@ मेष : (चु, छे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
अश्विनी-भरणी
और कृत्तिका नक्षत्र के प्रथम चरण के संयोग से राशि का निर्माण हुआ है। मेष राशि
का मान 4 घटी और 15 पल है। सूर्य इसमें 33 दिन 55 घटी 33 पल रहता है। मेष राशि के
राशि-स्वामी मंगल हैं।
मेष राशि वालों के लिए यह वर्ष सुख-समृद्धि, धनलाभ, भौतिक सुख वाला रहेगा। भूमि-भवन
निर्माण में कुछ चिंताएं रहेंगी। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
राजनीति में संघर्ष के बाद अच्छी सफलता मिलेगी।
कोर्ट-कचहरी के कार्य में सफलता मिलेगी। विचारों को अच्छा रखें। मन पर नियंत्रण
करना होगा।
वृद्धों को कष्ट, क्षति, रोग आदि से शांति मिलेगी। स्त्री पक्ष
से सावधान रहें। विपरीत विचारों से खटपट हो सकती है। संतान से सुख प्राप्त होगा।
आपको शनि की ढैया 2/11/2014 से चल रही है जिससे
भाई के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। चतुराई से काम लें। कृषक, व्यापारी, राजनेता एवं बड़े अधिकारी के लिए वर्ष
श्रेष्ठ रहेगा।
वर्ष में राहु एवं शनि के जाप मंत्र आराधना करना
श्रेष्ठ फल देगा।
वृषभ
: (ई, उ, ए, ओ, वा, वि, वू, वे, वो)
कृत्तिका
नक्षत्र के 3 चरण- रोहणी एवं मृगशिरा के प्रथम और
द्धितीय चरणों के संयोग से वृषभ राशि हुई है। वृषभ राशि का मान 4 घटी 45 पल है। सूर्य इस राशि पर 29
दिन 24 घटी 56 पल रहते हैं। वृषभ राशि के स्वामी शुक्र हैं।
वृषभ
राशि वालों के लिए यह वर्ष पराक्रम का है। अकस्मात लाभ शत्रु पर विजय वाला रहेगा।
जीवनसाथी एवं परिवार की चिंता रहेगी। घर-गृहस्थ जीवन में कुछ उठापटक के योग बनते
हैं। सावधानी से कार्य करना होगा।
श्रेष्ठजनों
का मार्गदर्शन लेना आपके लिए फायदेमंद होगा। विद्यार्थी वर्ग को विशेष परिश्रम से
अच्छी उन्नति होगी। नौकरी वालों को उन्नति होगी। व्यापारी वर्ग को सफलता एवं स्थिर
संपत्ति के योग बनेंगे।
नवंबर
से शनि परिवर्तन से घर-गृहस्थी में विपरीत फल-झंझट हो सकते हैं। तमोगुण स्वभाव के
कारण छोटी-छोटी बातों से तर्क-वितर्क होने से परिवार में अशांति का माहौल हो सकता
है। राजनेता सफल रहेंगे। कृषक के लिए शुभ है।
पूरे
वर्ष शनि की आराधना करें।
मिथुन
: (का, की, कू, के, को, घ, ड, छ, हा)
मृगशिरा
के तृतीय और चतुर्थ चरण, आर्द्रा नक्षत्र एवं पुनर्वसु के 3 चरणों के संयोग से मिथुन राशि का
निर्माण हुआ है। मिथुन राशि का मान 5
घटी 15 पल है। सूर्य इस राशि पर 31 दिन 36 पल और 32 घटी रहते हैं। इस राशि के स्वामी बुध
हैं।
मिथुन
राशि वालों के लिए यह वर्ष आर्थिक, आध्यात्मिक, भौतिक उन्नति, भवनादि प्रॉपर्टी बढ़ने के अवसर वाला
रहेगा। इंद्रियों पर संयम रखना होगा। चिड़चिड़ापन, रूखापन, सहनशीलता में कमी आएगी। उपद्रव, वैरभाव त्यागना नियमितता व समझदारी
होगी।
अविवाहित
वर्ग के विवाह योग प्रबल हैं। इस वर्ष अधिक मेहनत से आर्थिक लाभ होगा। नवंबर से
शनि के परिवर्तन से सुख-शांति व सदगुणों में वृद्धि होगी। तकनीकी व मशीनरी से जुड़े
वर्ग को सफलता मिलेगी व आमदनी में अच्छी वृद्धि होगी।
वर्ष
में राहु व हनुमानजी की आराधना लाभप्रद रहेगी।
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