मंगलवार, 9 जून 2015

अधिक मा/स/ मल मास 17/6/15 to 16/7/15



अधिक मास/ मल मास 17/6/15 to 16/7/15
 अधिक मास क्या है

अधिक मास का दूसरा नाम मल मास भी है|धार्मिक शास्त्रो के हिसाब से हर तीन साल में अधिक मास आता है,मॉल मास में सरे शुभ कार्य जैसे शादी,जनेऊ,और भी मंगल कार्य नहीं किये जा सकते है|अधिक मास में भगवन विष्णु की आराधना की जाती है,इस मास में दान,तप और पूजा पाठ का बहुत महत्व है|इस मास में दो एकादशी हे जो शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की है,जिसे पद्मिनी और परमा एकादशी के नाम से जाना जाता है|इस माह में उपवास का बड़ा महत्व है,और जो व्यक्ति एक समय भोजन ग्रहण कर जमीन पर सोता है,उसकी मनोकामना जल्द ही पूर्ण होती है|अधिक मास की कथा पढ़ना या श्रवण करने से भी कष्ट दूर होते है|सूर्य की बारह संक्रांति होती है,इसलिए वर्ष में भी बारह माह होते है|ऐसा माना जाता है की सभी माह में कोई न कोई देवता हर माह का स्वामी होता है,पर इस माह का कोई स्वामी न होने से इस माह कोई भी मंगल कार्य नहीं किये जा सकते|स माह में धार्मिक स्थलों पर जाए और वहा स्नान दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है|

स्नान,दान तप का महत्व Bath, charity importance of tenacity
अधिक मास का महत्व ध्यान में रखकर किया गया दान हमें कई गुना फल प्राप्त करता है,इस माह में भगवत गीता,राम कथा और भी धार्मिक पुस्तके पढने से मन शांत रहता है,और मनुष्य सारे पापो से मुक्त हो जाता है|पुरषोत्तम मास तीन साल में एक बार आता है और इसे भगवन ने अपने नाम के साथ जोड़ा है|इसलिए इसका महत्व और भी अधिक बढ़ गया है||इस दुनिया में मनुष्य सिर्फ मोह माया के पीछे भागता रहता है,पर इस माह में पूजा पाठ के अलावा नित्य भगवत गीता का एक अध्याय आपको इन सब बातो के पर ले जाएगा|आपका मन भटकना बंद हो जाएगा|इस माह में भले ही सारे मांगलिक कार्य वर्जित है,परन्तु भगवान से सम्बंधित सारे कार्य किये जा सकते है|इस माह में धार्मिक किताबे दान कर सकते है,या फिर जो आपकी श्रद्धा से बने वो भी दान कर सकते है|ब्राह्मणो को खाना खिले|गरीबो को खाना खिले|आदि कार्य भी किये जा सकते है|
तिथि अनुसार चीजो का दान Date of donation of the visitation
प्रतिपदा के दिन चांदी बर्तन में घी का दान करे|यदि चांदी का बर्तन न दे सके तो ताम्बे धातु का बर्तन भी चलेगा|
द्वितीय के दिन कैसे के बर्तन में सोने की कोई भी वस्तु दान करे|
तृतीया के दिन चना और चने की दाल का दान करे|
चतुर्थी के दिन खरीक दान करना चाहिए|
पंचमी के दिन गुड और तुवर की दाल का दान करना चाहिए|
षष्ठी के दिन अष्ट गंध का दान करे|
सप्तमी और अष्टमी के दिन रक्त चन्दन का दान|
नवमी के दिन केसर का दान करना शुभ होता है|
दशमी के दिन कस्तूरी का दान|
एकादशी के दिन गोरोचन और गोलोचन का दान दे|
द्वादशी के दिन शंख का दान देना चाहिए|
त्रयोदशी के दिन घंटी का दान करे|
चतुर्दशी के दिन मोती की माला दान में दे|
पूर्णिमा के दिन रत्नो का दान कर सकते है|/

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