शनिवार, 19 सितंबर 2015

विभिन्न मंत्रो की सिद्धि अलग अलग माला पर की जाती है जैसे :-



 विभिन्न मंत्रो की सिद्धि अलग अलग माला पर की जाती है जैसे :-


- धन की इच्छा है तो कमलगट्टे, वैजन्ती, स्फटिक व मूंगे की माला से लक्ष्मी देवी का जाप करना चाहिए।
- विद्या प्राप्त करने के लिए स्फटिक की माला अथवा रुद्राक्ष की माला से सरस्वती मंत्रों का जाप करें। - उत्तम व मन भावन वर प्राप्त करने के लिए रुद्राक्ष की माला से शिव मंत्रों का जाप करें।
- सुसंस्कारित व मन भावन पत्नी पाने के लिए स्फटिक की माला से शिव मंत्रों का जाप करें। - घर में सुख शांति का वातावरण बना रहे और उत्तम स्वास्थ्य के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप रूद्राक्ष की माला से करें।
- शत्रुओं का नाश करने के लिए बगला मुखी मंत्र का जाप हल्दी माला से करें।
- रुद्राक्ष की माला गले में धारण करने से ह्दय रोग और ब्लड पराशर नियंत्रित रहता है। - गुस्सेल जातक को वैजन्ती माला धारण करनी चाहिए।
- पुत्र प्राप्ति के लिए मोती की माला धारण करनी चाहिए।
- मानसिक और नवग्रह शांति के लिए नवरत्न की माला धारण करें।
- निसंतान महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए पुत्र जीवा की माला से मंत्र जाप करें।
- शरीर में ताजगी व स्फूर्ति का संचार करने के लिए सफ़ेद चन्दन की माला को धारण करें।
- मंगल ग्रह की शांति के लिए लाल चन्दन की माला धारण करें।
- शारीर और आत्मा की शुद्धि के लिए तुलसी की माला धारण करें।
- हनुमान जी की साधना के लिए मुंगे की माला से मंत्रों का जाप करें।
- देवी की आराधना लिए स्फटिक की माला से मंत्र जाप करने पर मंत्र शीघ्र सिद्ध हो जाते हैं।
- हकिक माला को धारण करने से भाग्य वृद्धि, सौभाग्य प्राप्ति, भुत प्रेत, बाधा, दुर्भाग्य और कई बुराइयों को नाश करने की विशेष शक्ति होती है।

हनुमत माला का निर्माण
साधना में माला का अपना ही महत्व होता है.उसी प्रकार साधक हनुमान साधनाओं में भी पृथक पृथक मालाओ का प्रयोग करते है.आज हम आपको यह बताने जा रहे है की,किस प्रकार जाप माला में श्री हनुमानजी को स्थापित करे,इस क्रिया को माला पर संपन्न करने के बाद माला बजरंग माला में परिवर्तित हो जाती है.साधक जब भी हनुमान साधना करे तो इसी माला से करे.क्युकी इस माला में हनुमान जी की ऊर्जा निवास करती है.और उनकी साधना उनकी ही ऊर्जा से निर्मित माला से की जाये तो सोने पर सुहागा हो जाता है.
इसके लिए आप किसी भी मंगलवार के दिन कोई भी माला ले लीजिये,मूंगा अथवा रुद्राक्ष माला श्रेष्ठ है.माला को जल से धोकर लाल वस्त्र पर रख दीजिये।अब साधक थोड़ी सी हल्दी शुद्ध जल में घोल ले.और निम्न मन्त्र को एक बार पड़े और एक मनके पर बिंदी लगा दे.इस प्रकार १०८ मनको पर लगाये।सुमेरु पर नहीं लगाना है.
ॐ फ्रौं नमः ( Om Froum Namah )
इस क्रिया के पश्चात अब निम्न मंत्र को २१ बार पड़े और सुमेरु पर २१ बिंदी लगाये
ॐ ह्रौं रूद्राय नमः ( Om Hroum Rudraay Namah )
इस क्रिया के पश्चात निम्न मंत्र को पड़ते हुए पुनः एक एक मनके पर बिंदी लगाये,इस मंत्र के द्वारा सुमेरु पर भी बिंदी लगाना है.
ॐ फ्रौं वायु पुत्राय नमः ( Om Froum Vaayu Putraay Namah )
इसके पश्चात निम्न मंत्र को १०८ बार पड़कर थोड़ा जल माला पर छिट दे.
