मंत्र :-
प्रियकरः
करमत्स्यपुतो नरः सुरतसौखभरो युवतीप्रियः।
मिथुनराशिगते
हिमगौ भवेत्सुजनातजनकृत गौरवः।।
अर्थ :-मिथुन
राशि स्थित चंद्र में जन्म हुआ हो वह लोगों में प्रिय, हाथ में मत्स्य रेखावाला, सुहावना, स्त्री प्रिय और
स्वजनों से सम्मान पाने वाला होता है।
नया साल एक नजर
में
विक्रम संवत 2071 नव वर्ष के प्रारंभ 24/10/2014 में देव गुरू अपनी उच्च की राशि में हैं।
दानवों के सेनापति राहु भी अपनी मित्र राशि में हैं जबकि शनि उच्च राशि में पारगमन
कर रहे हैं, हालांकि, २ नवंबर से अगले ढ़ाई वर्ष के लिए शनि वृश्चिक
राशि में पारगमन करेंगे। इसके अलावा शुक्र तथा बुध भी वर्ष की शुरूआत में अच्छा फल
प्रदान करेंगे। हालांकि, बहुत कुछ आपकी
जन्म कुंडली के ग्रहों पर निर्भर करेगा। वर्ष मध्य में गुरु अपनी राशि बदलेंगे।
14/07/2015 से गुरु महाराज
सिंह राशि में गोचर में होंगे; इससे पहले वह
कर्क राशि में थे। इसके अलावा अन्य बड़े ग्रहों में किसी भी प्रकार की हलचल देखने
को नहीं मिल रही है। गणेशजी देख रहे हैं कि इस वर्ष आपको गुरू ग्रह का पूर्ण सहयोग
मिलेगा। लेकिन सुख स्थान में राहु, कर्म स्थान में
केतु साथ साथ नौकरी स्थान में शनि का पारगमन जारी है, जो आपको परेशान करेंगे। गणेशजी कहते हैं कि आपको इस वर्ष
पूजा पाठ पर ध्यान देना चाहिए, जो आपको राहत
प्रदान करेगा।
वित्त तथा
व्यवसाय :-
आपकी चंद्र राशि
के अनुसार आपके आर्थिक स्थान का स्वामी चंद्र है। इस ग्रह की विशेषता है कि यह
बहुत तेजी के साथ राशि बदलता है। इसके अलावा इस समय आपके आर्थिक सथान में से उच्च
का गुरू पारगमन कर रहा है, जो आपके लिए शुभ
संकेत है एवं यह पारगमन अगस्त 2014 तक जारी रहेगा।
गणेशजी के कहने
का भावार्थ है कि आपको इस समय का पूरा पूरा लाभ लेना चाहिए। हालांकि, आपकी व्यक्तिगत जन्म कुंडली के ग्रहों की
स्थिति के अनुसार आपको लाभ मिलेंगे। नौकरी पेशा जातकों को नवंबर महीने के बाद धीरे
धीरे आगे बढ़ने की सलाह गणेशजी दे रहे हैं।
स्वास्थ्य :-
आपकी चंद्र राशि
कुंडली के अनुसार बुध स्वास्थ्य एवं मंगल रोग स्थान का स्वामी है, इसलिए यह दोनों ग्रह काफी महत्वपूर्ण होंगे।
गणेशजी के अनुसार यह दोनों ग्रह आपके अनुकूल है, इसलिए स्वास्थ्य अच्छा रहने की संभावना है।
हालांकि,
17/11/2015 से 16/12/2015 तक की समय अवधि दौरान आपको अपने स्वास्थ्य पर
अधिक ध्यान देना होगा, क्योंकि रोग
स्थान में सूर्य शनि युति में होंगे। इसके अलावा उच्च अधिकारी या पिता के साथ
वैचारिक मतभेद होने की संभावना है। इस कारण आपको मानसिक तनाव रह सकता है।
प्रेम तथा
वैवाहिक जीवन :-
प्रेम तथा
वैवाहिक जीवन के लिए शुक्र एवं गुरू दोनों शुभ ग्रह हैं। आपकी राशि के अनुसार गुरू
