शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2013

~श्री सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ ~

यह सप्त श्लोकी माँ दुर्गा की  स्तुति है जिसका पाठ कर हम सब अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकते है और माँ भगवती की कृपा प्राप्त कर सकते है !
शिव उवाच 
देवी त्वं भक्त सुलभे सर्व कार्य विधायिनी !
कलो हि कार्य सिध्यर्थमुपायम व्रूही यत्नत: !!

देव्युवाच 
श्रुणुदेव प्रवक्ष्यामि कलौ सर्वेस्ट साधनम !
मया तवैव स्नेहेनाप्यम्बा स्तुति:प्रकाश्यते !!

!
ॐ अस्य श्री दुर्गा सप्त श्लोकी स्तोत्र मन्त्रस्य नारायण ऋषि : अनुष्टुप छन्द: श्री महा काली , महा लक्ष्मी महा सरस्वत्यो देवता:श्री दुर्गा प्रीत्यर्थम सप्त श्लोकी दुर्गा पाठे विनियोगःयोग:|
ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसिदेवी भगवती हि सा ! 
वलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति !!!!

दुर्गे स्मृता हरसिभीतिम शेष जन्तो: ,
स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभ!म ददासि !
दारिद्र्य दू:ख भय हारिणी का त्वदन्या , 
सर्वो पकार करणाय सदाs s र्द चित्ता !!2!!

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके !
शरण्ये त्र्यम्वके गौरि नारायणी नमोस्तुते !!!!

शरणागत दीनार्त परित्राण पर!यने!
सर्वस्यारति हरे देवि नारायणी नमोस्तुते !!!!

सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्व शक्ति समन्विते !
भये भ्यस्त्राही नो देवि नारायणी नमोस्तुते !!!!

रोग!न शेषानपहन्सी तुष्टा ,
रुष्टा तुक!मान सकलानभीस्ट!!
त्वामाश्रीतानाम न विपन्नारानाम ,
त्वमाश्रीतानाम ह्याश्र्यताम प्रयान्ति !!!!

सर्वा वाधा प्रशमनं त्रैलोकस्याखिलेस्वरि !
एवमेवत्वया कार्यम अस्मद वैरी विनाशनम !!
!!

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