ॐ हनु हनु हनु हनुमंताय फट ( Om Hanu Hanu Hanu Hanumantaay Phat )
तत्पश्चात २१ बिंदी सुमेरु पर लगाये निम्न मंत्र के द्वारा।
ॐ ह्रौं फ्रौं रूद्रस्वरुप हनुमंताय नमः ( Om Hroum Froum Rudraswaroop Hanumantaay Namah )
लीजिये हो गया हनुमत माला का निर्माण,अब आप जब भी हनुमान साधना करे,ईसि माला से करे.जिससे हनुमत कृपा आप पर बरसेगी और सफलता के अवसर बड़ जायेंगे। जिसे बार बार नज़र दोष लग जाते हो,या भय लगता हो,तो उस व्यक्ति को भी यह माला धारण करवाई जा सकती है.कोई गृह यदि कष्ट दे रहा हो तो माला का निर्माण करे और हनुमानजी से समबन्धित गृह की अनुकूलता हेतु प्रार्थना करके इसे धारण कर ले.समस्या का अंत हो जायेगा

गुरुवार, 17 सितंबर 2015

श्री गणेश साधना

भगवान शंकर और पार्वती जी के पुत्र श्री गणेश को गणपति, विनायक, लंबोदर, वक्रतुंड, महोदर, एकदंत तथा गजानन आदि अनेक नामों से संबोधित किया जाता है। सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूज्य श्री गणेश सभी सिद्धियों के प्रदाता और विघ्न विनाशक हैं। इसीलिए हिंदू धर्म में प्रत्येक कार्य शुरू करते समय सफलता पाने के लिए गणेश भगवान की पूजा की जाती है।
बुद्धि के विशेष प्रतिनिधि होने से गणपति का महत्व काफी बढ़ जाता है। विभिन्न धार्मिक क्षेत्रों में गणपति के विषय में विस्तृत वर्णन किया गया है। तंत्रशास्त्रों में भी इनकी महिमा का वर्णन है। इनमें गणेश साधना द्वारा अनेक प्रयोग बताये गये हैं, जो उपयोगी हैं।
सनातन संस्कृति के अनुयायी बिना गणेश पूजन किये कोई शुभ व मांगलिक कार्य आरंभ नहीं करते। निश्चित ही वह अति विशिष्ट ही होगा जिसने तैंतीस करोड़ देवताओं में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
गणेश महात्म्य : त्रिपुरासुर के वध के लिए जिसकी स्वयं महेश यानि भगवान शिव करते हैं, महिषासुर के नाश के लिए जिसकी तपस्या स्वयं आदि शक्ति भगवती करती हैं, वह गणाध्यक्ष विनायक कोई भी कार्य संपादन का एक मात्र अधिष्ठाता होगा ही। प्रभु श्री विष्णु, रामावतार में विवाह प्रसंग के समय बड़े मनोभाव से भगवान गणेश की पूजा करते हैं तो माता पार्वती एवं बाबा भोले नाथ ने भी अपने विवाह से पहले श्री गणेश की सर्वप्रथम पूजा-अर्चना की। मानव में सात चक्र होते हैं जिसमें सबसे प्रथम है- मूलाधार चक्र। इस मूलाधार चक्र को भी गणेश चक्र के नाम से खयाति प्राप्त है।
मूलाधार चक्र को शक्ति व ज्ञान की गति का अधिष्ठान बताया गया है। ऐसा ही विलक्षण दर्शन गणेश के चरित्र से प्राप्त होता है। इसलिए अनंत कोटि ब्रह्मांड नायक परंब्रह्म, असाधारण प्रतिभावान यह गणपति ही हैं, विष्णु महाकैटभ के संहार और ब्रह्मा सृष्टि के कार्य सिद्धि लिए गणेश उपासना यूं ही नहीं करते। वस्तुतः प्राचीन उपासना क्रम में पंच देवोपासना का निर्देश मिलता है। इस उपासना भेद में भी श्री गणेश को अपना स्थान प्राप्त हुआ है।
ऐसा कौन सा विषय है जहां श्री गणेश की कोई भूमिका न रही हो। विधि का विधान के संदर्भ में जो चर्चा हम और आप करते हैं उसके निर्देशक प्रतिरूप भगवान गणपति ही हैं। अतः कुछ देने में यदि कोई सामर्थ्यवान है तो वह गणपति ही है। अतः यहां गणेश साधना के अनेक प्रयोग बताये जा रहे हैं जो जीवनोपयोगी हैं।
1. प्रातःकाल गणेश जी को श्वेत दूर्वा अर्पित करके घर से बाहर जायें। इससे आपको कार्यों में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी।
2. घर के मुखय द्वार के ऊपर गणेश जी का चित्र या प्रतिमा इस प्रकार लगाएं कि उनका मुंह घर के भीतर की ओर रहे। इससे धन लाभ होगा।
3. गणपति को दूर्वा और मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाकर श्री लक्ष्मी के चित्र के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं कभी धनाभाव नहीं होगा।
4. दुकान या व्ववसाय स्थल के उद्घाटन के समय चांदी की एक कटोरी में धनिया डालकर उसमें चांदी के लक्ष्मी गणेश की मूर्ति रख दें। फिर इस कटोरी को पूर्व दिशा में स्थापित करें। दुकान खोलते ही पांच अगरबत्ती से पूजन करने से व्यवसाय में उन्नति होती है।
5. नित्य श्री गणेश जी की पूजा करके उनके मंत्र 'श्री गं गणपतये नमः' का जप करने से सभी प्रकार की परीक्षा में सफलता प्राप्त होती है।
6. छात्रों को जो विषय कठिन लगता हो उस विषय की पुस्तक में गणेश जी का चित्र तथा दूर्वा रखने से वह विषय सरल लगने लगेगा।
7. बुधवार का व्रत रखकर बुध स्तोत्र का पाठ करने से, गणेश जी को मूंग के लड्डू चढ़ाने से आजीविका की प्राप्ति शीघ्र होती है।
8. रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र में श्वेत आक की जड़ लाकर उससे श्री गणेश जी की प्रतिमा बनायें। फिर उस पर सिंदूर और देशी घी के मिश्रण का लेप करके एक जनेऊ पहनाकर पूजा घर में स्थापित कर दें। तत्पश्चात इसके समक्ष श्री गणेश मंत्र की 11 माला का जप करें। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।
9. बुधवार के दिन श्री गणेश का पूजन करके गाय को घास खिलाने से सास के प्रति बहू का कटु व्यवहार दूर होता है।
10. बुधवार के दिन श्री गणेश साधना करने से बुध ग्रह के दोष दूर होते हैं।
11. गणेश चतुर्थी के दिन से श्री गणेश स्तोत्र का पाठ शुरू करके भगवान से प्रार्थना करने पर पिता-पुत्र के संबंधों में मधुरता आती है।
12. एक सुपारी पर मौली लपेटकर उसे गणपति के रूप में स्थापित कर तत्पश्चात उसका पूजन करके घर से बाहर जायें। कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।
13. भगवान गणेश को नित्य प्रातःकाल लड्डू का भोग लगाने से धन लाभ का मार्ग प्रशस्त होता है।
14. भगवान गणपति जी को बेसन के लड्डू का भोग लगाकर व्यवसाय स्थल पर जायें और कोई मीठा फल किसी मंदिर में चढ़ाएं। इससे धन-धान्य व सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।
15. धनतेरस से दीपावली तक लगातार तीन दिन सायंकाल श्री गणेश स्तोत्र का पाठ करके गाय को हरा चारा (सब्जी-साग आदि) खिलायें। बाधायें -रूकावटें दूर होंगी।
16. परीक्षा देने से पूर्व श्री गणेश मंत्र का 108 बार जप करें और गणपति को सफेद दूर्वा चढ़ायें। परीक्षा में निश्चय ही सफलता मिलेगी।
17. घर में गणेश जी के प्रतिमा के सामने नित्य पूजन करने से धन मान और सुख की प्राप्ति होती है।
18. प्रातः काल गणपति जी मंत्र का 21 दिनों में सवा लाख बार जप करने से सभी मनोकामना पूर्ण होंगी। इसीलिए गणपत्यऽथर्वशीर्ष में कहा गया है कि श्री गणेश भगवान आप ही ब्रह्मा, विष्णु, शिव हो। आप ही अग्नि, वायु, सूर्य, चंद्र हो। समस्त देवता, पंचतत्व, नवग्रह आदि सब कुछ आपका स्वरूप हैं। गणेश पुराण में वर्णित गणेशाष्टक को सिद्धि प्रदायक कहा गया है। निश्चित ही ऋद्धि-सिद्धि की सहजता से उपलब्धि गणेश तत्व से ही संभव है। ऋिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति कामनापूर्ति, संकटनाश, प्रेम प्राप्ति, मधुर दांपत्य जीवन, विघ्ननाश, आरोग्य आदि कोई भी ऐसी कामना नहीं है जो कि गणेशकृपा से पूर्ण न हो।

कैसी लगी जानकारी

बच्चों को राज्यों के नाम याद रखने में परेशानी होती है । इसके समाधान के लिए एक छोटा सा प्रयास किया है । राज्यों के लिए एक पंक्ति बनाई है । जिसके एक वर्ण से एक राज्य बनता है । शायद अध्यापक साथियों को ये प्रयास पसन्द आए -
राज्यों के लिए पंक्ति-
" मित्र अतरा मुझसे कहता है मैं अपने छ: बागों में आम की उपज उगाऊ" ।
मि-मिजोरम
त्र -त्रिपुरा
अ - असम
त - तमिलनाडू
रा - राजस्थान
मु -मणिपुर
झ - झारखंड
से - सिक्किम
क -केरल
ह -हरियाणा
ते - तेलंगाना
है - हिमाचल
में - मेघालय
अ - अरूणाचल
प - प. बंगाल
ने - नागालैंड
छः - छत्तीसगढ
बा - बिहार
गों -गोवा
में - मध्यप्रदेश
आ - आंध्रप्रदेश
म - महाराष्ट्र
की -कर्नाटक
उ - उत्तराखंड
प - पंजाब
ज - जम्मू - कश्मीर
उ - उड़ीसा
गा - गुजरात
उ- उत्तरप्रदेश
विश्व विरासत मे शामिल राजस्थान के 6 दुर्ग
TRICK :- “चीकु गाजर आम”
1. चि – चित्तौड़
2. कु – कुंभलगढ राजसंमद
3. गा – गागरोन झालावाड़
4. ज – जैसलमेर सोनार
5. र – रणथम्भौर स॰माधोपुर
6. आम – आमेर जयपुर
Trick
भारत की स्थल सीमा पर पड़ोसी देश
TRICK — “बचपन मेँ MBA किया”
ब——-बंग्लादेश———(4,096KM)
च——-चीन————-(3,917KM)
प——-पाकिस्तान——-(3,310KM)
न——-नेपाल————(1,752KM).
मेँ——-(silent)
M——-म्यामार———-(1,458KM)
B——–भूटान———–(587KM)
A——–अफगानिस्तान–(80KM) किया—(silent)
🌍विश्व कासामान्य ज्ञान🌍
🌍 विश्व में भारत के अलावा 15 अगस्त को ही स्वतन्त्रता दिवस और किस देश में मनाया जाता है?