वैवाहिक जीवन से संबंधित गृह का स्वामी है, यदि आप अच्छे जीवन साथी की तलाश में हैं, तो अधिक से अधिक गुरू मंत्र का जाप करना चाहिए,
क्योंकि उच्च का गुरू आपकी मनोकामना पूरी
करेगा।
इसके अलावा आपके
प्रेम संबंधित स्थान का स्वामी शुक्र है, जिसको प्रेम देवता के नाम से भी पुकारा जाता है। गणेशजी इस ग्रह को भी अच्छी
स्थिति में देख रहे हैं, जो आपके लिए शुभ
है।
करियर तथा शिक्षा
:-
गणेशजी के अनुसार
करियर एवं शिक्षा के लिए यह समय काफी अनुकूल नजर आ रहा है क्योंकि इस समय गुरू
आपके प्रयासों को समर्थन प्रदान करेगा। हालांकि, उनके लिए कठिन समय है, जो जातक मास्टर डिग्री या उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त करना
चाहते हैं क्योंकि राहु की बुरी दृष्टि परिस्थितियों को उनके प्रतिकूल बनाएगी।
गणेशजी की सलाह है कि इस बुरे समय से छुटकारा पाने के लिए आपको शिवजी की पूजा करनी
चाहिए।
उपाय :-
गणेशजी की पूजा
करें और गणेश मंत्र का जाप करें।
27 बुधवार का व्रत
करें।
घर में हरे परदे
और चादर का उपयोग करें।
गाय को चारा खिलाएं।
गाय को चारा खिलाएं।
बुध आपकी राशि का
स्वामी है, इसलिए इस मंत्र का जाप
करें -
प्रियंगु
कलिकाश्यामम् रूपेणप्रतिमम् बुधम्
सौम्यं सौम्य
गुणोपेतम् तं बुधम् प्रणम्यामहम्।।मंत्र :-
वृषतुरंगम्
विक्रम विक्रमन्द्वि ज सुरार्चनदानमनाः पुमान्।
शशिनि तौलिगते
बहुदारभाग्विभव संभव संचित विक्रमः ।।
अर्थ :- जन्म के
समय तुला राशि में चंद्र हो तो बैल,
घोड़ा, वगैरह वाहन रखनेवाला, पराक्रमी, देव, ब्राह्मण वगैरह का भक्त, दानवीर, अनेक पत्नी वाला और
वैभववान और संचित पुण्य से सुखी होता है।
नए साल पर एक नजर
विक्रम संवत 2071
नव वर्ष के प्रारंभ 24/10/2014 में देव गुरू अपनी उच्च की राशि में हैं। दानवों के
सेनापति राहु भी अपनी मित्र राशि में हैं जबकि शनि उच्च राशि में पारगमन कर रहे
हैं, हालांकि,
2 नवंबर से अगले ढ़ाई
वर्ष के लिए शनि वृश्चिक राशि में पारगमन करेंगे।
इसके अलावा शुक्र
तथा बुध भी वर्ष की शुरूआत में अच्छा फल प्रदान करेंगे। हालांकि, बहुत कुछ आपकी जन्म कुंडली के ग्रहों पर निर्भर करेगा। वर्ष मध्य में गुरु
अपनी राशि बदलेंगे। 14/07/2015 से गुरु महाराज सिंह राशि में गोचर में होंगे; इससे पहले वह कर्क राशि में थे।
इसके अलावा अन्य
बड़े ग्रहों में किसी भी प्रकार की हलचल देखने को नहीं मिल रही है। जब तक गुरू
महाराज आपकी राशि के उपर से परिभ्रमण कर रहा है, तब तक आप जीवन के बहुत
सारे बड़े कार्य करने में सफल होंगे। हालांकि, इसके बाद भी धन स्थान में
गुरू का पारगमन आपके लिए सकारात्मक साबित होने वाला है। अगर आप छात्र हैं तो आपको
