,, प्रकृति ने
हमें बहुत सी वस्तुएं दी हैं उनमें से एक है हल्दी। वैसे तो हल्दी खाने के स्वाद
को बढ़ाती ही है साथ ही यह जीवन से समस्याएं भी दूर कर देती है।
नजर दोष, कुंडली में
बृहस्पति को करती है मजबूत करना हो तो हल्दी कारगर सिद्ध होती है। हल्दी के इतने
ज्यादा गुण है कि आप उत्तम स्वास्थ्य, धन और विवाह की मनोकामना
को पूरा कर सकते हैं।
हल्दी का रंग पीला होता है। पीला रंग
शुभता का प्रतीक होता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में पीले रंग को शुभ रंग माना गया
है। हल्दी एक विशेष प्रकार की औषधि है जिसमें दैवीय गुण होते हैं।
खाने का स्वाद को बढ़ाती है, जीवन में संपन्नता लाती है। हल्दी नकारात्मक ऊर्जा को भी नष्ट कर देती है।
हल्दी का प्रयोग हवन और औषधियों में किया जाता है।
दो चुटकी हल्दी
बृहस्पति महिलाओं के विवाह का कारक
होता है। अगर कन्याएं विवाह की इच्छुक हैं तो स्नान करते समय जल में दो चुटकी पिसी
हुई हल्दी मिलाइए और उससे स्नान कीजिए रोज। इसी जल से भगवान को अर्ध्य दीजिए। जल
चढ़ाने के बाद लोटे के किनारे जो हल्दी लगी रह जाती है।
इसी हल्दी को अपने माथे और कंठ पर
लगाएं। यह प्रयोग लगातार लगभग एक महीने तक करते रहिए। यह उपाय अगर आप गर्मियों में
करते हैं तो बहुत ज्यादा प्रभावशाली होता है। उस समय सूर्य की किरणें इस हल्दी के
साथ मिलकर अंदर मौजूद बृहस्पति को मजबूत कर देती हैं।
विवाह में इसलिए लगाते हैं हल्दी
कहते हैं नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने
के लिए हल्दी से अच्छी कोई चीज नहीं होती है। इसलिए विवाह में हल्दी का प्रयोग
किया जाता है। दरअसल विवाह के समय बहुत सारे लोग घर में आते हैं। जो तमाम तरह की
निगेटिव एनर्जी को फैंकते रहते हैं।
जिससे देखा जाता है कई बहुओं और वरों
की तबियत खराब हो जाती है। ऐसे में अगर उनको हल्दी लगी हो तो यह समस्या उन्हें
नहीं आती यह शरीर को सुंदर भी बनाती है। औक इस पर पांच सात दिनो तक किसी भी तरही
की नकारात्मक ऊर्जाका प्रभाव नही पड़ता है। ताकि वो नजर दोष से बचे रें ।
धन की प्राप्त के लिए
अगर आपके पास धन हमेशा बना रहे तो
थोड़ी सी हल्दी लीजिए और जरा सा इसमें गुलाब जल मिला लीजिए। अब एक कागज लीजिए और
अंगुली कागज पर 'श्रीं' लिखें। अब इसे पूजा
स्थान पर रखकर धूप बत्ती दिखाकर शुद्ध कर लीजिए। अब इस कागज को मोढ़कर अपने पास रख
लीजिए अब इसे अपने पर्स में रख लीजिए।
ध्यान रखिए अगर किसी गुरुवार को पुष्य
नक्षत्र पढ़ता है तो इस विधि को जरूर करें। निश्चित रूप से यह प्रयोग विशेष
लाभकारी होगा। इसे रखने पर आपको धन का अभाव नहीं होगा और अगर गुरु पुष्य नक्षत्र
लंबे समय तक नहीं आ रहा है तो किसी भी गुरुवार को प्रातः काल कर लीजिए। हर महीने
पुराना कागज जल में प्रवाहित कर दीजिए और नया कागज रख लीजिए। जब तक इस कागज पर 'श्रीं' लिखा हुआ है और तब तक आपको धन की कमी नहीं
होगी।
ज्योतिष में महत्व
ज्योतिष में हर किसी भी वस्तु का संबंध
ग्रह से माना गया है। हल्दी का संबंध रंगो के आधार पर अलग-अलग ग्रहों से होता है।
ज्योतिष की नजर से अगर हल्दी को देखा जाए तो हल्दी कई रंगों की होती है। हल्दी
पीले रंग, काले रंग और नारंगी रंग की होती है। हल्दी बृहस्पति
से संबंध रखती है।
जब हल्दी कच्ची होती है तो वह अदरक की
तरह दिखाई देती है। इस समय उसका छिलका हटाने पर यह नारंगी दिखाई देती है। नारंगी
हल्दी मंगल से संबंध रखती है। काली हल्दी शनि से संबंध रखती है। पीली हल्दी को
ज्योतिष में बृकस्पति को मजबूत करने के लिए और समस्याओं के दूर करने के लिए उपयोग
में लाई जाती है।
भोजन में हल्दी
भोजन में अगर संतुलित मात्रा में हल्दी
का प्रयोग करेंगे तो आपको किसी तरह की बीमारियों का समाना नहीं करना पड़ेगा। शरीर
में जो विष जमा हो गया है उसको निकालने के लिए हल्दी का प्रयोग जरूर करना चाहिए।
ज्यादा हल्दी के सेवन से आपको डाइजेशन भी शिकार हो सकता है। पेट या कैंसर संबंधी
समस्या हो तो पीली हल्दी का दान बेहद लाभकारी माना गया है।
रोज सुबह अगर आप हल्दी का तिलक लगाए तो
व्यक्ति को वाणी की शक्ति मिलती है। अगर आप माथे पर नहीं लगाते तो कंठ पर तो जरूर
लगाएं ऐसे में आपकी वाणी जरूर प्रभावी होगी। जीवन में सात्विकता बढ़ती है। आप
हल्दी की माला से बृहस्पति देव के मंत्र या ज्ञान के मंत्रों का जाप करते हैं तो
व्यक्ति बुद्धिमान बनता है।
हल्दी की माला पहन सकते हैं ध्यान रहे
कि आपको त्वचा संबंधी कोई एलर्जी न हो इससे भी आपको प्रभाव बढ़ता है।
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