👍:- कोरिया में
🌍 विश्व का ऐसा कौन सा देश है जो आज तक किसी का गुलाम नहीं हुआ?
👍:- नेपाल
🌍 विश्व का सबसे पुराना समाचार पत्र कौन सा है?
👍:- स्वीडन आफिशियल जनरल (1645 में प्रकाशित)
🌍 विश्व में कुल कितने देश हैं?
👍:- 353
🌍 विश्व में ऐसा कौन सा देश है जहाँ के डाक टिकट पर उस देश का नाम नहीं होता?
👍:- ग्रेट ब्रिटेन
🌍 विश्व की सबसे बड़ी मस्जिद कौन सी है?
👍:- अलमल्विया (इराक)
🌍 विश्व का किस देश में कोई भी मंदिर-मस्जिद नहीं है?
👍:- सउदी अरब
🌍 विश्व का सबसे बड़ा महासागर कौन सा है?
👍:- प्रशांत महासागर
🌍 विश्व में सबसे बड़ी झील कौन सी है?
👍:- केस्पो यनसी (रूस में)
🌍 विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप कौन सा है?
👍:- एशिया
🌍 विश्व की सबसे बड़ी दीवार कौन सी है?
👍:- ग्रेट वाल ऑफ़ चायना (चीन की दीवार)
🌍 विश्व में सबसे कठोर कानून वाला देश कौन सा है?
👍:- सउदी अरब
🌍 विश्व के किस देश में सफेद हाथी पाये जाते हैं?
👍:- थाईलैंड
🌍 विश्व में सबसे अधिक वेतन किसे मिलता है?
👍:- अमेरिका के राष्टपति को
🌍 विश्व में किस देश के राष्टपति का कार्यकाल एक साल का होता है?
👍:- स्विट्जरलैंड
🌍 विश्व की सबसे बड़ी नदी कौन सी है?
👍:- नील नदी(6648 कि.मी.)
🌍 विश्व का सबसे बड़ा रेगिस्तान कौन सा है?
👍:- सहारा (84,00,000 वर्ग कि.मी., अफ्रीका में)
🌍 विश्व की सबसे मँहगी वस्तु कौन सी है?
👍:- यूरेनियम
🌍 विश्व की सबसे प्राचीन भाषा कौन सी है?
👍:- संस्कृत
🌍 शाखाओं की संख्या की दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा बैंक कौन सा है?
👍:- भारतीय स्टेट बैंक
🌍 विश्व का ऐसा कौन सा देश है जिसने कभी किसी युद्ध में भाग नहीं लिया?
👍:- स्विट्जरलैंड
🌍 विश्व का का कौन सा ऐसा देश है जिसके एक भाग में शाम और एक भाग में दिन होता है?
👍:- रूस
🌍 विश्व का सबसे बड़ा एअरपोर्ट कौन सा है?
👍:- टेक्सास का फोर्थ बर्थ (अमेरिका में)
🌍 विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर कौन सा है?
👍:- टोकियो
🌍 विश्व की लम्बी नहर कौन सी है?
👍:- स्वेज नहर (168 कि.मी. मिस्र में)
🌍 विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य कौन सा है?
👍 :- महाभारत.
आप सबसे निवेदन है की
चुटकले भेजने की बजाय यह
सन्देश सबको भेजे ताकि सब लोग
देख सके ।
Forwarded msg
कुछ रोचक जानकारी क्या आपको पता है ?
1. 📚 चीनी को जब चोट पर लगाया जाता है, दर्द तुरंत कम हो जाता है...
2. 📚 जरूरत से ज्यादा टेंशन आपके दिमाग को कुछ समय के लिए बंद कर सकती है...
3.📚 92% लोग सिर्फ हस देते हैं जब उन्हे सामने वाले की बात समझ नही आती...
4.📚 बतक अपने आधे दिमाग को सुला सकती हैंजबकि उनका आधा दिमाग जगा रहता....
5.📚 कोई भी अपने आप को सांस रोककर नही मार सकता...
6.📚 स्टडी के अनुसार : होशियार लोग ज्यादा तर अपने आप से बातें करते हैं...
7.📚 सुबह एक कप चाय की बजाए एक गिलास ठंडा पानी आपकी नींद जल्दी खोल देता है...
8.📚 जुराब पहन कर सोने वाले लोग रात को बहुत कम बार जागते हैं या बिल्कुल नही जागते...
9.📚 फेसबुक बनाने वाले मार्क जुकरबर्ग के पास कोई कालेज डिगरी नही है...
10.📚 आपका दिमाग एक भी चेहरा अपने आप नही बना सकता आप जो भी चेहरे सपनों में देखते हैं वो जिदंगी में कभी ना कभी आपके द्वारा देखे जा चुके होते हैं...
11.📚 अगर कोई आप की तरफ घूर रहा हो तो आप को खुद एहसास हो जाता है चाहे आप नींद में ही क्यों ना हो...
12.📚 दुनिया में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला पासवर्ड 123456 है.....
13.📚 85% लोग सोने से पहले वो सब सोचते हैं जो वो अपनी जिंदगी में करना चाहते हैं...
