उन्नति दिलाएंगे।
व्यापारी
वर्ग को अच्छा लाभ मिलेगा, परंतु व्यापार में भागीदारी न करें। भागीदारी से परेशान हो सकते हो।
कृषक वर्ग के लिए यह वर्ष भाग्यशाली रहेगा। नौकरी वालों को स्थान-परिवर्तन करना पड़
है।
पूरे
वर्ष गुरु एवं राहु के जाप करना लाभप्रद रहेगा ही समय-समय पर दुर्गा आराधना अच्छा
लाभ देगी।
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