शनिवार, 19 सितंबर 2015

विभिन्न मंत्रो की सिद्धि अलग अलग माला पर की जाती है जैसे :-



 विभिन्न मंत्रो की सिद्धि अलग अलग माला पर की जाती है जैसे :-


- धन की इच्छा है तो कमलगट्टे, वैजन्ती, स्फटिक व मूंगे की माला से लक्ष्मी देवी का जाप करना चाहिए।
- विद्या प्राप्त करने के लिए स्फटिक की माला अथवा रुद्राक्ष की माला से सरस्वती मंत्रों का जाप करें। - उत्तम व मन भावन वर प्राप्त करने के लिए रुद्राक्ष की माला से शिव मंत्रों का जाप करें।
- सुसंस्कारित व मन भावन पत्नी पाने के लिए स्फटिक की माला से शिव मंत्रों का जाप करें। - घर में सुख शांति का वातावरण बना रहे और उत्तम स्वास्थ्य के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप रूद्राक्ष की माला से करें।
- शत्रुओं का नाश करने के लिए बगला मुखी मंत्र का जाप हल्दी माला से करें।
- रुद्राक्ष की माला गले में धारण करने से ह्दय रोग और ब्लड पराशर नियंत्रित रहता है। - गुस्सेल जातक को वैजन्ती माला धारण करनी चाहिए।
- पुत्र प्राप्ति के लिए मोती की माला धारण करनी चाहिए।
- मानसिक और नवग्रह शांति के लिए नवरत्न की माला धारण करें।
- निसंतान महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए पुत्र जीवा की माला से मंत्र जाप करें।
- शरीर में ताजगी व स्फूर्ति का संचार करने के लिए सफ़ेद चन्दन की माला को धारण करें।
- मंगल ग्रह की शांति के लिए लाल चन्दन की माला धारण करें।
- शारीर और आत्मा की शुद्धि के लिए तुलसी की माला धारण करें।
- हनुमान जी की साधना के लिए मुंगे की माला से मंत्रों का जाप करें।
- देवी की आराधना लिए स्फटिक की माला से मंत्र जाप करने पर मंत्र शीघ्र सिद्ध हो जाते हैं।
- हकिक माला को धारण करने से भाग्य वृद्धि, सौभाग्य प्राप्ति, भुत प्रेत, बाधा, दुर्भाग्य और कई बुराइयों को नाश करने की विशेष शक्ति होती है।

हनुमत माला का निर्माण
साधना में माला का अपना ही महत्व होता है.उसी प्रकार साधक हनुमान साधनाओं में भी पृथक पृथक मालाओ का प्रयोग करते है.आज हम आपको यह बताने जा रहे है की,किस प्रकार जाप माला में श्री हनुमानजी को स्थापित करे,इस क्रिया को माला पर संपन्न करने के बाद माला बजरंग माला में परिवर्तित हो जाती है.साधक जब भी हनुमान साधना करे तो इसी माला से करे.क्युकी इस माला में हनुमान जी की ऊर्जा निवास करती है.और उनकी साधना उनकी ही ऊर्जा से निर्मित माला से की जाये तो सोने पर सुहागा हो जाता है.
इसके लिए आप किसी भी मंगलवार के दिन कोई भी माला ले लीजिये,मूंगा अथवा रुद्राक्ष माला श्रेष्ठ है.माला को जल से धोकर लाल वस्त्र पर रख दीजिये।अब साधक थोड़ी सी हल्दी शुद्ध जल में घोल ले.और निम्न मन्त्र को एक बार पड़े और एक मनके पर बिंदी लगा दे.इस प्रकार १०८ मनको पर लगाये।सुमेरु पर नहीं लगाना है.
ॐ फ्रौं नमः ( Om Froum Namah )
इस क्रिया के पश्चात अब निम्न मंत्र को २१ बार पड़े और सुमेरु पर २१ बिंदी लगाये
ॐ ह्रौं रूद्राय नमः ( Om Hroum Rudraay Namah )
इस क्रिया के पश्चात निम्न मंत्र को पड़ते हुए पुनः एक एक मनके पर बिंदी लगाये,इस मंत्र के द्वारा सुमेरु पर भी बिंदी लगाना है.
ॐ फ्रौं वायु पुत्राय नमः ( Om Froum Vaayu Putraay Namah )
इसके पश्चात निम्न मंत्र को १०८ बार पड़कर थोड़ा जल माला पर छिट दे.
ॐ हनु हनु हनु हनुमंताय फट ( Om Hanu Hanu Hanu Hanumantaay Phat )
तत्पश्चात २१ बिंदी सुमेरु पर लगाये निम्न मंत्र के द्वारा।
ॐ ह्रौं फ्रौं रूद्रस्वरुप हनुमंताय नमः ( Om Hroum Froum Rudraswaroop Hanumantaay Namah )
लीजिये हो गया हनुमत माला का निर्माण,अब आप जब भी हनुमान साधना करे,ईसि माला से करे.जिससे हनुमत कृपा आप पर बरसेगी और सफलता के अवसर बड़ जायेंगे। जिसे बार बार नज़र दोष लग जाते हो,या भय लगता हो,तो उस व्यक्ति को भी यह माला धारण करवाई जा सकती है.कोई गृह यदि कष्ट दे रहा हो तो माला का निर्माण करे और हनुमानजी से समबन्धित गृह की अनुकूलता हेतु प्रार्थना करके इसे धारण कर ले.समस्या का अंत हो जायेगा

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