14.📚 खुश रहने वालों की बजाए परेशान रहने वाले लोग ज्यादा पैसे खर्च करते हैं...
15.📚 माँ अपने बच्चे के भार का तकरीबन सही अदांजा लगा सकती है जबकि बाप उसकी लम्बाई का...
16.📚 पढना और सपने लेना हमारे दिमाग के अलग-अलग भागों की क्रिया है इसी लिए हम सपने में पढ नही पाते...
17.📚 अगर एक चींटी का आकार एक आदमी के बराबर हो तो वो कार से दुगुनी तेजी से दौडेगी...
18.📚 आप सोचना बंद नही कर सकते.....
19.📚 चींटीयाँ कभी नही सोती...
20.📚 हाथी ही एक एसा जानवर है जो कूद नही सकता...
21.📚 जीभ हमारे शरीर की सबसे मजबूत मासपेशी है...
22.📚 नील आर्मस्ट्रांग ने चन्द्रमा पर अपना बायां पाँव पहलेरखा था उस समय उसका दिल 1 मिनट में 156 बार धडक रहा था...
23.📚 पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण बल के कारण पर्वतों का 15,000मीटर से ऊँचा होना संभव नही है...
23.📚 शहद हजारों सालों तक खराब नही होता..
24.📚 समुंद्री केकडे का दिल उसके सिर में होता है...
25.📚 कुछ कीडे भोजन ना मिलने पर खुद को ही खा जाते है....
26.📚 छींकते वक्त दिल की धडकन 1 मिली सेकेंड के लिए रूक जाती है...
27.📚 लगातार 11 दिन से अधिक जागना असंभव है...
28.📚 हमारे शरीर में इतना लोहा होता है कि उससे 1 इंच लंबी कील बनाई जा सकती है.....
29.📚 बिल गेट्स 1 सेकेंड में करीब 12,000 रूपए कमाते हैं...
30.📚 आप को कभी भी ये याद नही रहेगा कि आपका सपना कहां से शुरू हुआ था...
31.📚 हर सेकेंड 100 बार आसमानी बिजली धरती पर गिरती है...
32.📚 कंगारू उल्टा नही चल सकते...
33.📚 इंटरनेट पर 80% ट्रैफिक सर्च इंजन से आती है...
34.📚 एक गिलहरी की उमर,, 9 साल होती है...
35.📚 हमारे हर रोज 200 बाल झडते हैं...
36.📚 हमारा बांया पांव हमारे दांये पांव से बडा होता हैं...
37.📚 गिलहरी का एक दांत हमेशा बढता रहता है....
38.📚 दुनिया के 100 सबसे अमीर आदमी एक साल में इतना कमा लेते हैं जिससे दुनिया
की गरीबी 4 बार खत्म की जा सकती है...
39.📚 एक शुतुरमुर्ग की आँखे उसके दिमाग से बडी होती है...
40.📚 चमगादड गुफा से निकलकर हमेशा बांई तरफ मुडती है...
41.📚 ऊँट के दूध की दही नही बन सकता...
42.📚 एक काॅकरोच सिर कटने के बाद भी कई दिन तक जिवित रह सकता है...
43.📚 कोका कोला का असली रंग हरा था...
44.📚 लाइटर का अविष्कार माचिस से पहले हुआ था...
45.📚 रूपए कागज से नहीं बल्कि कपास से बनते है...
46.📚 स्त्रियों की कमीज के बटन बाईं तरफ जबकि पुरूषों की कमीजके बटन दाईं तरफ होते हैं...
47.📚 मनुष्य के दिमाग में 80% पानी होता है.
48.📚 मनुष्य का खून 21 दिन तक स्टोर किया जा सकता है...
49.📚 फिंगर प्रिंट की तरह मनुष्य की जीभ के निशान भी अलग-अलग होते हैं...
कैसी लगी जानकारी

गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभ कामनाये..



.                          गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभ कामनाये..
