बुधवार, 21 अगस्त 2013

*रक्षाबंधन एवम् गायत्री जन्मोत्सव पर्व *



सभी भारतीय जनमानस को रक्षाबंधन पर्व एवं वेद माता श्री गायत्री जन्मोत्सव पर्व की शुभकामनायें !


 भारतीय सामाजिक वर्ण व्यवस्था की सनातन हिन्दू धर्म की चार जातियों -ब्राह्मण ,क्षत्रिय ,वैश्य ,शूद्र में एक एक वर्ण का प्रतिनिधित्व करता एक विशेष पर्व है !चारो वर्णों के क्रमशः रक्षाबंधन ,विजयादशमी ,दीपावली और होली पर्व हें किन्तु सामाजिक सदभाव और प्रेम व्यवहार के लिए परस्पर मिल जुलकर सारे पर्व मानते है !
  रक्षाबंधन का पर्व माँ गायत्री के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है !आज के ही दिन माँ गायत्री का प्राकट्य हुआ था !वेद माता गायत्री ज्ञान और विज्ञान की अधिष्ठात्री देवी है जोकि सम्पूर्ण ब्रम्हाण्ड को देदीप्यमान करने वाले सूर्य देव की शक्ति कहलाती है !यह सकल चराचर जगत में परब्रह्म की परा शक्ति के रूप में स्थापित हुई है इसी लिए गायत्री मन्त्र अपने आप मे एक चमत्कारी अलौकिक मन्त्र है जो साधक को चतुर्वग के फल प्रदान करता है !प्राचीन काल में हम [ब्राह्मण ]सभी एक दुसरे की शुभता हेतु एक मौली का रक्षा सूत्र बांध कर माँ से ज्ञान ,बुद्धि ,धर्म ,अर्थ ,काम ,मोक्ष की कामना करते थे !
 कालान्तर में यह सम्बन्ध भाई -बहन के पवित्र सम्बन्धों का आधार बना !बहनें इस दिन एक रेशमी केसरिया सूत्र भाइयों के हाथ में बांध कर उनके दीर्घायु ,स्वस्थ्य और उन्नति की कामना करने लगी परस्पर भाइयों ने भी बहनों को रक्षा का वचन देना प्रारम्भ कर दिया और उन्हें यथासंभव उपहार इत्यादि देने की प्रथा प्रारम्भ हुई जो कि आज तक प्राचीन काल से निरंतर चली आ रही है !यह पर्व प्रति वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है !तो फिर चलो हम भी मानते है इस मंगल पर्व को !
                                                                                                  !!शुभमस्तु !!

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