शुक्रवार, 9 अगस्त 2013

* शिवार्चन से अभीष्ट फल की प्राप्ति *

 


शिव ही एक मात्र सर्वोच्च सत्ता हैं ,शिव ही अनादि ,अनन्त सत्य है और शिवालय ही शिव का धाम है !यदि संसार का कोई भी प्राणी कल्याण की कामना रखता है तो उसे शिव की ही शरण में जाना चाहिए !शिवार्चन में शिव वास  दिन ,काल,तिथि ,पूजन सामग्री इत्यादि का विशेष महत्व होता है !वैसे तो शिव जी की आराधना कभी भी की जा सकती है किन्तु श्रावण मास, सोमवार, प्रदोष व्रत  , शिवतेरस आदि शिव को विशेष प्रिय है !शक्ति से रहित शिव शव के समान है अत: शक्ति सहित शिव की उपासना करनी चाहिए !बृषभ  धर्म का अवतार माना गया है !भगवान भूतभावन शिव का परिवार देखिये -सर्व देव अग्रणी गजानन ,स्वामिकार्तिकेय ,नागराज , माँ पार्वती व अवढरदानी शिव क्रमश:विघ्नहर्ता ,कल्याण कर्ता ,सचेतक रक्षक व अन्नपूर्णामाँ दयामयी एक साथ उपस्थित है व उनके वाहन चूहा ,मयूर, सिह तथा वृषभ एक साथ निवास करते है !    भगवान शिव के विवाह में सभी देव गण वरात अलग अलग लेकर चले किन्तु ईश शिव समाज के उन लोगो को साथ लेकर चले जिनको सब ने छोड़ दिया था !हरिशयनी एकादशी के बाद श्रावणमास आता है जिसमे शिव का विशेष अर्चन होता है !भगवान शिव ही भगवान विष्णु अवतारों की कथा के यथार्थ उपदेशक है !अत:उन्हें पशुपति भी कहा जाता है !वह ५ कर्मेन्द्रिय ,५ ज्ञानेन्द्रिय  ,पंच महाभूत ,मन ,चित्त ,बुद्धि ,अहंकार......आदि २४ विकारो से मुक्त करने के कारण ही पशुपति कहलाते है !शिव स्वयम्भू देव है !यह परब्रम्ह परमेशवर  की ३ शक्तियों में पमुख है !यह अजन्मा आदि अन्त रहित ईश है !ब्रम्हा -जन्मदाता ,भगवान विष्णु -जनपालक व शिव संहारक देव कहेजाते है !प्रत्येक विपत्ति से रक्षा करने वाले है! भक्तों का कल्याण करते है !कहागया है !भगवान शिव के ५ मुख है !एकादश रूद्र है !द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थित है !बेल पत्र ,धतुरा ,भांग ,मन्दार नागकेसर विशेष प्रिय है !शिव को प्रसन्न करने हेतु रुद्राभिषेककिया जाता है !विशेष अभिषेक सामग्री[दुग्ध ,दही ,घृत ,शहद ,शकर-के साथ ही गंगा जल ,गन्ने का रस, सरसों का तेल आदि  ] का विशेष फल होता है !सादा पाठ ,नमक चमक व शत रुद्रिय क्रम से किया जाता है !

                   असित गिरि समन्स्यात कज्जलं सिन्धु पात्रे सुर तरु वर शाखा लेखनी पत्र मुर्वी ! 
                   लिखति यदि गृहीत्वा शारदा सर्व कालम तदपि तव गुनाणाममीश परम न याति !!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें