वास्तु दोष के कारण कई बाधाओं का सामना
करना पड़ सकता है। घर का मुख्य द्वार वास्तु दोषों से मुक्त हो, तो घर में सुख-समृद्धि रहती है। सभी तरह के मंगल कार्यों में वृद्धि होती
है और परिवार के लोगों में आपसी समंजस्य बना रहता है।
वास्तु
के अनुसार मकड़ी के जाले घर में बहुत अशुभ माने जाते हैं। अमूमन देखा जाता है घर
के निचले हिस्सों की तो सफाई हो जाती है लेकिन छत या ऊपरी हिस्सों की ठीक से सफाई
नहीं हो पाती। ऐसे में वहां मकड़ी द्वारा जाले बना लिए जाते हैं। घर में ये जाले
होना अशुभ माना जाता है।
लोग
कहते हैं कि घर में मकड़ी के जाले नहीं होना चाहिए। ये अशुभ होते हैं। ये
अंधविश्वास नहीं है बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक और धार्मिक कारण मौजूद हैं। मकड़ी
के जालों की संरचना कुछ ऐसी होती है कि उसमें नकारात्मक ऊर्जा एकत्रित हो जाती है।
इसलिए घर के आनजिस भी कोने में मकड़ी के जाले होते हैं, वह कोना या
हिस्सा नकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है। इस कारण घर में कलह, बीमारियां
व अन्य कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
मकड़ी
के एक जाले में असंख्य सूक्ष्मजीव रहते हैं जो कि हमारे स्वास्थ्य को नुकसान
पंहुचाते हैं। इसलिए कहा जाता हैं कि अगर घर में मकड़ी के जाले होते हैं तो घर की
सुख-समृद्धि का नाश होने लगता है क्योंकि नकारात्मक ऊर्जा के कारण घर का माहौल
इतना अशांत हो जाता है कि व्यक्ति चाहकर भी अपने काम को मन लगाकर नहीं कर पाता है।
इसलिए मकड़ी के जालों को अशुभ माना जाता है।
ध्यान
रखें
- समय देखने
के लिए घड़ी ही एकमात्र साधन है। अपने घर या दफ्तर में बंद पड़ी घड़ियों को
तुरंत हटा देना चाहिए। घड़ियों को हमेशा अच्छी हालत में रखें। बंद पड़ी घड़ी
को मरम्मत करवाकर हमेशा चालू रखें।
- रसोई में
पूजा स्थान बनाना शुभ नहीं होता है। जिस घर में रसोई के अंदर ही पूजा का
स्थान होता है, उसमें रहने वाले गरम दिमाग के होते हैं। परिवार के किसी सदस्य को
रक्त संबंधी शिकायत भी हो सकती है।
रसोई और बाथरूम का साथ-साथ होना शुभ
नहीं होता है। ऐसे घर में रहने वालों को जीवन काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता
है। स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता। ऐसे घर की कन्याओं के जीवन में अशांति रहती है! घर की खिड़कियां, घर के भीतर कई तरह की ऊर्जा को
अंदर लाती हैं। ऐसे में जरूरत यह है कि घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश
हो।
ऐसा तभी होगा जब आप अपने घर
की खिड़कियों को वास्तु शास्त्र के लिहाज से बनवाएंगे। यहां आपको विभिन्न ग्रंथों
में वर्णित वास्तुशास्त्र के मुख्य नियम दिए गए हैं। जिन्हें आजमाकर आप न केवल
अपने घर बल्कि अपनी ज़िंदगी को भी खुशहाल बना सकते हैं।
1. खिड़कियां अंदर की ओर खुलनी चाहिए।
2. घर में खिड़कियां का मुख्य लक्ष्य, भवन में शुद्ध
वायु के निरंतर प्रवाह के लिए होता है।
3. खिड़कियां द्वार के समक्ष होनी चाहिए ताकि चुम्बकीय चक्र पूर्ण हो सके,
इससे घर में सुख-शांति रहती है।
4. खिड़कियों का निर्माण संधि भाग में नहीं होना चाहिए।
5.पश्चिमी, पूर्वी और उत्तरी दीवारों पर खिड़कियों का
निर्माण शुभ होता है।
6. उत्तर दिशा में अधिक खिड़कियां परिवार में धन-धान्य की वृद्धि करती हैं।
लक्ष्मी कुबेर की कृपादृष्टि बनी रहती है।
7.खिड़कियां सदैव दीवार में ऊपर-नीचे न बनाकर एक ही लाइन में बनानी चाहिए।
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