प्रिय शिव भक्तों ........
प्रतीक्षा के पल समाप्त हुए कल अर्थात फाल्गुन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तदुपरान्त चतुर्दशी को वह महा पुण्यदायी महापर्व श्री महाशिवरात्रि है जो दुर्भाग्य को सौभाग्य में परणित जीवन की सफलता को सुनिश्चित किया जा सकता है आइये जाने कैसे ?
प्रात: कल स्नान आदि क्रिया से निवृत हो स्व कल्याण की कामना से दीप प्रज्ज्वलित कर व्रत का संकल्प करे तदुपरान्त शिवलिंग का जलाभिषेक /दुग्धाभिषेक कर सोड्शोपचार पूजन करें !धूप ,दीप ,नैवेद्य ,ऋतुफल ,विल्वपत्र ,विल्वफल ,भांग ,धतूरा ,दूर्वा अबीर गुलाल दक्षिणा इत्यादि अर्पित कर विविध शिव स्तोत्रो जैसे :-शिव पञ्चाक्षर ,शिव मानस पूजा ,शिव ताण्डव ,शिव सहस्रनाम ,रुद्राष्टक ,रुद्राष्टाध्यायी आदि से स्तुति करें या जप करे ! शिवरात्रि पर जागरण करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है !
प्रतीक्षा के पल समाप्त हुए कल अर्थात फाल्गुन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तदुपरान्त चतुर्दशी को वह महा पुण्यदायी महापर्व श्री महाशिवरात्रि है जो दुर्भाग्य को सौभाग्य में परणित जीवन की सफलता को सुनिश्चित किया जा सकता है आइये जाने कैसे ?
प्रात: कल स्नान आदि क्रिया से निवृत हो स्व कल्याण की कामना से दीप प्रज्ज्वलित कर व्रत का संकल्प करे तदुपरान्त शिवलिंग का जलाभिषेक /दुग्धाभिषेक कर सोड्शोपचार पूजन करें !धूप ,दीप ,नैवेद्य ,ऋतुफल ,विल्वपत्र ,विल्वफल ,भांग ,धतूरा ,दूर्वा अबीर गुलाल दक्षिणा इत्यादि अर्पित कर विविध शिव स्तोत्रो जैसे :-शिव पञ्चाक्षर ,शिव मानस पूजा ,शिव ताण्डव ,शिव सहस्रनाम ,रुद्राष्टक ,रुद्राष्टाध्यायी आदि से स्तुति करें या जप करे ! शिवरात्रि पर जागरण करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है !
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