रविवार, 11 अगस्त 2019

नकारात्मक

💥जो लोग गायत्री सिद्ध अथबा अथबा ब्रह्म गायत्री की उपासना करते हैं बह मृतक भोजन नहीं करते क्यों क्योंकि बह नकारात्मक है





💥जो लोग गरूण पुराण की कथा का पाठ करते हैं बह विवाह नहीं पड़ सकते क्योंकि बह नकारात्मक है

💥तब इस को बढा़ चड़ा कर करने से और लोगों को दोष नहीं लगता क्या बिचारणीय

💀रामायण भागबत आदि का पाठ कराकर प्राणी के नाम से कितना भी पुण्य किया जाय बह संकल्पित कर बह सकारात्मक है

💥परम्परा सजीब है उसका रखना अनिवार्य है लेकिन कुछ दोष जो लोग एक दूसरे पर संयोजित करते हैं बह अनर्थ है

💥तब साबधान रहो सुरक्षित रहो

💥असीमित मृत्तक भोज व्यक्ति की की गयी साधना का क्षय करता है

💥जहाँ मृतक प्राण त्यागता है बहाँ बहुत भयंकर नकारात्मकता होती है जिससे अन्य लोग किसी बाधा से ग्रसित भी परेशान हो जाते हैं

💥जिन लोगों के ताबीज गण्डे हो रहे होते हैं बह भी खराब हो जाते हैं


💥कीलन के लगे देब भी उस नकारात्मक प्रभाव के चलते जो रोग से प्राणी की रक्षा करते हैं बह भी भाग जाते हैं

💥यह कडबा घूँट है जिसे हर कोई पीने को राजी नहीं है

💥तब क्या बह नकारात्मक भोज लोगों की जीवन उर्जा मैं नकारात्मक प्रभाव नहीं छोड़ेगा

💀💀इसलिये साबधानी हटी दुर्घटना घटी साबधान रहिये सुरक्षित रहिये

🔱🔱ऊर्जा को सकारात्मक हर कोई रखना चाहता है लेकिन जाने अंजाने मै सारा तब खंडित हो जाता है

🔱🔱परम्परा अनुसार किसी शुभ काम को करने बाले ग्यानी अलग होते ही हैं उनका कर्म केबल शुभ कार्यो से सम्बन्ध रखता है

जैसे विवाह और मृत्तक की गरूण पुराण की कथा कहने बाला ग्यानी अलग होता है

🔱🔱तब एक ही ग्यानी दोनौं काम करे तो अनिष्ट होता है


🔱🔱मृत्तक का कर्म काण्ड किसी ब्रह्मचारी ग्यानी पंडित को करना चाहिए बाकी ग्रहस्थ धर्म युक्त पंडित एसा कर्म काण्ड करते हैं
तो उनकी आने बाली पीड़ी संतान दोष युक्त होनै लगती है

🔱🔱जिसके फलस्वरूप तीसरी पीड़ी पे विनाश की संभावना बनी रहती है

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