,,,, नूर बरसता है धरती पर जो भी चाहे स्नान करे |
जीवन सफल बनाना है तो साईनाथ का ध्यान करे ||
बौछारे है बड़ी मनोरम आत्म शांति देने वाली |
साईनाथ की कृपा ,सब सुखो से भरी
है थाली ||
इसकी मस्त फुहार जगाये मन में मस्त उमंगे |
दिल की तह को जो छू जाए ऐसी तरल तरंगे ||
इस वर्षा से तर हो जाता जब इस जीवन का राग |
शक्ति-भक्ति के साथ जगाता चरणों में अनुराग ||
साईं चरण-रज़ जब पहुंचती है मस्तक पर |
आंसू की बौछारे होती तब साईं चरण पर ||
ओ ‘श्याम’ साईं की आभा
होती है बड़ी निराली |
मुख से शब्द नहीं निकलते, चाल
बने मतवाली ||
जो नामुमकिन को मुमकिन करदे आओ उसका ध्यान धरे |
गर जीवन सफल बनाना है तो
साईं नाथ का ध्यान करे ||
गाय का घी और चावल की आहुती डालने से
महत्वपूर्ण गैसे जैसे – एथिलीन ऑक्साइड, प्रोपिलीन
ऑक्साइड, फॉर्मल्डीहाइड आदि उत्पन्न होती हैं । इथिलीन ऑक्साइड गैस आजकल सबसे
अधिक प्रयुक्त होनेवाली जीवाणुरोधक गैस है, जो शल्य-चिकित्स
ा (ऑपरेशन थियेटर) से लेकर जीवनरक्षक औषधियाँ
बनाने तक में उपयोगी हैं । वैज्ञानिक प्रोपिलीन ऑक्साइड गैस को कृत्रिम वर्षो का
आधार मानते है । आयुर्वेद विशेषज्ञो के अनुसार अनिद्रा का रोगी शाम को दोनों नथुनो
में गाय के घी की दो – दो बूंद डाले और रात को नाभि और पैर के तलुओ
में गौघृत लगाकर लेट
जाय तो उसे प्रगाढ़ निद्रा आ जायेगी ।
गौघृत में मनुष्य – शरीर में पहुंचे
रेडियोधर्मी विकिरणों का दुष्प्रभाव नष्ट करने की असीम क्षमता हैं । अग्नि में गाय
का घी कि आहुति देने से उसका धुआँ जहाँ तक फैलता है, वहाँ तक का सारा
वातावरण प्रदूषण और आण्विक विकरणों से मुक्त हो जाता हैं ।
देसी गाय के घी को रसायन कहा गया है। जो जवानी
को कायम रखते हुए, बुढ़ापे को दूर रखता है। गाय का घी खाने से
बूढ़ा व्यक्ति भी जवान जैसा हो जाता है। गाय के घी में स्वर्ण छार पाए जाते हैं
जिसमे अदभुत औषधिय गुण होते है, जो की गाय के घी के इलावा अन्य घी में
नहीं मिलते । गाय के घी से बेहतर कोई दूसरी चीज नहीं है। गाय के घी में वैक्सीन
एसिड, ब्यूट्रिक एसिड, बीटा-कैरोटीन जैसे माइक्रोन्यूट्रींस
मौजूद होते हैं। जिस के सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है।
गाय के घी से उत्पन्न शरीर के माइक्रोन्यूट्रींस में कैंसर युक्त तत्वों से लड़ने
की क्षमता होती है।
गाय के घी के अन्य महत्वपूर्ण उपयोग :–
1.गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता
है।
2.गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो
जाती है।
3.गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी
उपचार होता है।
4.20-25 ग्राम घी व मिश्री खिलान@
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