 पार्थिवगणेशपूजा प्रारंभ:-<><><><><><><><>
द्विराचम्य प्राणायामं कृत्वा। इष्टकुलस्वाम्यादि देवतानां फल-तांबूलानि प्रदानं कृत्वा। ज्येष्ठां नमस्कृत्य। वरारोहां वा वराहेणोद्धृता भूम्यादिभिः श्वेत रक्त पीतवर्णा वा मृदा गृहित्वा आपोहिष्ठेतितिसृभिः शं न्नो देवीति०गायत्री मंत्रेण च शुद्धजलेन प्रोक्ष्य कंटकादिकं निरस्य "गं गणपतये नमः इति पिंडं कृत्य सलक्षणां विनायक मूर्तिं निर्माय... पीठोपरि रक्तवस्त्रे गोधूमराशौ संस्थाप्य||
ॐ श्रीमन्महागणपतये नम:॥
इष्ट,कुल,ग्राम,वास्तु,गुरू देवताभ्यो नम:॥
सुमुखश्चैकदंतश्च……
श्रीमद्भगवतो महापुरुषस्य....शालिवाहनशके मन्मथ नामसंवत्सरे, दक्षिणायने, वर्षा ऋतौ, भाद्रपद मासे, शुक्लपक्षे, चतुर्थ्यां तिथौ (रात्री १०:१९पर्यंत), बृहस्पति वासरे, स्वाती (उत्तररात्री १:३१पर्यंत) दिवस नक्षत्रे, तुला (अहोरात्र) स्थिते वर्तमाने चंद्रे, सिंह स्थिते श्रीसूर्ये (दु.१२:१८नंतर कन्या), सिंह स्थिते श्रीदेवगुरौ, वृश्चिक स्थिते श्रीशनैश्चरौ, शेषेषु ग्रहेषु यथायथं..... शुभपुण्यतिथौ....॥
मम आत्मन: श्रुतिस्मृति-पुराणोक्त फलप्राप्त्यर्थं श्रीपरमेश्वर प्रीत्यर्थं....अमुक ...गोत्रोत्पन्नः __ अहं अस्माकं सकलकुटुंबानां सपरिवाराणां द्विपद-चतुष्पद-सहितानां क्षेम स्थैर्य आयु: आरोग्य ऐश्वर्य अभिवृद्धी अर्थं,समस्त मंगल अवाप्ति अर्थं,समस्त अभ्युदय अर्थं,अभीष्ट कामना सिद्धी अर्थंच प्रतिवार्षिक विहितं {पार्थिवसिद्धिविनायक} देवता प्रीत्यर्थं यथाज्ञानेन यथामिलित उपचार द्रव्यै: पुरुषसूक्त/पुरणोक्तमंत्रै: प्राणप्रतिष्ठापन पूर्वक ध्यानआवाहनादि षोडश उपचार पूजन अहं करिष्ये॥ आदौ निर्विघ्नता सिद्ध्यर्थं महागणपति स्मरणं, शरीर शुद्ध्यर्थं षडंगन्यासं कलश, शंख, घंटा, दीप पूजनं च करिष्ये॥
॥प्राणप्रतिष्ठा॥
अस्य श्री प्राणप्रतिष्ठामंत्रस्य ब्रह्म-विष्णू-महेश्वरा ऋषय:। ऋग्यजु:सामाथर्वाणि च्छंदासि। पराप्राणशक्तिर्देवता आं बी
जम्। -हीं शक्ति:। क्रों कीलकम्। अस्यां मृन्मयमूर्तौ प्राणप्रतिष्ठापने विनियोग:॥
॥ॐ आं -हीं क्रों॥ अं यं रं लं वं शं षं सं हं ळं क्षं अ:॥ क्रों -हीं आं हंस: सोहं॥
अस्यां मूर्तौ १ प्राण २ जीव ३ सर्वेंद्रियाणि वाङ् मन:त्वक् चक्षु श्रोत्र जिव्हा घ्राण पाणि पाद पायूपस्थानि इहैवागत्य सुखं चिरं तिष्ठंतु स्वाहा॥
ॐ असुनीतेॐ चत्वारिवाक्
गर्भाधानादि १५ संस्कार सिद्ध्यर्थं १५ प्रणवावृती: करिष्ये॥
रक्तांभोधिस्थतच्चक्षुर्देवहितं
 अस्यै प्राणा: प्रतिष्ठंतु अस्यै प्राणा:क्षरंतु च।
अस्यै देवत्वमर्चायै मामहेति च कश्चन॥
देवस्य आज्येन नेत्रोन्मीलनं कृत्वा।
प्राणशक्त्यै नम:। पंचोपचारै: संपूज्य॥
१ ध्यानं,आवाहनं-
एकदंतं शूर्पकर्णं गजवक्त्रं चतुर्भुजं।
पाशांकुशधरं देवं ध्यायेत्सिद्धिविनायकं॥
ॐ सहस्रशीर्षा...
आवाहयामि विघ्नेश सुरराजार्चितेश्वर।
अनाथनाथ सर्वज्ञ पूजार्थं गणनायक॥
२ आसन-
ॐ पुरुषएवेदं
नानारक्तसमायुक्तं कार्तस्वरविभूषितम्।
आसनं देवदेवेश प्रीत्यर्थं प्रतिगृह्यताम्॥

३ पाद्यं-
ॐ एतावानस्य
पाद्यं गृहाण देवेश सर्वक्षेमसमर्थ भो।
भक्त्या समर्पितं तुभ्यं लोकनाथ नमोस्तु ते॥
