एक गमले में एक पौधा तुलसी का तथा एक पौधा काले धतूरे का लगायें। इन 
दोनों पौधों पर प्रतिदिन स्नान आदि से निवृत होकर शुद्ध जल में थोड़ा सा 
कच्चा दूध मिलाकर अर्पित करें।  ऐसा करने 
से व्यक्ति को  ब्रहमा, विष्णु, महेश, इन तीनों की संयुक्त पूजा फल मिलता 
है।  क्योंकि तुलसी विष्णु प्रिया है,  काला धतूरा शिव रूप है एंव तुलसी की
 जड़ो में भगवान ब्रहमा का निवास स्थान माना गया है।
 
👉जो
 जातक रविवार, संक्रांति, ग्रहण को छोड़कर नित्य "ॐ तुलस्यै नमः॥" मन्त्र का
 जाप करते हुए सुबह तुलसी पर जल चढ़ाता है, एवं सांय को दीपक जलाता है उसे 
जीवन के सभी सुखो की प्राप्ति होती है, उसके पाप नष्ट होते है, पुरखो को 
स्वर्ग में स्थान मिलता है, सन्तान संस्कारी, आज्ञाकारी होती है, उसके घर 
से सभी संकट कोसो दूर रहते है । 
 
👉
 तुलसी के पत्ते बहुत ही पवित्र माने जाते है । यह हमारे जल एवं भोजन को 
शुद्ध और पवित्र करते हैं। इसीलिए किसी भी सूर्य या चंद्र ग्रहण के समयजल 
एवं  भोजन में तुलसी के पत्ते डालें जाते हैं।
 
👉हमारे
 धर्म शास्त्रों के अनुसार इंसान की मृत्यु के बाद उस शव के मुख में तुलसी 
के पत्ते डाले जाते हैं। मान्यता है कि इससे मृतक को मोक्ष की प्राप्ति 
होती है।
 
👉
 अगर आपको लगता है कि लाख प्रयास के बाद भी आपका व्यापार उन्नति नहीं कर पा
 रहा है तो आप किसी भी गुरुवार को श्यामा तुलसी के चारो ओर उग आई खर पतवार 
को किसी पीले वस्त्र में बांधकर अपने व्यापार स्थल में किसी साफ जगह रख 
दें, व्यापार में गति आ जाएगी । 
 
👉
 किसी भी शुभ मुहूर्त में तुलसी की जड़  लाएं । रविवार या गुरुवार को जब 
पुष्य नक्षत्र हो तो उस दिन उस जड़ को गंगा जल से धोकर, धूप दीप दिखाकर, 
तिलक लगाकर पूजा करके पीले कपड़े में लपेटकर अपने दाहिने हाथ में बांध लें 
इस आसान उपाय से व्यक्ति का तेज बढ़ता है, कार्यों में सफलता की सम्भावना बढ़
 जाती है, अधिकारी वर्ग प्रसन्न रहता है।    
👉अगर
 किसी व्यक्ति की संतान बहुत ज्यादा जिद्दी हो, बड़ो का कहना ना मानती हो तो
 उसे घर के पूर्व दिशा में रखे तुलसी के पौधे के तीन पत्ते रविवार को छोड़कर
 प्रतिदिन किसी भी तरह अवश्य ही खिलाएं, सन्तान का व्यवहार सुधरने लगेगा । 
ऐसी भी मान्यता है कि यदि पूर्व दिशा में खिड़की के पास तुलसी का पौधा रखा जाए तो भी संतान आज्ञाकारी होती है।
 
👉यह
 भी माना जाता है कि यदि आपकी कन्या का विवाह नहीं हो रहा हो तो कन्या 
तुलसी के पौधे को घर के दक्षिण-पूर्व में रखकर उसे नियमित रूप से जल अर्पण 
करें। इससे भी शीघ्र ही योग्य वर की प्राप्ति होती है ।
 
👉 तुलसी का पौधा किचन के पास रखने से घर के सदस्यों में आपसी प्रेम, सामंजस्य बना रहता है। 
 
👉नवीन
 गृह में तुलसी का पौधा, देवता का चित्र, गौमूत्र, गंगाजल, और पानी का कलश 
लेकर घर के अंदर प्रवेश करना चाहिए । इससे घर में सदैव सुख शांति, 
प्रसन्नता का वातावरण बना रहता है, घर में धन की कभी भी कमी नहीं रहती है। 
घर से निकलने से पूर्व तुलसी के दर्शन करना बहुत ही शुभ एवं सफलता की निशानी माना जाता है।
 
👉प्रतिदिन
 दही के साथ चीनी और तुलसी के पत्तों का सेवन करना बहुत ही शुभ माना गया 
है। तुलसी के पत्तों का घर से निकलते समय सेवन करने से कार्यों में कोई भी 
संकट नहीं आते है ।  
हिन्दु धर्मशास्त्रों में तुलसी के आठ नाम बताए गए हैं- वृंदा, वृंदावनि, विश्व पूजिता, विश्व पावनी, पुष्पसारा, नन्दिनी, तुलसी और कृष्ण जीवनी। सुबह तुलसी में जल चढ़ाते समय इनका नित्य नाम लेने जातक को जीवन में कोई भी संकट कोई आभाव नहीं रहता है । उसे सभी तरह के भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती है ।
 
👉
 तुलसी का पत्तों के नित्य सेवन करना बहुत ही पुण्यदायक लाभदायक माना जाता 
है। लेकिन ध्यान रहे कि उसे दाँतों के बीच चबाना नहीं चाहिए।
ऐसी भी मान्यता है कि यदि पूर्व दिशा में खिड़की के पास तुलसी का पौधा रखा जाए तो भी संतान आज्ञाकारी होती है।
घर से निकलने से पूर्व तुलसी के दर्शन करना बहुत ही शुभ एवं सफलता की निशानी माना जाता है।
हिन्दु धर्मशास्त्रों में तुलसी के आठ नाम बताए गए हैं- वृंदा, वृंदावनि, विश्व पूजिता, विश्व पावनी, पुष्पसारा, नन्दिनी, तुलसी और कृष्ण जीवनी। सुबह तुलसी में जल चढ़ाते समय इनका नित्य नाम लेने जातक को जीवन में कोई भी संकट कोई आभाव नहीं रहता है । उसे सभी तरह के भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती है ।


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