कुंडली का विश्लेषणश्री नरेंद्र मोदी की :
श्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को दोपहर 12 बज कर 21 मिनट पर मेहसाना में हुआ,
उस समय क्षितिज पर
वृश्चिक लग्न का उदय धनु नवांश में हो रहा था।
लग्न का स्वामी चंद्रमा लग्न में ही नीच भंग राज योग बनाता हुआ मंगल
के साथ विद्यमान है।
लग्न में चंद्र मंगल की युति एक प्रबल राजयोग का सृजन कर रही है,
मंगल के स्वराशि
लग्न में होने से रुचक महापुरुष नामक राज योग बन रहा है इसके साथ गजकेसरी
योग, बुधादित्य
योग, चंद्र-मंगल
योग इस प्रकार के 28 सशक्त राजयोग श्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में बन रहे
हैं । श्रीकृष्ण की जन्म कुंडली में 36 राजयोग विद्यमान थे ।
15 अक्टूबर 2011 को श्री नरेंद्र मोदी जी को शनि की
साढ़ेसाती का प्रथम चरण आरंभ हुआ था, शनि की साढेसात्ति का दूसरा
चरण 24 अक्टूबर
2017 को
समाप्त हो जाएगा।
इस समय में हर प्रकार के विरोध , मीडिया के षड्यंत्रों, कोर्ट, सीबीआई का सामना
करते हुए नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे ।
साढ़ेसाती में उच्च पद पर आसीन होने के रहस्य का सूत्र मोदी के पास
है और वह है...उन्हीं के शब्दों में , "मेरे प्यारे देशवासियों मैं आपके बीच में
प्रधानमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि प्रधान सेवक के रुप में उपस्थित हुआ
हूँ।
" शनि एक न्यायप्रिय ग्रह है जो पाखंडी, घमंडी, चोर, लुटेरों ,लूट का धन संग्रह
करने वालों को पीड़ित एवं प्रताड़ित करता है तथा उनके
कुकृत्यों की सजा दिलाता है। एक ईमानदार,
सेवक,नि:स्वार्थी व्यक्ति
को सम्मानित एवं पारितोषित करता है।
प्रधान सेवक को 4 अक्टूबर 2010 से योगकारक भाग्येश चंद्रमा की महादशा प्रारंभ
हुई है, जो कि 4
अक्टूबर 2020
तक रहेगी। भारतवर्ष
15 अगस्त 1947
रात्रि 12:01
बजे स्वतंत्र
हुआ। यही भारत माता की जन्म कुंडली मानी
जाती है। भारत के स्वतंत्रता दिवस के समय वृष लग्न मीन नवांश के साथ
उदय हो रहा था । वर्तमान 5 सितंबर 2015 से 4 सितंबर 2025 तक भारत वर्ष को भी
चंद्रमा की ही महादशा चल रही है ।
चंद्रमा कल्याणकारी पुष्य नक्षत्र पर है, इस समय मोदी के साथ भारत की ख्याति पूरे विश्व में फैलेगी। भारतवर्ष प्रत्येक क्षेत्र में उन्नति के रास्ते पर बढ़ेगा। चोरी-चकारी, दलाली में बहुत कमी आएगी और उच्च स्तर पर तो समाप्त हो जाएगी। आर्थिक संपन्नता में वृद्धि होगी, उत्पादन अधिक होगा, सरकारी आय बढ़ेगी, देश उन्नति करेगा। पानी, नदियों का कुशल प्रबंधन होगा।
चंद्रमा कल्याणकारी पुष्य नक्षत्र पर है, इस समय मोदी के साथ भारत की ख्याति पूरे विश्व में फैलेगी। भारतवर्ष प्रत्येक क्षेत्र में उन्नति के रास्ते पर बढ़ेगा। चोरी-चकारी, दलाली में बहुत कमी आएगी और उच्च स्तर पर तो समाप्त हो जाएगी। आर्थिक संपन्नता में वृद्धि होगी, उत्पादन अधिक होगा, सरकारी आय बढ़ेगी, देश उन्नति करेगा। पानी, नदियों का कुशल प्रबंधन होगा।
बिजली उत्पादन,कृषि क्षेत्र में विकास होगा। आर्गेनिक, देसी गाय के पालन पर जोर
दिया जाएगा। विदेश नीति में लाभकारी बदलाव आएंगे। परंतु प्राकृतिक आपदाओं
मे वृद्धि होगी। 24 अक्टूबर 2017 के बाद पिछले 3 वर्षों में किये गए सुधार और बदलाओं
के परिणाम सामने आने लगेंगे । अन्य देशों में भारत
का सम्मान बढ़ेगा भारत को संयुक्त राष्ट्र संघ में
स्थाई सदस्यता मिलेगी। राजयोग जो नरेंद्र मोदी की कुंडली में
विद्यमान हैं प्रधान सेवक के रूप में कार्य करते हुए भारतवर्ष में प्रतिलक्षित
होंगे।
2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा भारी बहुमत से
जीतेगी। 4 अक्टूबर
2020 से 4
अकटुबर 2027 तक नरेंद्र मोदी को
महा राजयोग कारक लग्नेश मंगल ग्रह की महादशा रहेगी यह भी प्रधान सेवक को सत्ता
में ही रखेगी। आयु निर्णयानुसार श्री नरेंद्र मोदी
की पूर्ण आयु है।
एक 28 राजयोगों से युक्त ग्रह कुंडली वाला प्रधान सेवक
देश का भाग्य बदलने में समर्थ है।
भारत विश्व गुरु की उपाधि को पुनः प्राप्त करेगा ।
एक और बात मुझे समझ मे आया
है धनु लग्न होने से सप्तमेश बुध स्वगृही होने से विबाह तो करा दिया मगर द्वादशेश मंगल नवांश मे नीच
राशि का होकर शय्या सुख का
अभाव कर रहा है जो प्रत्यक्ष दिख रहा है ।
द्वादश भाव मे चंद्रमा मंगल की युति किस प्रकार से मांगलिक योग बनाकर दाम्पत्य जीवन को तबाह कर दिया है
द्वादश भाव मे चंद्रमा मंगल की युति किस प्रकार से मांगलिक योग बनाकर दाम्पत्य जीवन को तबाह कर दिया है
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