४ अर्घ्य-
ॐ त्रिपादूर्ध्व
नमस्ते देव देवेश नमस्ते धरणीधर।
नमस्ते जगदाधार अर्घ्यं न: प्रतिगृह्यताम॥
५ आचमन-
ॐ तस्माद्विराळ
कर्पूरवासितं वारि मंदाकिन्या:समाहृतम्।
आचम्यतां जगन्नाथ मया दत्तं हि भक्तित:॥
६ स्नान-
ॐ यत्पुरुषेण
गंगादिसर्वतीर्थेभ्यो मया प्रार्थनया हृतम्।
तोयमेतत्सुखस्पर्शं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्॥
॥पंचामृतस्नान,पंचोपचारपूजा,अभिषेक॥
मांगलिक स्नान-
ॐ कनिक्रदत्
तैलेलक्ष्मीर्जलेगंगा यतस्तिष्ठति वै प्रभो।
तन्मांगलिकस्नानार्थं जलतैले समर्पये॥
ॐ तदस्तुमित्रासुप्रतिष्ठितमस्तु॥
७ वस्त्र-
ॐ तंयज्ञंबर्हिषि
सर्वभूषाधिके सौम्ये लोकलज्जानिवारणे।
मयोपपादिते तुभ्यं वाससी प्रतिगृह्यताम्।
८ यज्ञोपवीत-
ॐ तस्माद्यज्ञात्सर्वहुत:
देवदेव नमस्तेतु त्राहिमां भवसागरात्।
ब्रह्मसूत्रं सोत्तरीयं गृहाण परमेश्वर॥
९ गंध-
ॐ तस्माद्यज्ञात्सर्वहुतऋच:
श्रीखंडं चंदनं दिव्यं गंधाढ्यं सुमनोहरम्।
विलेपनं सुरश्रेष्ठ चंदनं प्रतिगृह्यताम्॥
अक्षतास्तंडुला:शुभ्रा:कुंकूमेन विराजिता:।
मया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वर॥
हरिद्रा स्वर्णवर्णाभा सर्वसौभाग्यदायिनी।
सर्वालंकारमुख्या हि देवि त्वं प्रतिगृह्यताम्॥
हरिद्राचूर्णसंयुक्तं कुंकुमं कामदायकम्।
वस्त्रालंकारणं सर्वं देवि त्वं प्रतिगृह्यताम्॥
उदितारुणसंकाश जपाकुसुमसंनिभम्।
सीमंतभूषणार्थाय सिंगूरं प्रतिगृह्यताम्॥
परिमलद्रव्य-
ॐ अहिरिवभोगै:
ज्योत्स्नापते नमस्तुभ्यं नमस्ते विश्वरूपिणे।
नानापरिमलद्रव्यं गृहाण परमेश्वर॥
१० फुले,हार,कंठी-
ॐ तस्मादश्वा
माल्यादीनि सुगंधीनि मालत्यादीनि वै प्रभो।
मया हृतानि पूजार्थं पुष्पाणि प्रतिगृह्यताम्॥
करवीरैर्जातिकुसुमैश्चंपकैर्बकुलै:शुभै:।
शतपत्रैश्चकल्हारैरर्चयेत् परमेश्वर॥
॥अथ अंग पूजा॥
गणेश्वराय नम:-पादौ पूजयामि॥
विघ्नराजाय नम:-जानुनी पू०॥
आखुवाहनाय नम:-ऊरू पू०॥
हेरंबाय नम:-कटिं पू०॥
लंबोदराय नम:-उदरं पू०॥
गौरीसुताय नम:-स्ननौ पू०॥
गणनायकाय नम:- हृदयं पू॥
स्थूलकर्णाय नम:-कंठं पू०॥
स्कंदाग्रजाय नम:-स्कंधौ पू०॥
पाशहस्ताय नम:-हस्तौ पू०॥
गजवक्त्राय नम:-वक्त्रं पू०॥
विघ्नहत्रे नम:-ललाटं पू०॥
सर्वेश्वराय नम:- शिर:पू०॥
गणाधिपाय नम:-सर्वांगं पूजयामि॥
अथ पत्र पूजा:-
सुमुखायनम:-मालतीपत्रं समर्पयामि॥(मधुमालती)
गणाधिपायनम:-भृंगराजपत्रं॥(माका)
उमापुत्रायनम:-बिल्वपत्रं॥(बेल)
गजाननायनम:-श्वेतदूर्वापत्रं॥(पांढ-यादूर्वा)
लंबोदरायनम:-बदरीपत्रं॥(बोर)
हरसूनवेनम:-धत्तूरपत्रं॥(धोत्रा)
गजकर्णकायनम:- श्वेतदूर्वां
वक्रतुंडायनम:-शमीपत्रं॥(शमी)
गुहाग्रजायनम:-अपामार्गपत्रं॥(आघाडा)
एकदंतायनम:-बृहतीपत्रं॥(डोरली)
विकटायनम:-करवीरपत्रं॥(कण्हेरी)
कपिलायनम:-अर्कपत्रं॥(मांदार)
गजदंतायनम:-अर्जुनपत्रं॥(अर्जुनसादडा)
विघ्नराजायनम:-विष्णुक्रांतापत्रं॥(विष्णुक्रांत)
बटवेनम:-दाडिमपत्रं॥(डाळिंब)
सुराग्रजायनम:-देवदारुपत्रं॥(देवदार)
भालचंद्रायनम:-मरुपत्रं॥(पांढरा मरवा)
हेरंबायनम:-अश्वत्थपत्रं॥(पिंपळ)
चतुर्भुजायनम:-जातीपत्रं॥(जाई)
विनायकायनम:-केतकीपत्रं॥(केवडा)