मेहनत करने के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि नवंबर के बाद शनि
आपके अभ्यास स्थान में प्रवेश करेगा।
आर्थिक तथा व्यवसाय
:-
आपकी चंद्र राशि
के अनुसार आपके आर्थिक स्थान का मालिक सूर्य है, जो आपकी मदद करेगा।
गणेशजी की सलाह है कि आप नित्य सूर्य नारायण को पानी दें। गणेशजी के अनुसार आपको
तांबे के कलश में शुद्घ जल लेकर उसमें साबुत चावल के दाने एवं थोड़ा सा कुमकुम
मिलाएं। इस तरह आप सूर्य को जल अर्पित करें। हालांकि, ध्यान रहे कि जल किसी अपवित्र या दूषित जगह पर नहीं गिरना चाहिए।
स्वास्थ्य :-
गणेशजी आपकी
चंद्र राशि कुंडली को देखने के बाद बता रहे हैं कि इस वर्ष आपको किसी भी बड़ी
दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा गणेशजी कहते हैं कि आपकी राशि बहुत
भावुकता वाली है, इसलिए यदि� कोई आपको चोट पहुंचाता है तो आपके मन को दुख पहुंचता है, इसका सीधा असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ सकता है, इस बात का भी आपको ध्यान
रखना होगा। इसके अलावा मौसमी बीमारियों आपको जल्दी से पकड़ लेती है, इस साल इस तरह की संभावना है।
प्रेम तथा
वैवाहिक जीवन :-
प्रेम तथा
वैवाहिक जीवन के लिए मंगल एवं शनि के साथ शुक्र की उपस्थिति आपको बहुत बढ़िया
परिणाम देगी। इस समय जिन जातकों के विवाह संबंधी बातचीत चल रही है, उनके लिए अच्छा समय कह सकते हैं, क्योंकि गुरू की कृपा से
उनके रास्ते की मुश्किल हल होंगी एवं उनको सामने से सकारात्मक जवाब मिलेंगे। यदि
आप प्रेम संबंधों में आगे बढ़ना चाहते हैं तो गणेशजी की सलाह है कि 20/11/2015 से
15/12/2015 तक की समय अवधि में सावधान रहें क्योंकि इस समय सूर्य शनि की युति आपको
प्रभावित करेगी, जिसके कारण आप सही गलत में अंतर करने से चूक
सकते हैं एवं भविष्य में आपको पछताना पड़ सकता है।
करियर तथा शिक्षा
:-
करियर एवं शिक्षा
संबंधी बात करें तो इस वर्ष शनि महाराज आपसे बहुत सारी मेहनत करवाने के प्रश्चात
नवंबर के बाद थोड़ी सी सफलता दिलाने में मदद करेंगे। गणेशजी के अनुसार इस समय आपको
श्री हनुमानजी की शरण में जाना चाहिए, ताकि आपके रास्ते की
मुश्किलें आसान हो सकें। गणेशजी के अनुसार आपको श्री हनुमान चालीसा का जाप करना
चाहिए, क्योंकि श्री हनुमान चालीसा में 'बल बुद्घि विद्या देहु' का उल्लेख भी है। इसके अलावा गणेशजी का
संकटनाशक स्रोत्र का पाठ भी अद्भुत परिणाम उपलब्ध करवाता है।
उपाय :-
सोमवार का व्रत
करें
शिव चालीसा का
पाठ करें।
11 सोमवार तक एक
मुट्ठी चावल या चीनी दान करें।
भाग्यसूक्त का
जाप करें।
चन्द्र मंत्र का
जाप करें -
II दधि शंख तुषाराभम्� क्षीरोदार्णव संभवम्
नमामि शशीनम्
सोमं शंभोर्मुकुट भूषणम् II
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