इस साल सावन में 17 साल बाद बनेंगे फिर से शुभ संयोग, सोमवार से शुरू होगा सावन--
भगवान शिव को अतिप्रिय श्रवण (सावन) मास का शुभारंभ 10 जुलाई से हो रहा है और समापन 7 अगस्त को होगा। इस बार पांच सोमवारी पड़ेंगे।
पहली सोमवारी 10 जुलाई व आखिरी 7 अगस्त को है। धार्मिक मान्यता है कि सावन में भोलेनाथ के पूजन और अभिषेक से श्रद्धालुओं की हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
भगवान शिव को अतिप्रिय श्रवण (सावन) मास का शुभारंभ 10 जुलाई से हो रहा है और समापन 7 अगस्त को होगा। इस बार पांच सोमवारी पड़ेंगे।
पहली सोमवारी 10 जुलाई व आखिरी 7 अगस्त को है। धार्मिक मान्यता है कि सावन में भोलेनाथ के पूजन और अभिषेक से श्रद्धालुओं की हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सबसे बड़ी खास बात ये की
पंचागों के अध्ययन से जो बात निकल कर आ रही है कि लगभग 17 वर्ष के बाद सावन
मास में अलौकिक योग का संयोग बना है।
सावन की शुरुआत चंद्राश योग में हो रहा है।
विरल संयोग बन रहा है कि सावन की शुरुआत व समापन सोमवारी से हो रही है।
एक और संयोग बन रहा है। तीन वर्ष के बाद सावन में पांच सोमवारी का योग बना है। पांच सोमवारी के चलते ही महागजकेशरी योग का संयोग अति फलदायी है।
विवाहित महिलाएं सुहाग के लिए और कुंवारी कन्याएं अच्छे पति के लिए सावन की सोमवारी का व्रत रखती हैं।
भगवान शिव को सावन का महीना, इसलिए प्रिय है क्योंकि इसी मास में माता पार्वती ने व्रत कर उन्हें पति के रूप में पाया था। देवी सती ने इसी मास में पिता दक्ष के घर में शरीर त्यागने के बाद हर जन्म में महादेव को अपना पति बनाने का प्रण लिया था।
अब सावन में कुछ कार्य सिद्धि के उपाय जिनको करके आप भी अपनी मनोकामना पूरी कर सकते है-
कर्ज से मुक्ति-
आक फूल में इत्र मिलाकर, धतूरे के फूल के साथ' पद और 21 बेलपत्र और भांग को चढ़ाने से कर्ज से मुक्ति होती है।
विवाह बाधा दूर के लिए-
बेलपत्र भांग, नारियल पानी, दूध व शम्मी पत्ता' खोया की मिठाई, बेलपत्र, गुलाबी गुलाल शिव जी को चढ़ाने से योग्य जीवन साथी की प्राप्ति होती है।
संतान के लिए-
दूध और घी 'का अभिषेक करे।
लक्ष्मी के लिए-
दूध-ईख के रस से अभिषेक करे।
स्वास्थ्य के लिए: दूध व दही से अभिषेक करे।
शत्रु नाश के लिए: घी व सरसों तेल से अभिषेक करे।
राशि के हिसाब से शिव जी को क्या चढ़ा कर पूजन करे?'-
मेष, वृश्चिक: -पांच बेलपत्र, अनार रस, भांग,धतूरा, नारियल पानी चढाये।
वृष, तुला:- इत्र,आक फूल, शम्मी पत्ता'
मिथुन, कन्या:- गुलाबी अबरख, बेलपत्र '
कर्क:- केला, भांग, बेल के रस'
सिंह:-गन्ने का रस, इत्र, गुलाबजल'
धनु, मीन:-कनैल फूल, दूब का रस, सरसों तेल'
मकर, कुंभ: कपरूर व जल का मिश्रण, श्रीखंड चंदन, इत्र व बेलपत्र शिव जी को चढाये।
सावन में बेलपत्र, दूध, गंगाजल, भांग, धतूर, मदार फूल भोलेनाथ को अर्पित करने से शनि भी प्रसन्न होते हैं। ऐसा करने से शनि की ढैया व साढ़े साती से परेशान लोगों को लाभ होता है।7-7-2017
श्रवण (सावन) मास का शुभारंभ 10 जुलाई से हो रहा है और समापन 7 अगस्त
सावन की शुरुआत चंद्राश योग में हो रहा है।
विरल संयोग बन रहा है कि सावन की शुरुआत व समापन सोमवारी से हो रही है।
एक और संयोग बन रहा है। तीन वर्ष के बाद सावन में पांच सोमवारी का योग बना है। पांच सोमवारी के चलते ही महागजकेशरी योग का संयोग अति फलदायी है।
विवाहित महिलाएं सुहाग के लिए और कुंवारी कन्याएं अच्छे पति के लिए सावन की सोमवारी का व्रत रखती हैं।
भगवान शिव को सावन का महीना, इसलिए प्रिय है क्योंकि इसी मास में माता पार्वती ने व्रत कर उन्हें पति के रूप में पाया था। देवी सती ने इसी मास में पिता दक्ष के घर में शरीर त्यागने के बाद हर जन्म में महादेव को अपना पति बनाने का प्रण लिया था।
अब सावन में कुछ कार्य सिद्धि के उपाय जिनको करके आप भी अपनी मनोकामना पूरी कर सकते है-
कर्ज से मुक्ति-
आक फूल में इत्र मिलाकर, धतूरे के फूल के साथ' पद और 21 बेलपत्र और भांग को चढ़ाने से कर्ज से मुक्ति होती है।
विवाह बाधा दूर के लिए-
बेलपत्र भांग, नारियल पानी, दूध व शम्मी पत्ता' खोया की मिठाई, बेलपत्र, गुलाबी गुलाल शिव जी को चढ़ाने से योग्य जीवन साथी की प्राप्ति होती है।
संतान के लिए-
दूध और घी 'का अभिषेक करे।
लक्ष्मी के लिए-
दूध-ईख के रस से अभिषेक करे।
स्वास्थ्य के लिए: दूध व दही से अभिषेक करे।
शत्रु नाश के लिए: घी व सरसों तेल से अभिषेक करे।
राशि के हिसाब से शिव जी को क्या चढ़ा कर पूजन करे?'-
मेष, वृश्चिक: -पांच बेलपत्र, अनार रस, भांग,धतूरा, नारियल पानी चढाये।
वृष, तुला:- इत्र,आक फूल, शम्मी पत्ता'
मिथुन, कन्या:- गुलाबी अबरख, बेलपत्र '
कर्क:- केला, भांग, बेल के रस'
सिंह:-गन्ने का रस, इत्र, गुलाबजल'
धनु, मीन:-कनैल फूल, दूब का रस, सरसों तेल'
मकर, कुंभ: कपरूर व जल का मिश्रण, श्रीखंड चंदन, इत्र व बेलपत्र शिव जी को चढाये।
सावन में बेलपत्र, दूध, गंगाजल, भांग, धतूर, मदार फूल भोलेनाथ को अर्पित करने से शनि भी प्रसन्न होते हैं। ऐसा करने से शनि की ढैया व साढ़े साती से परेशान लोगों को लाभ होता है।7-7-2017
श्रवण (सावन) मास का शुभारंभ 10 जुलाई से हो रहा है और समापन 7 अगस्त
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