सर्वेश्वरायनम:-अगस्तिपत्रं॥(अगस्ति)
११ धूप,अगरबत्ती-
ॐ यत्पुरुषंव्यदधु:
वनस्पतिरसोद्भूतो गंधाढ्यो गंधउत्तम:।
आघ्रेय:सर्वदेवानां धूपोयं प्रतिगृह्यताम्॥
१२ दीप,निरांजन-
ॐ ब्राह्मणोस्य
आज्यंच वर्तिसंयुक्तं वह्निना योजितं मया।
दीपं गृहाण देवेश सर्वक्षेमसमर्थ भो:॥
१३ नैवेद्य,प्रसाद
ॐ चंद्रमामनसो
नैवेद्यं गृह्यतां देव भक्तिं मे ह्यचलां कुरू।ईप्सितं मे वरं देहि परत्रं च परां गतिम्॥
शर्कराखंडखद्यानी दधिक्षीरघृतानिच।
आहारं भक्ष्यभोज्यं च नैवेद्यं प्रतिगृह्यताम्॥
पूगीफलं महद्दिव्यं नागवल्लीदलैर्युतं।
कर्पूरैलासमायुक्तं तांबूलं प्रतिगृह्यताम्॥
हिरण्यगर्भ गर्भस्थं हेमबीजं विभावसो:।
अनंतपुण्यफलद मत:शातिं प्रयच्छ मे॥
इदं फलं मयादेव स्थापितं पुरतस्तव।
तेन मे सुफलावाप्तिर्भवेज्जन्मनि जन्मनि॥
फलेन फलितं सर्व त्रैलोक्यं सचराचरम्।
तस्मात्फलप्रदानेन सफलाश्च मनोरथा:॥
दूर्वायुग्म पूजा-
गणाध्यक्ष महादेव शिवपुत्राभयप्रद।
दूर्वापूजां गृहाणेश गणाधिप नमोऽस्तुते॥
ॐ गणाधिपायनम:-दूर्वायुग्मं समर्पयामि॥
पतिर्गणानां सर्वेषामम्बिकागर्भसम्भव।
दूर्वायुग्मं गृहाणेश उमापुत्र नमोऽस्तुते॥
ॐ उमापुत्रायनम:-दूर्वायुग्मं ०॥
भक्तानां स्मरणादेव सर्वाद्यक्षयकृद्विभु:।
दूर्वायुग्मं गृहाणेश अघनाश नमोऽस्तुते॥
ॐ अघनाशनायनम:-दूर्वायुग्मं ०॥
नृपाणां युद्धसमये भजतामभयप्रद।
दूर्वापूजां गृहाणेश विनायक नमोऽस्तते॥
ॐ विनायकायनम:-दूर्वायुग्मं ०॥
जनितो देवतार्थाय तारासुतवधो विभु:।
दूर्वापूजां गृहाणेश ईशपुत्र नमोऽस्तुते॥
ॐ ईशपुत्रायनम:-दूर्वायुग्मं०॥
स्कन्दावरज भूतेश लम्बोदर गजानन।
दूर्वायुग्मं गुहाणेश सर्वसिद्धिप्रदायक॥
ॐ सर्वसिद्धिप्रदायकायनम:-दूर्वायुग्मं ०॥
राक्षसानां विनाशाय दूतायुधधरोभव।
दूर्वापूजां गृहाणेश एकदन्त नमोनम:॥
ॐ एकदंतायनम:-दूर्वायुग्मं ०॥
उमामहेश्वरं दृष्ट्वा कृतोऽसौ गजवक्त्रक:।
दूर्वायुग्मं गृहाणेश इभवक्त्र नमो नम:॥
ॐ इभवक्त्रायनम:-दूर्वायुग्मं ०॥
मूषकोत्तममारुह्य जिता देवा सुराहवे।
दूर्वापूजां गृहाणेश नमो मूषकवाहन॥
ॐ आखुवाहनायनम:-दूर्वायुग्मं ०॥
अग्निर्भू:बाहुलेयश्च गुरुमुख्यो भवप्रभो।
दूर्वापूजां गृहाणेश कुमारगुरवे नम:॥
ॐ कुमारगुरवेनम:-दूर्वायुग्मं ०॥
गणाधिप नमस्तेस्तु उमापुत्राघनाशन।
विनायकेशपुत्रेति सर्वसिद्धिप्रदायक॥
एकदंतेभवक्त्रेति तथा मूषकवाहन।
कुमारगुरवे तुभ्यं पूजनीय:प्रयत्नत:॥
एकैकेन तु नाम्ना तु दत्वैकं सर्वनामभि:।
तत:स्वर्णमयं पुष्पं विघ्नेशाय समर्पयेत्॥
दूर्वामेकां समर्पयामि॥
ॐ श्रियेजात:
चंद्रादित्यौच धरणी विद्युदग्निस्तथैवच।त्वमेव सर्व ज्योतींषि आर्तिक्यं प्रतिगृह्यताम्॥
 १४ प्रदक्षिणा-
ॐ नाभ्याआसी
यानि कानि च पापानि जन्मांतरकृतानि च।
तानि तानि विनश्यंति प्रदक्षिण पदे पदे॥
१५ नमस्कार-
ॐ सप्तास्यासन्
नमस्ते विघ्नसंहर्त्रे नमस्ते ईप्सितप्रद।
नमस्ते देवदेवेश नमस्ते गणनायक॥
१६ प्रार्थना-
ॐ यज्ञेनयज्ञम
विनायकगणेशान सर्वदेवनमस्कृत।
पार्वतीप्रिय विघ्नेश मम विघ्नान्निवारय॥
आवाहनं न जानामि……
यस्यस्मृत्या……
अनेन मया यथाज्ञानेन कृतषोडशोपचार पूजनेन तेन श्रीसिद्धिविनायक:प्रीयताम्॥
॥जय गणे