कर्क
: (ही, हू, ते, तो, डा, डी, डू, डे, डो)
पुनर्वसु
नक्षत्र के चतुर्थ चरण, पुष्य और अश्लेषा नक्षत्रों के संयोग
से कर्क राशि का निर्माण हुआ है। कर्क राशि का मान 5 घटी 30 पल है। सूर्य इस राशि पर 31 दिन 22 घटी 35 पल रहते हैं। कर्क राशि पर आते हैं तो
सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन को जाना प्रारंभ करते हैं। कर्क राशि के राशि-स्वामी
चन्द्र हैं।
कर्क
राशि वालों के लिए यह वर्ष मिश्रित फल वाला रहेगा। मन में उत्साह रहने से
सुख-शांति, समृद्धि व आर्थिक उन्नति मिलेगी।
सामाजिक प्रतिष्ठा उमंग व परिश्रम से प्राप्त होगी। स्वास्थ्य में सुधार रहेगा। धन
समृद्धि के नए रास्ते बनेंगे। आर्थिक सुख से पाप कर्म अथवा नीति-विरोधी कार्य से
भाग्य में रुकावट आ सकती है। बुद्धि से अपने पर संयम रखना होगा। संतान पक्ष से
चिंता रहेगी।
विद्यार्थी
वर्ग को सफलता मिलेगी। अविवाहितों के लिए विवाह योग बनेंगे। कृषक वर्ग को कुछ
परेशानी से लाभ मिलेगा। व्यापारी वर्ग के लिए सफल वर्ष रहेगा। नेतागण के राज्ययोग
हैं।
पूरे
वर्ष शनि जाप एवं गणेश आराधना लाभप्रद रहेगा। सिंह : (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
मघा
नक्षत्र, पूर्वा
फाल्गुनी एवं उत्तरा फाल्गुनी के प्रथम चरण के संयोग से सिंह राशि का निर्माण हुआ
है। सिंह राशि का मान 5 घटी 15 पल है। सूर्य इस राशि पर 31 दिन 22 घटी 52 पल रहता
है। सिंह राशि के स्वामी सूर्यदेव हैं।
सिंह
राशि वालों के लिए यह वर्ष परिवर्तन, उठापटक, आर्थिक परेशानी, शारीरिक तथा मानसिक तनाव व गृहस्थी में
तनाव वाला हो सकता है। तीर्थ के योग बनेंगे। स्वास्थ्य की परेशानी रहेगी। विपक्ष व
शत्रु से सावधान रहें। धैर्य से काम लेना होगा। परिवार से दुरी के योग बन रहे हैं।
नवंबर
2014 से शनि के ढैया (पनौती) होने से शत्रु भय सताएगा। हृदय से संबंधित तकलीफ हो
सकती है। धन व मानहानि हो सकती है, ध्यान से कार्य करें। विद्यार्थी वर्ग
को संघर्ष से सफलता मिलेगी। राजनीति में कार्य सोचकर करें, वरना किसी मुसीबत में आ सकते हैं।
कृषक-व्यापारी को मध्यम लाभ रहेगा।
इस
वर्ष राहु-केतु के जाप आराधना के साथ शिव आराधना से लाभ मिलेगा।
कन्या : (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
उत्तरा
फाल्गुनी नक्षत्र के 3 चरण हस्त और चित्रा नक्षत्र के 2 चरण (प्रथम-द्वितीय) संयोग
से कन्या राशि का निर्माण हुआ है। इस राशि के राशि-स्वामी बुध हैं।
कन्या
राशि वालों के लिए यह वर्ष पराक्रम वृद्धि, शौर्य, सौहार्द व दक्षता के साथ सफलता वाला
रहेगा। शारीरिक पीड़ा धीरे-धीरे कम होगी। इच्छित लाभ प्राप्त होगा। नौकरी में स्थान
परिवर्तन के साथ पदोन्नति के योग बन रहे हैं। पत्नी के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव
रहेगा।
व्यर्थ
खर्च पर ध्यान देना होगा। राजनीति में रुचि बढ़ेगी। गृहस्थ जीवन वाली महिलाओं के
जीवन में अशांति-कलह रहेगा। समझदारी से काम लेना होगा। वर्ष के मध्य से पुरानी
समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। सुख-चैन महसूस करेंगे। विद्यार्थी को मेहनत की पूर्ण
सफलता मिलेगी।
व्यापारी
वर्ग के लाभ में वृद्धि होगी। कृषक वर्ग परेशान रहेगा। वाणी में संयम रखना होगा।
अनेक प्रकार के विचारों से जीवन क्रांतिमय हो सकता है। सावधानी से काम लें।
पूरे
वर्ष में राहु की शांति जाप एवं रामरक्षा-स्तोत्र का पाठ नित्य करने से लाभ
मिलेगा।
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